गौतमबुध नगर के इंडस्ट्रियल टाउनशिप घोषित गांवों के सुनियोजित विकास हेतु वार्षिक योजना का प्रारूप तैयार करें तीनों प्राधिकरण।
स्थानीय जनप्रतिनिधि गांवों के विकास हेतु प्राधिकरण पर दबाव बनाएं।
- कर्मवीर नागर प्रमुख
जनपद गौतम बुध नगर के तीनों औद्योगिक प्राधिकरण क्षेत्रों में स्थित 287 गांवों को इंडस्ट्रियल टाउनशिप घोषित किए जाने के कारण पंचायत राज व्यवस्था समाप्त होने के बाद इन गांवों में म्यूनिसिपल सेवाएं देने का उत्तरदायित्व औद्योगिक प्राधिकरणों का है। लेकिन सन 2015 में पंचायत पुनर्गठन न कराए जाने के बाद से अब तक तीनों ही प्राधिकरण के इन गांवों में समुचित और योजनाबद्ध विकास की तरफ कोई ध्यान नहीं दिया गया है। किसी भी प्राधिकरण क्षेत्र के गांव में विकास हेतु वार्षिक योजना का प्रारूप तैयार करने के लिए किसी नोडल अधिकारी की नियुक्ति आज तक नहीं की गई है। जोकि गांव में मीटिंग बुलाकर वार्षिक विकास योजना का खाका तैयार करने हेतु प्रस्ताव प्राप्त कर सके। जब तक किसी गांव के विकास हेतु वार्षिक योजना का खाका तैयार नहीं किया जाएगा तब तक योजनाबद्ध विकास संभव नहीं है।
तीनों प्राधिकरणों को गांवों में विकास का योजनाबद्ध प्रारूप तैयार करने के लिए नोडल अधिकारी नियुक्त करने चाहिए। स्थानीय जनप्रतिनिधियों को इस ओर ध्यान देते हुए प्राधिकरण पर दबाव बनाना चाहिए ताकि प्राधिकरण क्षेत्र के गांवों के बदहाल, टूटे-फूटे उबड़ खाबड़ रास्तों के पुनर्निर्माण, पानी निकासी हेतु नाली निर्माण, सीवर लाइन चालू किया जाना एवं गांव से जुड़ी अन्य समस्याओं को नोडल अधिकारी के संज्ञान में लाया जा सके।
प्राधिकरण ने इन गांवों का स्पेसिफिकेशन करा कर इंडस्ट्रियल टाउनशिप तो घोषित कर दिया। लेकिन संविधान की धारा 243 क्यू (!) के तहत म्युनिसिपल सेवाएं देने का कोई उचित प्रावधान आज तक नहीं किया है। इसीलिए तीनों प्राधिकरणों की गांवों के विकास प्रति अनदेखी की वजह से जनपद गौतम बुद्ध नगर के इन 287 गांवों में अब पंचायत गठन अथवा नगर निगम के गठन की मांग जोर पकड़ने लगी है। जनपद गौतम बुद्ध नगर के तीनों प्राधिकरणों के तानाशाही रवैया से ग्रामीण और किसान पूरी तरह से आजिज आ चुके हैं। अगर प्राधिकरण ने अपने उत्तरदायित्व का निर्वहन बखूबी नहीं निभाया तो लॉक डाउन के बाद तीनों प्राधिकरणों के विरुद्ध बड़े आंदोलन होने की संभावना से इनकार नहीं किया जा सकता।
