अस्पताल का बिल जमा करने से परिजनों ने जताई असमर्थता, शव लेने से किया इनकार
24x7 ग़ाज़ियाबाद न्यूज़
जनपद में मोहननगर स्थित नरेंद्र मोहन अस्पताल में इलाज के दौरान एक युवक की मौत हो गई। अस्पताल का करीब चार लाख रुपये का बिल चुकाने में असमर्थ परिजन युवक का शव लेने अस्पताल नहीं पहुंचे। अस्पताल प्रबंधन की तरफ से परिजनों को समझाने की कोशिश की गई लेकिन परिजन अस्पताल आने को तैयार नहीं हुए। जिसके बाद अस्पताल प्रबंधन ने पुलिस को मामले की जानकारी दी। पुलिस ने परिजनों को बुलाया और अस्पताल प्रबंधन से बात की। जिसके बाद युवक के इलाज का पूरा बिल माफ कर अस्पताल प्रबंधन ने शव परिजनों को सुपुर्द किया।
जनपद गाजियाबाद के पंचवटी कॉलोनी में रहने वाले आशीष पॉल 26 अप्रैल को कोरोना संक्रमित होने पर मोहन नगर स्थित नरेंद्र मोहन अस्पताल में भर्ती हुए थे। इलाज के दौरान मंगलवार को उनकी मौत हो गई। अस्पताल प्रबंधन ने उनकी मौत की जानकारी परिजनों को दी। कई घंटे तक परिजन नहीं पहुंचे तो अस्पताल प्रबंधन ने फिर से संपर्क किया। परिजनों ने इलाज का पैसा जमा करने में असमर्थता बताई और अस्पताल आने से मना कर दिया।
प्रबंधन ने इसकी जानकारी पुलिस को दी। पुलिस को बताया कि परिवार वाले बिल जमा करने में असमर्थ होने के कारण शव को अंतिम संस्कार के लिए नहीं ले जा रहे हैं। जिसके बाद चौकी इंचार्ज डा. राम सेवक ने बुधवार को मृतक के भाई अभिषेक और पादरी पींटू पीटर से संपर्क किया। जिसके बाद परिजन अस्पताल आए।
चौकी इंचार्ज ने बताया कि अस्पताल प्रबंधन से बातचीत कर पूरा बिल माफ करा दिया। इस पर बुधवार को स्वजन आशीष के शव को अंतिम संस्कार के लिए लेकर गए। बिल माफ होने पर स्वजनों ने अस्पताल प्रबंधन का आभार भी जताया।
अस्पताल प्रबंधन ने अपनी एंबुलेंस से शव को भेजा।
अस्पताल प्रबंधक राहुल बाली ने बताया कि मरीज की मौत के बाद इसकी जानकारी परिजनों को दी। उन्होंने बिल जमा कराने में असमर्थता जताते हुए अस्पताल आने से मना कर दिया। जिसके बाद पुलिस को जानकारी दी गई। इसके साथ ही मामले की जानकारी अस्पताल के चेयरमैन विनय मोहन को भी दी गई। जिसके बाद चेयरमैन ने बिल माफ कर दिया। स्वजन को शव ले जाने में दिक्कत न हो। इस कारण अस्पताल के एंबुलेंस से भेजा गया। अस्पताल प्रबंधन हर तरीके से लोगों की मदद कर रहा है।