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माननीय मदन भैया जी पूर्व विधायक ने दिल्ली स्थित बीएसएनएल कारपोरेट ऑफिस में अकाउंट विंग के उच्चाधिकारियों की तानाशाही एवं भ्रष्टाचार के विषय में माननीय प्रधानमंत्री जी को लिखा पत्र।

माननीय मदन भैया जी पूर्व विधायक ने दिल्ली स्थित बीएसएनएल कारपोरेट ऑफिस में अकाउंट विंग के उच्चाधिकारियों की तानाशाही एवं भ्रष्टाचार के विषय में माननीय प्रधानमंत्री जी को लिखा पत्र

         माननीय मदन भैया जी ने माननीय प्रधानमंत्री जी को अपने पत्र में लिखा कि आपको सादर अवगत कराना चाहूंगा कि बीएसएनएल की आर्थिक स्थिति को गर्त में ले जाने के बाद भी इस कंपनी के अकाउंट विंग में उच्च पदों पर तैनात अधिकारी अभी भी सुधरने के लिए तैयार नहीं है। जबकि आप की अगुवाई में देश के संचार मंत्री श्री रविशंकर प्रसाद जी द्वारा बीएसएनएल के रिवाइवल हेतु इस महकमे के अधिकारियों एवं कर्मचारियों के लिए एक आकर्षक स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति योजना लाई गई थी। सेवा निवृत्ति की इस आकर्षक योजना का लाभ लेते हुए देश के लगभग एक लाख लोगों ने बीएसएनएल और एमटीएनएल से स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति ली थी ।
माननीय मदन भैया जी पूर्व विधायक ने दिल्ली स्थित बीएसएनएल कारपोरेट ऑफिस में अकाउंट विंग के उच्चाधिकारियों की तानाशाही एवं भ्रष्टाचार के विषय में माननीय प्रधानमंत्री जी को लिखा पत्र

            आपके द्वारा हर संभव प्रयास किए गए हैं कि सरकारी महकमों से सेवानिवृत्त हुए लोगों को पेंशन अथवा सेवानिवृत्ति के बाद अन्य किसी भी प्रकार के भुगतान में कोई देरी न होने पाए । इसके लिए आपने संबंधित विभाग पर कड़ी निगरानी रखने के विशेष इंतजाम  किए हैं । इसी का नतीजा है कि बीएसएनएल और एमटीएनएल के 31 जनवरी 2020 को वीआरएस के तहत सेवानिवृत्त अधिकारियों को फरवरी माह 2020 के अंतिम दिन पेंशन का भुगतान हो सका। जोकि एक बहुत बड़ा काम है । अन्यथा तो रिटायर होने के बाद सेवानिवृत्त हुए लोग कई कई महीनों तक पेंशन और सेवानिवृत्ति के बाद के बेनिफिट्स को प्राप्त करने के लिए विभागों के चक्कर लगाते रहते थे। इस सराहनीय कार्य के लिए मैं आपको तहे दिल से धन्यवाद देता हूं।
माननीय मदन भैया जी पूर्व विधायक ने दिल्ली स्थित बीएसएनएल कारपोरेट ऑफिस में अकाउंट विंग के उच्चाधिकारियों की तानाशाही एवं भ्रष्टाचार के विषय में माननीय प्रधानमंत्री जी को लिखा पत्र

          लेकिन साथ ही साथ विशेष सूत्रों से प्राप्त जानकारी को भी सादर आपके साथ साझा कराना चाहूंगा कि आपके सराहनीय प्रयासों के बावजूद भी बीएसएनएल मुख्यालय में अकाउंट विंग में तैनात कुछ उच्च अधिकारियों का एक सिंडिकेट अभी भी सुधरने का नाम नहीं ले रहा हैं। इन अधिकारियों के मुखिया श्री सुरजीत मंडल नामक जीएम फाइनेंस एवं इनकी सिंडिकेट में शामिल श्री पूरन चंद भट्ट जैसे इसके साथी अभी भी भ्रष्ट कारनामों से बाज नहीं आ रहे हैं । प्राप्त जानकारी के अनुसार यह निजी कंपनी एवं प्राइवेट वेंडर्स के करोड़ों रुपए के किसी भी भुगतान की प्रक्रिया यथाशीघ्र पूरी करने के लिए खासा कमीशन बतौर सुविधा शुल्क वसूलते हैं । इनका भ्रष्टाचार निजी वेंडर्स के भुगतान में स्वार्थ सिद्धि तक ही सीमित नहीं है बल्कि यहां तक भी सूचनाएं प्राप्त हुई है कि यह बीएसएनएल के विभिन्न टेलीकॉम सर्कल्स को फंड्स का आवंटन भी निजी स्वार्थ सिद्धि के आधार पर करते हैं। विश्वस्त सूत्रों से पता चला है कि जिन टेलीकॉम सर्कल्स के मुखिया इन्हें प्रलोभन दे देते हैं उन सर्किल के प्राइवेट वेंडर्स के भुगतान हेतु अच्छा खासा फंड्स आवंटन करने में यह देर नहीं लगाते हैं ।

      बीएसएनएल मुख्यालय में तैनात श्री सुरजीत मंडल नामक जीएम फाइनेंस एवं इनके एक निकट सहयोगी कहे जाने वाले श्री पूर्ण चंद्र भट्ट आदि इसकी सिंडीकेट के अधिकारियों के भ्रष्टाचार की सीमा यहीं तक सीमित नहीं है । अब इन्होंने वीआरएस के तहत सेवानिवृत्त हुए अधिकारियों एवं कर्मचारियों को भी अपनी भ्रष्टाचारी भूख का शिकार बनाने के लिए नजर गड़ा दी है।
               आपको सादर अवगत कराना चाहूंगा कि बीएसएनएल में वीआरएस की शर्तों में उल्लिखित बिंदु संख्या 7 की क्लॉज  (!!) को पूरी तरह से अनदेखी करते हुए सेवानिवृत्त हुए अधिकारियों एवं कर्मचारियों के अर्जित अवकाश का भुगतान इन्होंने नहीं किया गया है । स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति योजना की शर्तों के बिंदु संख्या 7 की क्लॉज (!!) में किए गए प्रावधान के अनुसार उन समस्त सेवानिवृत्त अधिकारियों एवं कर्मचारियों को पेंशन, ईपीएफ, जीपीएफ और अर्जित अवकाश की धनराशि का भुगतान किया जाना शर्तों एवं नियमों के अंतर्गत आता है जिनके विरुद्ध विभाग अथवा विभाग से बाहर कोई कोर्ट केस अथवा चार्जशीट लंबित है बशर्ते की कोर्ट केस अथवा विचाराधीन विभागीय मामले किसी घपले, घोटाले, गबन आदि से संबंधित न हो। यानी कि जिन मामलों में केस का निर्णय आने पर किसी भी रूप में धन रिकवरी की कोई संभावना नहीं हो ऐसे मामलों में सेवानिवृत्त लोगों को ईपीएफ, जीपीएफ, पेंशन और अर्जित अवकाश की धनराशि भुगतान किए जाने का नियमानुसार प्रावधान है ।

       प्राप्त जानकारी के अनुसार आपको सादर अवगत कराना चाहूंगा कि श्री सुरजीत मंडल जीएम फाइनेंस बी एस एन एल मुख्यालय एवं अकाउंट विंग में तैनात इसके भ्रष्टाचारी सिंडिकेट में शामिल अधिकारियों की खराब नियत के कारण सेवानिवृत्त लोगों को इसलिए भुगतान नहीं किया गया क्योंकि भुगतान से वंचित सेवानिवृत्त अधिकारियों एवं कर्मचारियों को यह भ्रष्ट सिंडीकेट  व्यक्तिगत तौर पर बुलाने के लिए बाध्य करने की युक्ति में लगे हुए हैं । ताकि सेवानिवृत्त कर्मी श्री सुरजीत मंडल और इसकी सिंडीकेट के अन्य अधिकारियों से निजी तौर पर संपर्क करके इनको सुविधा शुल्क दे दे कर अपनी धनराशि अवमुक्त कराने के लिए विवश हो सकें । अगर देश में कोरोना संकट की वजह से आवागमन अवरुद्ध नहीं हुआ होता तो अब तक लोगों को निजी तौर पर बुला बुला कर यह करोड़ों रुपए की धनराशि भ्रष्टाचारी तरीके से वसूल चुके होते । जानकारी में तो यहां तक भी आया कि सेवानिवृत्त हुए अधिकारियों एवं कर्मचारियों की ऐसी धनराशि लगभग 30 करोड रूपए बनती है। जिसे श्री सुरजीत मंडल महाप्रबंधक वित्त एवं इसका सिंडिकेट बैंक में पेंडिंग रखकर बैंक से निजी स्वार्थ लेने के लिए बैंक को भी ओबलाइज कर रहे हैं । यह लोग "आम के आम और गुठलियों के दाम" वाली कहावत को चरितार्थ करते हुए बड़े ही षडयंत्र पूर्ण तरीके से दो तरह का निजी स्वार्थ लेने के लिए सेवानिवृत्त लोगों के अर्जित अवकाश की धनराशि को साजिशन भुगतान नहीं कर रहे हैं जोकि जांच का गंभीर विषय है।

      अतः आपसे सानुरोध प्रार्थना है कि बीएसएनएल वीआरएस की टर्म्स कंडीशन के बिंदु संख्या 7 के क्लॉज (!!) के दायरे में आने वाले सेवानिवृत्त कर्मचारियों एवं अधिकारियों के अर्जित अवकाश की धनराशि को भुगतान कराने हेतु आदेश पारित करने का कष्ट करें।

द्वितीय अर्जित अवकाश की धनराशि सेवानिवृत्त कर्मियों को नियमानुसार भुगतान न किए जाने की सीबीआई से जांच कराई जाए । तृतीय श्री सुरजीत मंडल जीएम फाइनेंस एवं इसकी सिंडीकेट में शामिल अकाउंट विंग के अन्य उल्लिखित प्रभावशाली अधिकारियों की संपत्ति की जांच कराई जाए। जिन्होंने इस महकमे में रहकर अकूत संपत्ति इकट्ठी की हुई है। जांच के दौरान ऐसे अधिकारियों को दिल्ली से दूरस्थ प्रभावहीन पदों पर स्थानांतरितक्या जाए ताकि जांच को प्रभावित न कर सके। जिन्होंने अपने भ्रष्टाचारी कारनामों से बीएसएनएल जैसी कंपनी को रसातल में ले जाने का काम किया है। जबकि माननीय जी आपके नेतृत्व में श्री रविशंकर प्रसाद संचार मंत्री भारत सरकार द्वारा बीएसएनएल के रिवाइवल हेतु उठाए गए कदमों के बाद भी इस तरह के अधिकारी बीएसएन एल को डुबोने पर उतारू हैं ।
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