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हरियाणा सरकार का रानी नागर प्रकरण में आंखों पर धृतराष्ट्री पट्टी बांधकर मार्शल कौमो और पिछड़ी जातियों से खिलवाड़ करना ठीक नहीं !

रानी नागर की शिकायत पर जांच के आदेश पारित करते हुए इस्तीफा नामंजूर करे सरकार !
- मदन भैया पूर्व विधायक



     हरियाणा कैडर की आईएएस अधिकारी रानी नागर आखिरकार हरियाणा सरकार के दोहरे चरित्र की वजह से इस्तीफा देकर गाजियाबाद लौट आई है ! रानी नागर के इस्तीफे ने महिलाओं के प्रति हरियाणा सरकार की मानसिकता की पोल खोल कर रख दी है ! इससे यह कहावत चरितार्थ होती है  कि हाथी के दांत खाने के और, दिखाने के और ! हरियाणा सरकार के मुख्यमंत्री आंखों से धृतराष्ट्रवादी पट्टी को हटाकर रानी नागर को न्याय देने की दिशा में पहल करते हुए निष्पक्ष जांच कराने के तत्काल आदेश पारित करें ! लगातार दो वर्ष से शिकायत करने वाली आईएएस महिला अधिकारी की शिकायत पर कार्रवाई न होना सरकार की असंवेदनशीलता एवं सरकारी पदों पर अमर्यादित कार्य करने वाले और अनुशासनहीनता करने वालों को संरक्षण देना दर्शाता है !

        खट्टर जी इस मुगालते में ना रहे की सत्ता से जुड़े गुर्जर समाज के नेता इस प्रकरण पर चुप्पी साधे हुए है उनकी चुप्पी नहीं बल्कि समय का इंतजार है ! हरियाणा प्रदेश के मुख्यमंत्री को मेरा सीधा संदेश है कि पिछड़ी जातियों और मार्शल कौमो की परीक्षा लेना बंद करें ! ये वो जातियां है जिन्होंने सदैव इतिहास रचे हैं ! जिस सत्ता के मद में आप इन जातियों के अधिकारियों का दमन करने पर तुले हुए हैं यह अधिकारी उन्ही जातियों से तालुकात रखते हैं जो प्रदेश नहीं बल्कि देश की सीमा पर देश को महफूज करते हैं !

        पिछड़ी जाति के असली हकदारो का सिंहासन किसी रहमों करम पर हथिया कर सत्ता के मदहोश में के मर्यादित अधिकारियों को संरक्षण देना करना उचित नहीं है ! आपको मीडिया के जरिए संदेश देना चाहूंगा कि रानी नागर को न्याय दिलाने के पक्ष में जागृत हो चुका आम जनमानस आपके सिंहासन की चूले हिला कर रख देगा ! मैं पूछना पूछना चाहता हूं कि क्या पिछड़ी जाति में पैदा होना ही रानी नागर का गुनाह है ! अगर वह किसी अन्य जाति से ताल्लुकात रखने वाली आईएएस अधिकारी होती तो अब तक बहुत से लोग और संगठन देश की सड़कों पर लॉक डाउन में भी प्रदर्शन करते नजर आते और मीडिया भी सुर्खियां बना कर खबरों को प्रसारित करता ! लेकिन वह उस समाज से तालुकात रखती है जो सरकारी आदेशों का आदर करते हैं लेकिन अन्याय को बर्दाश्त नहीं करते हैं !

        आईएएस अधिकारी रानी नागर द्वारा यौन शोषण और जान से मारने जैसे लगाए गए गंभीर आरोपों  पर हरियाणा सरकार की चुप्पी से आरोपितों के विरुद्ध स्वत ही दोष सिद्ध हो रहे हैं ! हरियाणा सरकार सुनील गुलाटी नाम के उस आई ए एस अधिकारी का खुलकर पक्ष लेती नजर आ रही है जिस पर दिल्ली में तैनाती के वक्त भी गंभीर आरोप लग चुके हैं ! और शायद खट्टर जी ने मुख्यमंत्री बनने के बाद ऐसे आरोपी अधिकारियों को दिल्ली से हरियाणा बुलाकर अपने संरक्षण में दुराचार करने के लिए खुला छोड़ रखा है ! रानी नागर के आरोपों के कठघरे में खड़ी सरकार के पास कोई जवाब नहीं है ! सरकार द्वारा आज तक इस प्रकरण में कोई अधिकृत बयान जारी न किया जाना सरकार के दोहरे चरित्र का साक्षात प्रमाण है ! इससे स्पष्ट है सरकार के मुखिया ने अपने सजातीय को बचाने के लिए कानों में डटक लगा ली है और आंखों पर पट्टी बांध ली है ! लेकिन खट्टर जी अब वह दिन दूर नहीं जब हरियाणा प्रदेश की जनता आपकी आंखों पर बंधी पट्टी को सदा के लिए हटाने के लिए आतुर है ! शायद आपके दुराचारी शासन का अंत महिला अधिकारी रानी नागर प्रकरण से ही  होना तय है ! समस्त गुर्जर समाज और पिछड़ी जातियों की तरफ से रानी नागर से भी मेरा आग्रह है कि वह महिला शक्ति का रौद्र रूप दिखा कर अत्याचारीयों का डटकर मुकाबला करें और अपना इस्तीफा वापस लेने की घोषणा करें ! इस प्रकरण में सहयोग करने वाली पिछड़ी जातियों के नेता व गुर्जर समाज के आम आवाम का भी मैं धन्यवाद करते हुए बताना चाहूंगा कि पिछड़ी जाति के प्रति हरियाणा सरकार की दुर्भावनापूर्ण मानसिकता का रानी नागर तो एक उदाहरण मात्र है हम सबको ऐसे षडयंत्रों के विरुद्ध  लड़ने के लिए खुद को तैयार रखना होगा !
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