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गुर्जर समाज का किसान आंदोलन को खुला समर्थन था, है और रहेगा 

किसान की आंख से निकला आंसू सामुद्रिक सैलाब बनेगा-मदन भैया पूर्व विधायक



सर्दी और बरसात की परवाह किए बगैर अपना घर परिवार छोड़कर लाखों किसान 2 महीने से ज्यादा अवधि से दिल्ली की सड़कों पर अपनी मांगों के समर्थन में डटे हुए हैं। किसान आंदोलन पूरी तरह से अराजनीतिक और अनुशासित तरीके से परवान चढ़ रहा था लेकिन एक देशद्रोही की उपद्रवी घटना ने देश को शर्मसार कर दिया। जिसकी वजह से निर्दोष होते हुए भी किसानों का आत्मविश्वास और मनोबल टूट सा गया था। लेकिन धन्यवाद करता हूं राकेश टिकैत जी और उनके किसान साथियों  का जिन्होंने अपना जीवन तक दांव पर लगाकर इस देश के किसानों को  नई दिशा, नई ऊर्जा और नई पहचान  देने का काम किया है। पिछले दिनों अपने नाम के पीछे गुर्जर लगाने वाले एक शख्श के किसान विरोधी कृत्य से गुर्जर समाज आहत हुआ है। गुर्जर समाज की पहचान भी एक किसान के रूप में इस देश में होती है। ऐसे में गुर्जर समाज के किसी व्यक्ति द्वारा देश के किसानों के हित में चल रहे आंदोलन में उपद्रवी मंशा से जाना गुर्जर समाज के गौरव को ठेस पहुंचाने से कम नहीं है।


पूर्व विधायक मदन भैया ने कहा कि दिल्ली में आंदोलनरत समस्त किसान संगठनों को आश्वस्त करना चाहता हूं कि गुर्जर समाज किसान आंदोलन का समर्थन करता है, करता रहेगा। चंद लोगों की छिछोरी हरकत की गुर्जर समाज के लोग लगातार निंदा कर रहे हैं। मैं विशेष तौर पर इस आंदोलन के महानायक राकेश टिकैत जी को विश्वास दिलाना चाहूंगा कि गुर्जर समाज आप के आंदोलन में आपके साथ कंधे से कंधा मिला कर खड़ा है। आपके एक आंसू को समुद्र के सैलाब में तब्दील करने के लिए गुर्जर समाज पूरी तरह से आपके साथ हैं।


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