RSS के पहले प्रवक्ता बाबूराव वैद्य नहीं रहे, पीएम मोदी ने दुख जताया
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) की विचारधारा की नींव पड़ने के समय से इसके साथ जुड़े लोगों में से एक माधव गोविंद वैद्य का 19 दिसंबर को निधन हो गया. RSS के भीतर उन्हें बाबूरावजी वैद्य के नाम से जाना जाता था. वे RSS के पहले प्रवक्ता थे. वे 97 साल के थे और लंबे समय से बीमार चल रहे थे. नागपुर में उनका इलाज चल रहा था. यहीं पर शनिवार की दोपहर उन्होंने अंतिम सांस ली. रविवार की सुबह उनका अंतिम संस्कार किया जाएगा. उनके निधन की ख़बर उनके बेटे और RSS के संयुक्त महासचिव मनमोहन वैद्य ने ट्विटर पर दी. एमजी वैद्य हाल ही में कोविड-19 इंफेक्शन से रिकवर हुए थे.
Shri M. G. Vaidya, my father breathed his last today at 3.35pm at Nagpur after completing 97 years of active, meaningful and inspiring life. He was a veteran journalist, a Hndutva "Bhashyakar" and active Sangh (RSS) Swayamsevak for 9 decades. pic.twitter.com/Gp6QPMsabW
— Dr. Manmohan Vaidya (@ManmohanVaidya) December 19, 2020
उनके निधन पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी दुख जताया है. ट्वीट किया –
Shri MG Vaidya Ji was a distinguished writer and journalist. He contributed extensively to the RSS for decades. He also worked to strengthen the BJP. Saddened by his demise. Condolences to his family and admirers. Om Shanti.
— Narendra Modi (@narendramodi) December 19, 2020
नौ दशक तक RSS के साथ
बाबूरावजी वैद्य करीब नौ दशक तक RSS के साथ जुड़े रहे. उनके निधन पर केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने मराठी में ट्वीट करके संवेदना व्यक्त की. लिखा –
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघाचे जेष्ठ स्वयंसेवक, जेष्ठ संपादक आणि विचारवंत मा. गो. उपाख्य बाबूराव वैद्य यांना माझी विनम्र श्रद्धांजली. पूज्य गुरुजी यांच्यासह सर्व सरसंघचालकांसोबत काम करण्याचे, त्यांना जवळून अनुभवण्याचे भाग्य बाबुरावांना लाभले होते.
— Nitin Gadkari (@nitin_gadkari) December 19, 2020
RSS के सरसंघचालक मोहन भागवत और सरकार्यवाहक भइयाजी जोशी ने भी एक पेज का श्रद्धांजलि संदेश जारी किया है, जिसे RSS ने ट्वीट किया. इसमें लिखा कि –संस्कृत के प्रगाढ़ विद्दान, उत्तम पत्रकार, विधान परिषद के सक्रिय सदस्य, उत्कृष्ट साहित्यिक ऐसी सारी बहुमुखी प्रतिभा के धनी बाबूराव जी ने यह सारी गुणसंपदा संघ में समर्पित कर रखी थी. वे संघ कार्य विकास के सक्रिय साक्षी रहे.
“श्री बाबूरावजी वैद्य का जीवन व्यक्तिगत, पारिवारिक, सामाजिक तथा आजीविका इन चतुर्विध आयामों में संघ संस्कारों की अभिव्यक्ति करने वाला संघानुलक्षी, संपन्न व सुंदर गृहस्थ जीवन था।”
— RSS (@RSSorg) December 19, 2020
श्री बाबूराव वैद्य जी के दुःखद निधन पर परमपूजनीय सरसंघचालक और माननीय सरकार्यवाह जी का शोक सन्देश : pic.twitter.com/4cZBe3SWjG
RSS की स्थापना 1925 में हुई थी. एमजी वैद्य 1940 के करीब से RSS से जुड़े थे. नागपुर से ही निकलने वाले प्रो-RSS अख़बार तरुण भारत के वे संपादक भी रहे.