गाजियाबाद में धू धू कर जल उठी 3 फैक्टरिया, ड्रमों के धमाकों से मची भगदड़। 3 factories burnt in Ghaziabad, stampede caused by the blasts of drums
24x7 ग़ाज़ियाबाद न्यूज़
जनपद के कविनगर थानाक्षेत्र में बुधवार को एक के बाद एक तीन फैक्टरियां आग से धधक उठीं। सबसे पहले बुलंदशहर रोड इंडस्ट्रियल एरिया में सुबह करीब साढ़े 8 बजे केमिकल फैक्टरी में आग लगी। आग इतनी भीषण थी कि बगल में स्थित पाइप फैक्टरी को भी अपनी चपेट में ले लिया। केमिकल फैक्टरी में रखे ड्रम विस्फोट के साथ फटने लगे, जिससे आसपास भगदड़ मच गई। अग्निकांड की भयावहता को देखते हुए बुलंदशहर और गौतमबुद्धनगर से भी दमकल की गाड़ियां मंगानी पड़ीं। दमकल की कुल 20 गाड़ियों ने 7 घंटे की मशक्कत के बाद आग पर काबू पाया। यहां आग अभी बुझी नहीं थी कि यादव नगर इंडस्ट्रियल एरिया में भी पाइप फैक्टरी के गोदाम में आग लग गई। दमकल की 4 गाड़ियों ने एक घंटे की मशक्कत के बाद आग पर काबू पाया। आग लगने का कारण शॉर्ट सर्किट बताया जा रहा है।
पहले मेंथा अलाइड प्रोडक्ट्स की फैक्टरी धधकी।
CFO (मुख्य अग्निशमन अधिकारी) सुनील कुमार सिंह में बताया कि बुलंदशहर रोड इंडस्ट्रियल एरिया में मनोज गुप्ता की मेंथा एलाइड प्रोडक्ट्स की फैक्टरी है, जिसमें मेंथा ऑयल के अलावा केमिकल तैयार किया जाता है। सुबह 8:40 बजे सूचना मिली की फैक्टरी में भीषण आग लग गई है। इसके बाद दमकल की 5 गाड़ियां मौके पर भेज दी गईं। हालात बेकाबू होते देख जिले से पांच अन्य गाड़ियां भी बुला ली गईं। साथ ही गौतमबुद्धनगर और बुलंदशहर से भी दमकल की 10 गाड़ियां मंगानी पड़ीं। इसी बीच बगल स्थित पीवीसी पाइप बनाने वाली फैक्टरी वीआर एंटरप्राइजेज में भी आग लग गई। मुख्य अग्निशमन अधिकारी का कहना है कि दोनों फैक्टरियों में 60 लाख से अधिक के नुकसान का अनुमान है।
फैक्टरी में रखे ड्रम धमाकों के साथ फटे, कार भी राख हुई।
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फैक्टरी में रखे मेंथा ऑयल के ड्रम धमाके के साथ फटने लगे, जिससे आसपास के इलाके में भगदड़ मच गई। विस्फोट के बाद हवा में उछलकर आए अवशेष की चपेट में आकर केमिकल फैक्टरी के बाहर खड़ी लग्जरी कार में भी आग लग गई और वह भी जलकर राख हो गई। मुख्य अग्निशमन अधिकारी ने बताया कि आग को फैलने से रोकने के लिए रणनीति बनाते हुए चार तरफ से बचाव कार्य शुरू किया गया। चपेट में आई दोनों फैक्टरियों के अगल-बगल स्थित अन्य फैक्टरियों को खाली कराया गया।
NDRF भी मौके पर पहुंची।
फैक्टरी में आग की सूचना पर NDRF की टीम भी मौके पर पहुंच गई। 8वीं बटालियन के कमांडेंट पीके तिवारी ने बताया कि महिलाकर्मियों समेत 37 जवानों की टीम फायर टेंडर और अन्य उपकरणों के साथ मौके पर भेजी गई थी। डॉग स्क्वॉयड भी था। वहीं, दमकल विभाग के करीब 80 कर्मचारी आग बुझाने में जुटे रहे। एडीएम सिटी शैलेन्द्र प्रताप सिंह, सिटी मजिस्ट्रेट बिपिन कुमार, सीओ कविनगर अभय कुमार मिश्र, एसएचओ कविनगर अजय कुमार सिंह आदि भी आग बुझने तक मौके पर मोर्चा संभाले रहे।
जलने से बचाई तीसरी फैक्टरी।
दोनों फैक्टरियों की बगल में चेतन इंटरनेशनल नाम से एक और फैक्टरी थी। मशक्कत करके इस फैक्टरी को आग की चपेट में आने से बचा लिया। अगर इस फैक्टरी में आग लग जाती तो बड़ा हादसा हो सकता था। मुख्य अग्निशमन अधिकारी का कहना है कि पानी व फोम के इस्तेमाल से 5 घंटे में आकर बुझा दी गई थी, लेकिन पूरी तरह आग पर काबू पाने में 7 घंटे लग गए। शाम 4 बजे आग पूरी तरह से बुझ चुकी थी।
चंद किलोमीटर दूर एक अन्य फैक्टरी में लगी आग।
इंडस्ट्रियल एरिया में लगी दो फैक्टरियों की आग अभी बुझी नहीं थी कि चंद किलोमीटर दूर यादव नगर इंडस्ट्रियल एरिया में एक अन्य फैक्टरी में आग की सूचना पुलिस प्रशासनिक अमला दौड़ पड़ा। मुख्य अग्निशमन अधिकारी ने बताया कि यहां पंकज अग्रवाल की पाइप फैक्टरी के गोदाम में आग लग गई थी। दमकल की 4 गाड़ियों ने एक घंटे की मशक्कत के बाद आग पर काबू पा लिया।
नहीं थे फैक्टरियों में आग से बचाव के संसाधन
CFO सुनील सिंह का कहना है औद्योगिक इकाई में आग से बचाव के संसाधन होने अनिवार्य हैं। निर्माण और क्षेत्रफल के हिसाब से इसके मानक तय हैं, लेकिन दोनों फैक्टरियों में आग से बचाव संसाधन नहीं थे। उनका कहना है कि औद्योगिक क्षेत्र में अग्निकांड से बचाव के संसाधन न होने पर कार्रवाई का अधिकार UPSIDC को है। जिले की 80 फीसदी औद्योगिक इकाइयों में अग्निकांड से बचाव के उपकरण मानक के अनुरूप नहीं हैं। UPSIDC की बैठक में हर बार यह मुद्दा उठाया जाता है।