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Oxygen की कमी को पूरा करने के लिए एयरफोर्स ने संभाली कमान, ग्लोबमास्टर और IL-76 बंगाल रवाना


Oxygen की कमी को पूरा करने के लिए एयरफोर्स ने संभाली कमान, ग्लोबमास्टर और IL-76 बंगाल रवाना

24x7 गाजियाबाद न्यूज़

कोरोना महामारी के चलते ऑक्सीजन की भारी कमी के बीच भारतीय वायुसेना राहत कार्य में जुट गयी है। वायुसेना ने अपने विमानों से ऑक्सीजन एयरलिफ्ट करना शुरू कर दिया है। बृहस्पतिवार रात गाजियाबाद के हिंडन एयरफोर्स स्टेशन से सी-17 ग्लोबमास्टर और आईएल-76 विमान तीन खाली ऑक्सीजन के टैंकर लेकर पश्चिम बंगाल के पानागढ़ रवाना हुए। वहां से टैंकर में ऑक्सीजन लाकर दिल्ली के अस्पतालों को सप्लाई की जाएगी।


भारतीय वायुसेना अधिकारियों ने बताया कि सी-17 ग्लोबमास्टर विमान में दो और आईएल 76 विमान में एक ऑक्सीजन टैंकर को पश्चिम बंगाल के पानागढ़ रवाना किया गया है। टैंकर में ऑक्सीजन भरने के बाद विमानों से ही उन्हें दिल्ली लाया जाएगा। बता दें कि दिल्ली हाइकोर्ट ने सरकार को ऑक्सीजन कन्टेनरों को एयरलिफ्ट करने को कहा था।

Oxygen की कमी को पूरा करने के लिए एयरफोर्स ने संभाली कमान, ग्लोबमास्टर और IL-76 बंगाल रवाना


विमानन क्षेत्र की दिग्गज अमेरिकी कंपनी बोइंग ने करार के तहत भारत को सी-17 ग्लोबमास्टर मिला था। ऐसे कुल 10 विमान भारतीय वायुसेना के पास हैं। भारत अमेरिका के बाद सबसे ज्यादा सी-17 ग्लोबमास्टर रखने वाला दूसरा देश है।

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सी-17 ग्लोबमास्टर मालवाहक विमान अपनी खासियतों के लिए दुनियाभर में जाना जाता है। इस विशाल विमान से एक ही बार में सैनिक टुकड़ी अपने पूरे साजो-सामान के साथ एक जगह से दूसरी जगह भेजी जा सकती है। हाल ही में सीमा पर चीन के साथ बढ़े तनाव के समय भारत ने सी-17 ग्लोबमास्टर को लद्दाख में उतारकर पड़ोसी देश को अपनी ताकत का परिचय कराया था। इसके अलावा यह विमान आपातकाल में भी बहुत उपयोगी है। अभी हाल ही में ओडिशा और आंध्र प्रदेश में आए फेलिन तूफान के समय इसका इस्तेमाल राहत सामग्री भेजने के लिए किया गया।


अमेरिकी कंपनी बोइंग का यह विमान 1991 में पहली बार जमीन पर उतरा। इसके बाद से कंपनी अब तक कुल 258 सी-17 ग्लोबमास्टर बना चुकी है। इसमें 223 विमान अमेरिकी वायुसेना के पास हैं, जबकि 35 विमान भारत, आस्ट्रेलिया, कनाडा, कतर, संयुक्त अरब अमीरात और ब्रिटेन ने खरीदे हैं।

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