इंसानियत का पैगाम देने वाले लाजपत नगर के इन 5 लड़कों को सलाम
24x7 ग़ाज़ियाबाद न्यूज़
आज इंसानियत हुई फिर शर्मसार। विनायक नागर पुत्र श्री रमाशंकर निवासी बी 23 ए मल्टीस्टोरी लाजपत नगर साहिबाबाद गाजियाबाद पिछले 1 सप्ताह से कोरोना से पीड़ित थे और घर में ही होम आइसोलेट रहते हुए अपना उपचार कर रहे थे। आज शुक्रवार को सुबह 10:30 बजे उन्होंने अपने प्राण त्याग दिए। जिला प्रशासन से स्थानीय नेतागणों से मृतक के पार्थिव शरीर के लिए एम्बुलेंस की गुहार लगाते रहे परंतु 6 घंटे तक सुविधा नही मिल सकी, जिसके कारण पार्थिव देह से दुर्गंध फैल रही थी। न ही कोई व्यक्ति शरीर को उपर से नीचे तक लाने में हिम्मत जुटा पाया, वहीं सूचना मिलने पर स्थानीय कॉलोनी के 5 लड़कों ने पीपीई किट पहनकर पार्थिव शरीर को मल्टी स्टोरी बिल्डिंग से उतार कर इंसानियत का पैगाम दिया।
मृतक के परिजनों ने बताया गुजरात राज्य के मूल निवासी विनायक नागर जोकि लाजपत नगर क्षेत्र में रहते थे पिछले चार-पांच दिनों से करोना से पीड़ित थे शुक्रवार सुबह अचानक सांस लेने में दिक्कत आई हॉस्पिटल के चक्कर काटने पर ऑक्सीजन की अनुपलब्धता के कारण उन्होंने प्राण त्याग दिए। मृतक के परिजन 6 घंटे तक जिला प्रशासन के सभी अधिकारियों से एंबुलेंस की गुहार लगाते रहे, मगर किसी भी अधिकारी के कान पर जू नही रेंगी, जो उनकी संवेदना को समझने का प्रयास कर सके। अगर समय पर मृतक को उपचार मिल जाता तो आज वह जीवित होते हैं, मगर दुर्भाग्य तो इस बात का है कि उसने इस भारत देश मे जन्म लिया और ऐसे जनप्रतिनिधियों को अपना अमूल्य वोट दिया, जो उसकी पीड़ा को समझ तो गए मगर कानो में डाट लगाए अधिकारियों से एम्बुलेंस उपलब्ध कराने में असमर्थ रहे।
यह भी पढ़े:- सोशल मीडिया पर फेक पोस्ट करने से बचें नहीं तो होगी कार्यवाही SDM लोनीपीड़ित के स्वजनों ने, उनके पड़ोसियों ने एवं स्थानीय समाजसेवी हिमांशु शर्मा ने जिले के आला अधिकारियो डीएमओ जी के मिश्रा, नगर आयुक्त महेंद्र सिंह तंवर, कोविड-19 हेल्पडेस्क, महापौर आशा शर्मा, क्षेत्रीय उपाध्यक्ष मयंक गोयल, विधायक प्रतिनिधि हरीचंद शर्मा, पुलिस के आला अधिकारियों, इत्यादि लोगों से निरंतर संपर्क किया। मगर जनप्रतिनिधियों की दरखास्त जिला प्रशासन ने नजरअंदाज कर दी। जहां मृतक के परिवार के सदस्य दाह-संस्कार के लिए इंतजार कर रहे थे, वही आस-पड़ोस के लोगों का सरकार में बैठे प्रशासन के अधिकारियों के प्रति गुस्सा बढ़ रहा था। साथ ही आस पड़ोस में भय का माहौल था, क्योंकि मृतक के शरीर से दुर्गंध फैल रही थी। वही आसपास के लोग कुछ समूह बनाकर एक दूसरे से सरकार और प्रशासन में बैठे आला अधिकारियों के प्रति नाराजगी व्यक्त कर रहे थे।
स्थानीय लोगों की माने तो उनका कहना था कि आसपास संक्रमण फैलने का खतरा क्योंकि मल्टी स्टोरी बिल्डिंग है और एक ही सीढ़ियों के माध्यम से 10-12 परिवारों का आवागमन है।
मगर इंसानियत का नया तरीका लाजपत नगर के 4/5 युवाओं ने दिखाया। उन्होंने अपनी जान की परवाह न करते हुए मृतक के शरीर को उसके घर से नीचे उतार कर एंबुलेंस में बैठाने का काम था एक और लोग अपने घरों में बैठकर इस मंजर को देख रहे थे वही युवा साथियों ने हिंदू मुस्लिम एकता का परिचय देने का काम करा और साथी इन पांच युवकों में से एक मुस्लिम भी था उनका नाम सम्मी खान, सुरेश कसाना अनिल कुमार, सुशील चौधरी व पंडित हिमांशु शर्मा पूर्व पार्षद प्रत्याशी वार्ड 75। अगर यह लोग ना पहुंचे तो शायद आज यह पार्थिव शरीर को उसके घर पर ही पड़ा रहता हैं क्योंकि उनके घर में उनकी धर्मपत्नी एक ही बेटा है।
प्रशासन में बैठे एक योग्य पुरुष अधिकारी साहिबाबाद थानाध्यक्ष विष्णु कौशिक ने पीड़ित के परिजनों की समस्या को गंभीरता से लेते हुए तत्काल एंबुलेंस दिलवाने का काम कर धन्यवाद ऐसे कोरोना वॉरियर्स
मृतक के परिजनों ने सरकार से निवेदन किया है कि सत्ता में बैठे प्रशासनिक अधिकारी व जनप्रतिनिधि अगर किसी व्यक्ति के covid के तहत मृत्यु अगर हो जाती है और उसके साथ कोई उसका परिजन ना हो तो ऐसे लोगों के लिए तत्काल प्रभाव से जिला प्रशासन के द्वारा उसका दाह संस्कार कराना चाहिए और एक समिति का गठन करना चाहिए जिससे उस परिवार को और वहां के अड़ोस पड़ोस को इस संक्रमण से बचा सकते हैं और उसका दाह संस्कार जिला प्रशासन के खर्चे पर होना चाहिए। मेरी संवेदना अगर सही लगे तो सरकार और प्रशासन में बैठे अधिकारियों इस पर तत्काल निर्णय लें अन्यथा यह आपदा बहुत ही भयानक रूप लेने वाली है जिसके दोषी आप होंगे।


