जनपद गाजियाबाद के इंदिरापुरम थाना पुलिस ने आनलाइन शापिग साइटों के द्वारा बेचे जाने वाले मोबाइल के बदले साबुन डिलीवरी करने वाले ठग गिरोह का पर्दाफाश किया। पुलिस ने मास्टर माइंड सहित सात आरोपितों को दबोचा है। आरोपित चलती गाड़ी में ही पैकेट से मोबाइल निकालकर उसके स्थान पर साबुन रख देते थे। उनके कब्जे से 11 मोबाइल भी बरामद हुए हैं।
अपराध करने का तरीका
नंदग्राम में रहने वाले रूद्र प्रताप सिंह अभिरा मोबाइल टेक्नोलाजी प्राइवेट लिमेटेड के नाम से आनलाइन शापिग साइट(अमेज़न, फ्लिपकार्ट) के माध्यम से मोबाइल बेचते हैं। उनका कार्यालय वसुंधरा सेक्टर एक में है। उन्होंने पांच जनवरी से नौ फरवरी के बीच करीब एक हजार मोबाइल पैक कर एक शापिग साइट को डिलीवरी करने के लिए भेजे। 33 मोबाइल के स्थान पर ग्राहकों को साबुन मिला।
यह भी पढ़े:-जनपद में सभी 14 वार्डो में जिला पंचायत चुनाव लड़ेगी आम आदमी पार्टी : सजंय सिंहउन्होंने अपने कार्यालय की CCTV कैमरे की फुटेज जांची, तो पैकेट में मोबाइल पैक हुए थे। उन्होंने शापिग साइट के डिलीवरी ब्वाय पर मोबाइल के स्थान पर साबुन रखने की पूरी संभावना जताई। रविवार को इसकी इंदिरापुरम थाना में रिपोर्ट दर्ज कराई। पुलिस ने जांच शुरू की। कुछ डिलीवरी ब्वाय पुलिस की रडार पर आए। पुलिस ने मंगलवार को एलिवेटेड रोड के नीचे वसुंधरा सेक्टर-15 से सात आरोपितों को दबोच लिया।
विज्ञापन
चालक और गाड़ी मालिक के साथ सुपरवाइजर भी था शामिल
यह भी पढ़े:-लोनी के वार्ड नंबर 14 से आम आदमी पार्टी जिपं प्रत्याशी के कार्यलय का हुआ उद्घाटन
अंशु जैन, क्षेत्राधिकारी इंदिरापुरम ने बताया कि आरोपितों की पहचान शिवम शर्मा उर्फ चुटिया निवासी मधुवन बापूधाम, शिवम निवासी वैशाली सेक्टर-तीन, नागेंद्र निवासी राजनगर एक्सटेंशन, करन निवासी महाराजपुर, अमन उर्फ भोला निवासी अर्थला, विजय चौहान निवासी करहैड़ा और अशोक कुमार निवासी नंदग्राम के रूप में हुई।
पूछताछ में पता चला कि बीएससी पास डिलीवरी ब्वाय शिवम गिरोह का मास्टर माइंड है। उसने ही करीब चार माह पहले सुपरवाइजर विजय चौहान और चालक अमन के साथ मिलकर ठगी की योजना बनाई। उसमें गाड़ी (मिनी टेंपो) मालिक अशोक कुमार और 12वीं पास अन्य तीनों डिलीवरी ब्वाय शिवम, नागेंद्र और करन को गिरोह में शामिल किया।
सभी डिलीवरी के लिए पैकेट लेकर निकलते थे। उसके बाद रास्ते में गाड़ी में सवार हो जाते थे। गाड़ी चलती रहती थी। अंदर पैकेट से मोबाइल निकालकर उसके वजन का साबुन रखकर पैकेट को दोबारा पैक कर देते थे। उसे ग्राहक को डिलीवर कर दे देते थे। ग्राहक को जब मोबाइल के बदले साबुन मिलता था, तो वह आनलाइन शापिग साइट में शिकायत करते थे। डिलीवरी ब्वाय खुद का पल्ला झाड़ लेते थे।
उन्होंने बताया कि आरोपितों ने पूछताछ में बताया कि उन्होंने फर्जी बिल बुक तैयार की थी। पैकेट से निकाले गए मोबाइल को सस्ते दामों में बेचते थे। ग्राहकों को बिल काटकर दे देते थे। इससे ग्राहकों को शक नहीं होता था। उन्होंने बताया कि आरोपितों के पास से 11 मोबाइल, फर्जी बिल बुक, पैकिग का सामान, साबुन, कटर बरामद हुआ है। उनका आपराधिक इतिहास खंगाला जा रहा है।

