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हरियाणा कैडर की आईएएस अधिकारी रानी नागर द्वारा इस्तीफे की घोषणा ने खोली सरकार की पोल।
पिछड़ी जातियां और गुर्जर समाज इस्तीफे की पेशकश से स्तब्ध ।
              - कर्मवीर नागर प्रमुख

उत्तर प्रदेश की जनपद गौतम बुध नगर के बादलपुर गांव की पैतृक निवासी, गाजियाबाद की हाल निवासी पिछड़ी जाति के गुर्जर समाज से ताल्लुकात रखने वाली रानी नागर द्वारा आई ए एस अधिकारी के पद से इस्तीफे की घोषणा से पूरा समाज स्तब्ध होने के साथ-साथ गुस्से में नजर आ रहा है। रानी नागर के इस्तीफे की घोषणा से हरियाणा सरकार और उत्पीड़न करने वाले अधिकारियों की चौतरफा निंदा हो रही है। यहां तक कि हरियाणा और केंद्र सरकार की सत्ता में भागीदारी कर रहे गुर्जर नेताओं को विशेष तौर पर निंदा का शिकार होना पड़ रहा है।

     रानी नागर का इस्तीफा महिलाओं के प्रति हरियाणा सरकार की संजीदगी जैसे विषय पर सवालिया निशान है। आईएएस जैसे प्रतिष्ठित पद पर नियुक्ति के लिए देश के युवाओं को कितनी मेहनत मशक्कत करनी होती है । आईएएस जैसे देश के प्रतिष्ठित पद से इस्तीफे के लिए रानी नागर द्वारा पेशकश करना वरिष्ठ अधिकारियों द्वारा किए जा रहे उत्पीड़न की गंभीरता को बताने के लिए काफी है । क्योंकि देश के आईएएस जैसे प्रतिष्ठित पद से कोई भी आसानी से इस्तीफा की पेशकश नहीं कर सकता । रानी नागर के इस्तीफे की घोषणा ने हरियाणा सरकार के चेहरे को पूरी तरह से बेनकाब कर दिया है । इस घटना ने सरकार से संरक्षण प्राप्त ऐसे अधिकारियों की पोल खोल कर रख दी है जो आईएएस अधिकारी जैसी महिला पर भी अत्याचार करने से बाज नहीं आ रहे हैं। रानी नागर का उत्पीड़न इस बात की तरफ सीधा इशारा करता है कि जब इस देश में आईएएस जैसे महत्वपूर्ण पद पर तैनात एक महिला अधिकारी भी महफूज नहीं है तब इस देश में सामान्य महिलाएं कितनी महफूज होंगी ? यह किसी को बताने की आवश्यकता नहीं है । देश की सभी पिछड़ी जातियों के साथ-साथ हम गुर्जर समाज के लोग इस घटना की कड़े शब्दों में निंदा करते हुए देश के माननीय प्रधानमंत्री से मांग करते हैं कि इस प्रकरण की सीबीआई से उच्च स्तरीय जांच कराई जाए!जांच में दोषी पाए जाने वाले अधिकारियों के विरुद्ध कड़ी कार्रवाई करते हुए देश में नारी सम्मान की रक्षा का  संदेश पूरे देश को दिया जाए। ताकि भविष्य में कोई अधिकारी अपने पद एवं प्रभाव का दुरुपयोग करते हुए किसी महिला का उत्पीड़न करने की हिम्मत ना जुटा सके।
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