Breaking News

Followers

42.2k

Live👁️Reading this Article

स्वास्थ्य विभाग का इंस्पेक्टर लखनऊ में, ड्यूटी पर हाजिरी लग रही गाजियाबाद में


24x7 ग़ाज़ियाबाद न्यूज़
जिले में कोरोना संक्रमण के बीच स्वास्थ्य विभाग में ड्यूटी घोटाला सामने आया है। सीनियर आईएएस अधिकारी एवं नोडल अधिकारी ने गोपनीय सूचना के आधार पर मंगलवार को प्रशासनिक अधिकारियों को भेजकर जांच कराई तो पूरा मामला पकड़ में आया। प्रारंभिक जांच में सामने आया है कि डॉ. अविनाश सिंह (मलेरिया इंस्पेक्टर) करीब बीते चार वर्षों से लखनऊ में रह रहा है, लेकिन उसे हर महीने गाजियाबाद स्वास्थ्य विभाग से वेतन जारी हो रहा है। जांच में फर्जीवाड़ा पकड़े जाने पर नगर आयुक्त महेंद्र सिंह तंवर की निगरानी में जांच कमेटी गठित की गई है, जिसमें अपर नगर मजिस्ट्रेट विनय सिंह भी शामिल हैं। उधर, पूरे मामले में सीएमओ डॉ. एनके गुप्ता और जिला मलेरिया अधिकारी ज्ञानेंद्र कुमार मिश्रा से भी जवाब -तलब किया गया है।


प्राप्त जानकारी के अनुसार नोडल अधिकारी डॉ. सेंथिल पांडियन सी को गोपनीय जानकारी मिली थी कि मलेरिया विभाग के कई कर्मचारी गायब हैं और बिना ड्यूटी पर आए उनकी उपस्थिति दर्ज की जा रही है। इसके बदले विभागीय कर्मचारी कुछ सीनियर अधिकारियों को हर महीने कमीशन देते हैं। शिकायत पर नोडल अधिकारी ने प्रशासनिक अधिकारियों से जांच कराने को कहा। 
मंगलवार दोपहर बाद एसीएम विनय सिंह सीएमओ दफ्तर पहुंचे। सीएमओ और जिला मलेरिया अधिकारी से सभी मलेरिया इंस्पेक्टर को बुलाने के लिए कहा गया, लेकिन विभाग सभी मलेरिया इंस्पेक्टरों को एक साथ नहीं बुला पाया। जांच में सामने आया कि मलेरिया इंस्पेक्टर डॉ. अविनाश सिंह ड्यूटी से गायब हैं। 

विभाग की तरफ से हवाला दिया गया कि वो एक मई से अवकाश पर चल रहे हैं। क्योंकि उनके घर में कोरोना मरीज हैैं। इसके बाद सीएमओ से पूछा गया कि क्या परिजनों को कोविड होने पर भी कर्मचारी को अवकाश दिया जा सकता है, वो भी जब महामारी फैली हो। अवकाश पर जाने का प्रार्थना पत्र स्वास्थ्य विभाग से मांगा गया तो वो भी नहीं दे पाए। इसके बाद उनसे कहा गया कि अगर उनके घर में कोई कोरोना मरीज है तो उसकी पॉजिटिव रिपोर्ट उपलब्ध कराएं। इस पर सीएमओ और मलेरिया अधिकारी फोन लगाते रहे, लेकिन मलेरिया इंस्पेक्टर का फोन रिसीव नहीं हुआ। 

जांच टीम ने मलेरिया विभाग के अन्य स्टाफ से भी अलग-अलग बात की गई तो सामने आया कि उन्हें कई वर्षों से ड्यूटी पर नहीं देखा। कुछ ने जानकारी दी कि वो चार से पांच वर्षों से ड्यूटी पर नहीं आए। इसके बाद एसीएम ने प्रारंभिक जांच रिपोर्ट नोडल अधिकारी और डीएम को भेजी, जिसके पर विस्तृत जांच बैठा दी गई है।

मलेरिया इंस्पेक्टर की ड्यूटी कागजों में लगती रही 

प्रारंभिक जांच में यह भी सामने आया है कि स्वास्थ्य विभाग प्रशासनिक अधिकारियों को गुमराह करने के लिए लगातार मलेरिया इंस्पेक्टर की ड्यूटी लगाता रहा। ड्यूटी लगाते वक्त उसके साथ में मलेरिया विभाग के एक अन्य कर्मचारी की ड्यूटी भी लगाई जाती थी, जिससे की अगर फील्ड में जांच हो तो एक व्यक्ति वहां पर तैनात मिले। 

जांच टीम को एक पत्र भी हाथ लगा है। बीते वर्ष 20 जून को सीएमओ ने शहर को सात हिस्सों में बांटकर मलेरिया विभाग के अधिकारियों की ड्यूटी लगाई गई। जिनका काम था पूरे क्षेत्र पर निगरानी रखना और सैनिटाइजेशन कराना। छह क्षेत्रों में एक-एक अधिकारी की ड्यूटी लगाई गई, जिनमें सहायक मलेरिया अधिकारी और इंस्पेक्टर शामिल थे। जबकि मोहननगर जोन में डॉ. अविनाश के साथ प्रवेश कुमार एसएफडब्ल्यू (सीनियर फील्ड वर्क) की भी ड्यूटी लगाई गई। बताया जा रहा है कि डॉ. अविनाश इस ड्यूटी में मौजूद ही नहीं था।

बीस से अधिक कर्मचारियों का ड्यूटी घोटाला

मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार शिकायतकर्ता ने नोडल ऑफिसर को जानकारी दी कि मलेरिया विभाग में बीस से अधिक कर्मचारी व अधिकारी ड्यूटी पर नहीं आते हैं। वो हर महीने कमीशन देते हैं और अपनी उपस्थिति रजिस्टर में लगाकर चले जाते हैं। उपस्थिति रजिस्टर भी जिला मलेरिया अधिकारी के पास रहता है। उसे हर कोई व्यक्ति नहीं देख सकता है। शुरूआती जांच में शिकायत सही पाई गई है और सभी कर्मचारियों की जांच की जा रही है।

GPS लोकेशन से भी होगी विस्तृत जांच

प्रशासन और पुलिस से कहा गया कि वो मलेरिया इंस्पेक्टर की GPS लोकेशन की जांच करे कि वो कब गाजियाबाद में था। डॉ. अविनाश की तरह अन्य कर्मचारियों की भी जांच हो। प्रारंभिक रिपोर्ट पर सीएमओ तत्काल उसके निलंबन की संस्तुति करें और आगे की जांच में ड्यूटी घोटाले पकड़े जाने पर सीनियर अधिकारियों पर भी कार्रवाई की जाए। इसमें मलेरिया अधिकारी की भूमिका को लेकर भी अलग से जांच के निर्देश दिए गए हैं।

विनय सिंह, अपर नगर मजिस्ट्रेट ने बताया कि प्रारंभिक जांच में पाया गया है कि डॉ. अविनाश सिंह मलेरिया इंस्पेक्टर ड्यूटी से गायब है। कुछ कर्मचारियों ने जानकारी दी है कि उसे कई वर्षों से नहीं देखा है। स्वास्थ्य अधिकारियों ने कहा कि वो एक मई से अवकाश पर है, लेकिन कोई प्रार्थना पत्र भी उसका नहीं दे पाए हैं।
close