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किसान जो आंदोलन कर रहे है, उनके ओर सरकार के बीच मीटिंग में क्या निकला।


केंद्र सरकार और किसान 30 दिसंबर 2020, बुधवार को एक बार फिर साथ बैठे। पिछले 35 दिनों से धरने पर बैठे किसानों के साथ सरकार की ये छठे दौर की बातचीत थी। कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर की अगुवाई में किसानों से बात हुई, और दो मसलों पर बात बन भी गई। ये हैं- इलेक्ट्रिसिटी ऐक्ट और पराली जलाने से संबंधित अध्यादेश। इसके अलावा MSP को लेकर भी सरकार ने लिखित भरोसा देने को बात कही है। बाकी बातों पर 4 जनवरी को फिर से वार्ता की जाएगी।

किसान जो आंदोलन कर रहे है, उनके ओर सरकार के बीच मीटिंग में क्या निकला
सौजन्य से ANI


बैठक के बाद कृषि मंत्री तोमर ने कहा –

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“पर्यावरण से संबधित जो अध्यादेश है, उसमें पराली और किसान शामिल हैं। उनकी (किसानों की) शंका थी कि किसानों को इसमें नहीं होना चाहिए. इस पर दोनों पक्षों में सहमति हो गई है। इलेक्ट्रिसिटी ऐक्ट, जो अभी आया नहीं है। उन्हें लगता है कि यह ऐक्ट आएगा तो इससे किसानों को नुकसान होगा। सिंचाई के लिए जो बिजली की सब्सिडी दी जाती है, वो उसी तरह चलनी चाहिए जैसे राज्य देते रहे हैं। इस पर भी सरकार और किसान यूनियनों के बीच सहमति हो गई है:”


बताया जा रहा है कि पराली जलाने के मामले में सरकार ने किसानों को जुर्माने के दायरे से बाहर कर दिया है। वहीं पावर बिल 2020 को वापस लेने पर सहमति जताई है। माझा किसान संघर्ष कमेटी के अध्यक्ष बलविंदर सिंह ने बताया कि सरकार ने दो मांगें मान ली हैं, लेकिन अभी दो विषय रह गए हैं। MSP और तीन कृषि कानून। इन दोनों विषय पर आगे बात होगी। तोमर ने भी कहा कि कानून के विषय में और MSP के विषय में चर्चा पूरी नहीं हुई है। हम लोग (किसान नेता और सरकार) 4 जनवरी को 2 बजे फिर से बैठेंगे और चर्चा को आगे बढ़ाएंगे।


कुछ संतुष्ट नजर आए किसान


भारतीय किसान यूनियन के नेता राकेश टिकैत ने बैठक के बाद संतुष्टि जताई और कहा कि सरकार ने पराली और बिजली कानून वापस ले लिया है। उन्होंने कहा–

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