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भावना बिष्ट  आम आदमी जिला उपाध्यक्ष  ने लोनी के सरकारी स्कूलो का किया मुआयना।

भावना बिष्ट  आम आदमी जिला उपाध्यक्ष  ने लोनी के सरकारी स्कूलो का किया मुआयना।


भावना बिष्ट:

गाज़ियाबाद के लोनी की निवासी है, साथ ही आम आदमी पार्टी की जिला उपाध्यक्ष भी है। आज शनिवार सुबह करीब 11:45 बजे लोनी के कई सरकारी स्कूलों में छात्र एवं छात्राओ को मिल रही सुविधाओं का मुआयना करने अपने सहयोगियों के साथ पहुँची। इस दौरान उन्होंने कई विद्यालयों के मुआयना किया।


आइए जानते है क्या मिला खास:-

भावना बिष्ट  आम आदमी जिला उपाध्यक्ष  ने लोनी के सरकारी स्कूलो का किया मुआयना।

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आम आदमी पार्टी जिला उपाध्यक्ष भावना बिष्ट उनके साथ रहे अरुण गुप्ता जिला कार्यकारिणी सदस्य, करण शर्मा लोनी विधानसभा कार्यकारिणी सदस्य, राशिद सिद्दीकी लोनी विधानसभा सचिव, परवीन शर्मा, आदि लोगों ने परमहंस विहार वार्ड-8 प्राथमिक विद्यालय, मंगल बाजार 100 फूटा रोड व विकास नगर वार्ड 1 के सरकारी स्कूलो में हालात का जायजा लेने पहुंची। गंदगी के अलावा कुछ नहीं है, कहीं दीवारें जर्जर है, तो पानी की व्यवस्था बिल्कुल भी नहीं है,

जहां एक तरफ देश में कोरोना जैसी भयानक महामारी से जूझ रहा है, हिंदुस्तान के निर्माता छोटे छोटे बच्चो के सरकारी स्कूलों की स्थिति भी बहुत खराब होती नजर आई। कई स्कूलों में तो पानी की टंकी भी नहीं है और जहाँ पानी की टंकी भी है, तो वह सीमेंट की टंकी बनाई गई है वह भी जर्जर हालात में है। टंकियों की दुर्दशा देख कर अनुमान लगाया जा सकता है कि इन टंकियों से अगर पढ़ने वाले बच्चे पानी पीए तो जरूर बीमार पड़ेंगे। टंकियों के अंदर कीड़े मकोड़े व जहरीले सांप घुस सकते हैं और आगे चलकर बच्चें बच्चियों को कुपोषण की परेशानियों को भी झेलना पड़ सकता है
 
भावना बिष्ट  आम आदमी जिला उपाध्यक्ष  ने लोनी के सरकारी स्कूलो का किया मुआयना।

यह उत्तर प्रदेश के लोनी में सरकारी स्कूलों की स्थिति है। वहीं सरकार स्कूल की दीवारों पर लिखा है स्वच्छ भारत अभियान व नारा दिया है बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ, लेकिन जब स्कूल ही सही नहीं होंगे, तो उज्ज्वल हिंदुस्तान का निर्माण कैसे होगा ?


आम आदमी पार्टी नेत्री भावना बिष्ट ने बताया की प्राथमिक व जूनियर हाई स्कूल हैं, लेकिन बहुत गहराई में है यदि स्कूलों में बारिश के टाइम पर जलभराव हो जाता है तो पानी निकालने की निकासी बिल्कुल भी नहीं है। कई-कई दिनों तक बच्चे  स्कूल न आने के लिए विवश हो जाते हैं। वहीं भावना बिष्ट व उनके सहयोगियों ने कई पैरंट्स से बात की तो पेरेंट्स कहना है कि स्कूल में सिर्फ खिचड़ी और दलिया बटता है, पढ़ाई के नाम पर सिर्फ जीरो है, टीचर आते हैं, लेकिन हाथ पर हाथ धरे बैठे रहते हैं। जिसके कारण अपने बच्चों को प्राइवेट स्कूल में इतनी महंगी महंगी फीस होने के बाद भी भेजने को मजबूर है और हमें मजबूरन वह फीस उन लोगों को देनी पड़ती है। वही दिल्ली जैसे सरकारी स्कूल हमारे यूपी में होते तो हम अपने बच्चों को सरकारी स्कूल में भेजते। शिक्षा के नाम पर कागजों में ही कार्रवाई होती है जमीनी स्तर पर नहीं। पूरी दीवार टूटी हुई नजर आई। ऐसी काम चलता रहेगा तो हमारे यूपी में छात्र और छात्राएं कैसे पढ़ पाएंगे।


अब देखना यह है कि खंड शिक्षा अधिकारी लोनी छात्र-छात्राओं के भविष्य को सुधारने के लिए शिक्षण प्रणाली में क्या क्या बदलाव लाते हैं।

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