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लोनी में मुआवजा बढ़ाने को लेकर किसानों ने किया प्रदर्शन। आश्वासन के बाद नहीं हुई तालाबंदी



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24x7 गाजियाबाद न्यूज़
आवास विकास परिषद की मंडोला आवासीय योजना में जमीन देने वाले किसान बुधवार को पूर्व नियोजित कार्यक्रम के मुताबिक आवास विकास कार्यालय की तालाबंदी करने पहुंचे। अधिकारियों ने जिलाधिकारी से वार्ता कराने और तालाबंदी ना करने की बात कही। शुक्रवार को वार्ता का दिन निर्धारित होने पर किसान लौट गए भारतीय किसान यूनियन चढूनी के राष्ट्रीय अध्यक्ष ने धरना स्थल पर पहुंचकर किसानों के आंदोलन को समर्थन दिया। प्रशासनिक अधिकारियों द्वारा 2 दिन का आश्वासन दिए जाने पर किसानों ने कार्यालय की तालाबंदी करने का निर्णय वार्ता होने तक स्थगित कर दिया।

आवास विकास परिषद की मंडोला आवासीय भूमि अधिग्रहण योजना से मंडोला समय 6 गांव के किसान प्रभावित हैं। जिसके चलते किसान पिछले 4 वर्षों से मुआवजा बड़ा कर देने की मांग को लेकर आवास विकास कार्यालय पर धरना दे रहे हैं। आरोप है कि आवास विकास और प्रशासन के अधिकारियों द्वारा किसानों की समस्या का समाधान नहीं किया जा रहा है। परेशान किसानों ने बुधवार दोपहर आवास विकास कार्यालय की तालाबंदी करने का निर्णय लिया था।

क्या है मांग:

किसान नेता नीरज त्यागी का कहना है कि आवास विकास परिषद में वर्ष 1998 में करीब 2.640 एकड़ भूमि अधिग्रहित की थी। आरोप है कि वर्ष 2010 में प्रदेश सरकार ₹1100 प्रति वर्ग मीटर के हिसाब से मुआवजा दिया था। किसान पिछले 4 वर्षों से भूमि अधिग्रहण नीति 2013 के तहत बढ़ा हुआ मुआवजा दिए जाने की मांग कर रहे हैं। बुधवार को भारतीय किसान यूनियन सिवनी के राष्ट्रीय अध्यक्ष गुरनाम सिंह चढूनी, जनहित पार्टी के जिला अध्यक्ष सुरेंद्र त्यागी और दिल्ली प्रदेश अध्यक्ष कुणाल जैन ने किसानों को समर्थन दिया।

शुक्रवार को वार्ता का आश्वासन:

आवास विकास कार्यालय पर किसानों द्वारा तालाबंदी किए जाने की सूचना पर अपर जिला अधिकारी नगर शैलेंद्र सिंह, उपजिलाधिकारी शुभांगी शुक्ला, पुलिस क्षेत्राधिकारी अतुल कुमार सोनकर, ट्रॉनिका सिटी थाना प्रभारी उमेश पंवार पुलिस बल के साथ आवास विकास परिषद कार्यालय पहुंचे। अधिकारियों ने प्रदर्शनकारी किसानों और भारतीय किसान यूनियन चढूनी के राष्ट्रीय अध्यक्ष गुरनाम सिंह चढूनी से 5 सदस्यीय प्रतिनिधि मंडल की 2 दिनों में जिलाधिकारी राकेश सिंह से वार्ता कराए जाने का आश्वासन दिया। इस पर किसानों ने कार्यालय की तालाबंदी करने का निर्णय वार्ता होने तक स्थगित कर दिया। अधिकारियों के आश्वासन के बाद किसान धरना स्थल से लौट गए।

प्रदर्शन को लेकर सुबह से ही भारी संख्या में पुलिस बल और पीएसी मौजूद रही।
 
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