22 की उम्र में IAS बना यह लड़का, मुकुंद कुमार झा
22 की उम्र में IAS बना यह लड़का, मुकुंद कुमार झा
मुकुंद कुमार झा अपने बारे में बताते हैं कि मै एक किसान परिवार से हूं. मेरी मां एक निजी स्कूल में टीचर थी जो घर मुझे और अन्य बच्चों को पढ़ाती थी. मुकुंद कुुमार झा की बहन ने भी उन्हे पढ़ाया है. इस दौरान उन्हे कई कठिनाइयों का सामना पड़ा. इसलिए उन्होने कोचिंग ज्वाइन नही किया। मुकुंद बताते है कि उन्हे पिता से 2-4 हजार रूपए मांगने में भी परेशानी होती थी क्योकि वो घर की हालत जानते थे. उन्होने अपनी शुरूआती पढ़ाई बिहार में आवासीय सरस्वती विद्या मंदिर से पूरी की. इसके बाद सैनिक स्कूल गोलपाड़ा से 12 की परीक्षा पास की.
फिर डीयू से ग्रेजुएशन किया. वो बताते हैं कि ग्रेजुएशन के बाद मेरी एज कंपलीट नहीं थी, इसलिए 2018 में पूरा मुझे एक साल प्रिपरेशन का मिला. फिर पहली बार 2019 में प्रीलिम्स दिया. उन्होंने ये पूरी तैयारी बिना कोचिंग के की.
22 की उम्र में IAS बना यह लड़का, मुकुंद कुमार झा
वो कहते हैं कि मैं खुद को भाग्यशाली समझता हूं कि पहले अटेंप्ट में निकाला. मुकुंद बताते है कि एक दो बाद उन्हे लगा कि अब वो छोड़ देते है. लेकिन फिर लक्ष्य याद आता था. उसके कारण शक्ति मिलती थी. ये थी स्ट्रेटजी मुकुंद कुमार झा ने अपने इंटरव्यू में कहा कि वो तैयारी के लिए टाइम टेबल को स्ट्रिक्ट होकर फॉलो करते थे. इसके लिए पहले मैं जिस तरह सोशल मीडिया पर एक्टिव रहता था, फिर मैंने फेसबुक, ट्विटर डीएक्टिवेट किया, दोस्तों, फेमिली फंक्शन, शादी समारोह सब छोड़ दिया. प्रॉपर स्ट्रेटजी और बुक लिस्ट बनाई. उन्होने रोजाना 12 से 14 घंटे पढ़ाई की और यूपीएसी की परीक्षा पास की. 22 साल की उम्र में आईएएस बने बिहार के मधुबनी जिले के रहने वाले मुकुंद ने बताया कि यूपीएससी में ये नहीं पूछा जाता कि आपके शर्ट में कितने बटन हैं या कितनी सीढ़ियां आप चढ़कर आए. बल्कि यूपीएससी में ऐसे सवाल पूछे जाते हैं जिससे ये पता चल सके कि आप अपनी कंट्री को कितना जानते हैं.