लोनी | साढे 4 साल में डूडा विभाग से प्रधानमंत्री आवास योजना के अंतर्गत 20% से कम जरूरतमंदों को लाभ मिला है-विधायक नंदकिशोर गुर्जर
- जिलाधिकारी गाजियाबाद को पत्र लिख डूडा के अधिकारियों पर लगाया आरोप।
- 80 प्रतिशत से अधिक बांग्लादेशी और रोहिंग्या को मिला लाभ।
- डूडा के कर्मचारियों और अधिकारियों को चिन्हित कर रासुका लगाने की मांग
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लोनी। प्रमोद गर्ग
लोनी विधायक नंदकिशोर गुर्जर ने प्रधानमंत्री की महत्वपूर्ण आवास योजना में हुई धांधली का खुलासा करने के लिए जिलाधिकारी गाजियाबाद को पत्र लिखकर डाटा उपलब्ध कराया है। पत्र में उल्लेख किया गया है कि साढे 4 साल में डूडा विभाग से प्रधानमंत्री आवास योजना के अंतर्गत 20% से कम जरूरतमंदों को लाभ मिला है। सबसे अधिक प्रधानमंत्री आवास योजना का लाभ बांग्लादेशी रोहिंग्याओ को फर्जी दस्तावेज तैयार कर दिया गया है।
जिलाधकारी को लिखे पत्र बताया कि लोनी में साढ़े चार सालों में डूडा विभाग ने काफी अनियमितताएं बरती है। डूडा अधिकारियों/कर्मचारियों की मिलीभगत से करीब 80% से अधिक बांग्लादेशी रोहिंग्याओ को फर्जी दस्तावेज के आधार पर प्रधानमंत्री आवास योजना के अंतर्गत लाभ मिला है।
उन्होंने ने पत्र में डूडा के अधिकारियों/कर्मचारियों और फर्जी काम में संलिप्त लोगों पर रासुका लगाने की मांग भी की है। उन्होंने पत्र में यह भी लिखा कि जिन बांग्लादेशियों ने फर्जी जमीन खरीद कर ढाई लाख रुपए का लाभ लिया है, उनकी आई ड़ी रद्द कर सख्त कार्रवाई करी जाए।
उन्होंने पत्र में बताया कि पिछले साढे 4 साल में बिना उनकी संस्तुति के स्थानीय संचालित गैंग की मदद से बांग्लादेशी रोहिंग्या लोनी के मूल निवासी बन गए हैं। देश की राजधानी दिल्ली से वह अपने फर्जी दस्तावेज तैयार करवाते हैं। उनकी जांच कर उनके विरुद्ध सख्त कार्रवाई कर रासुका के तहत मुकदमा दर्ज करा कर जेल भेजा जाए।
विधायक ने पत्र में यह भी उल्लेख किया है कि पूर्व में संसद में हमले के आतंकी को लोनी से ही गिरफ्तार किया गया था और लोनी में आतंकियों से इन बांग्लादेशी रोहिंग्याओ के सीधे तार जुड़े हुए हैं इन्हें तत्काल प्रभाव से गिरफ्तार कर जेल भेजा जाना चाहिए।
उन्होंने तथा उपजिलाधिकारी एवं अधिशासी अधिकारी नगर पालिका परिषद को जांच करने के लिए पत्र भी प्रेषित किया है।
वहीं, डूडा शहर मिशन प्रबंधक कौशलेंद्र का कहना है कि नगर पालिका और तहसील के स्तर पर आवेदनकर्ताओं की जांच की जाती है। आवेदनकर्ताओं को पात्र घोषित किए जाने के बाद ही विभाग द्वारा आगे की कार्रवाई की जाती है।
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