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मकर संक्रांति के दिन दान करने से भगवान सूर्य देव खुश होते हैं : सुशील श्रीवास्तव


आज प्रवासी विकास मंच द्वारा मकर संक्रांति के पावन पर्व के मौके पर वार्ड नं.1 अंजलि विहार में खिचड़ी वितरण कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस मौके पर प्रवासी विकास मंच के अध्यक्ष सुशील श्रीवास्तव ने कहाँ की शास्त्रों के अनुसार, दक्षिणायन को देवताओं की रात्रि अर्थात् नकारात्मकता का प्रतीक तथा उत्तरायण को देवताओं का दिन अर्थात् सकारात्मकता का प्रतीक माना गया है। इसीलिए इस दिन जप, तप, दान, स्नान, श्राद्ध, तर्पण आदि धार्मिक क्रियाकलापों का विशेष महत्व है। ऐसी धारणा है कि इस अवसर पर दिया गया दान सौ गुना बढ़कर पुन: प्राप्त होता है। इस दिन खिचड़ी एवं कम्बल का दान मोक्ष की प्राप्ति करवाता है। 

मकर संक्रांति के दिन दान करने से भगवान सूर्य देव खुश होते हैं : सुशील श्रीवास्तव

मकर संक्रांति के दिन दान करने से भगवान सूर्य देव खुश होते हैं : सुशील श्रीवास्तव


मकर संक्रान्ति के अवसर पर गंगास्नान एवं गंगातट पर दान को अत्यन्त शुभ माना गया है। इस पर्व पर तीर्थराज प्रयाग एवं गंगासागर में स्नान को महास्नान की संज्ञा दी गयी है। सामान्यत: सूर्य सभी राशियों को प्रभावित करते हैं, किन्तु कर्क व मकर राशियों में सूर्य का प्रवेश धार्मिक दृष्टि से अत्यन्त फलदायक है। यह प्रवेश अथवा संक्रमण क्रिया छ:-छ: माह के अन्तराल पर होती है। भारत देश उत्तरी गोलार्ध में स्थित है। मकर संक्रान्ति से पहले सूर्य दक्षिणी गोलार्ध में होता है अर्थात् भारत से अपेक्षाकृत अधिक दूर होता है। इसी कारण यहाँ पर रातें बड़ी एवं दिन छोटे होते हैं तथा सर्दी का मौसम होता है। किन्तु मकर संक्रान्ति से सूर्य उत्तरी गोलार्द्ध की ओर आना शुरू हो जाता है। अतएव इस दिन से रातें छोटी एवं दिन बड़े होने लगते हैं तथा गरमी का मौसम शुरू हो जाता है। दिन बड़ा होने से प्रकाश अधिक होगा तथा रात्रि छोटी होने से अन्धकार कम होगा। अत: मकर संक्रान्ति पर सूर्य की राशि में हुए परिवर्तन को अंधकार से प्रकाश की ओर अग्रसर होना माना जाता है। 

मकर संक्रांति के दिन दान करने से भगवान सूर्य देव खुश होते हैं : सुशील श्रीवास्तव




प्रकाश अधिक होने से प्राणियों की चेतनता एवं कार्य शक्ति में वृद्धि होगी। ऐसा जानकर सम्पूर्ण भारतवर्ष में लोगों द्वारा विविध रूपों में सूर्यदेव की उपासना, आराधना एवं पूजन कर, उनके प्रति अपनी कृतज्ञता प्रकट की जाती है। सामान्यत: भारतीय पंचांग पद्धति की समस्त तिथियाँ चन्द्रमा की गति को आधार मानकर निर्धारित की जाती हैं, किन्तु मकर संक्रान्ति को सूर्य की गति से निर्धारित किया जाता है। इसी कारण यह पर्व प्रतिवर्ष 14 जनवरी को ही पड़ता है। कार्यक्रम में मुख्य रूप से उपस्थित प्रवासी विकास मंच के अध्यक्ष सुशील श्रीवास्तव, कार्यक्रम संयोजक  एवं वार्ड अध्यक्ष अंकित गुप्ता, लोनी नगर मंत्री दिलीप कुमार, राकेश चौहान, वीरेंद्र सिंह, सुनील गुप्ता, विक्की शर्मा, सोनू शर्मा, आदि उपस्थित रहे।

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