जावली और टीला गांव ने पेश की मिसाल कोरोना संक्रमण को दी मात
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24x7 गाजियाबाद न्यूज़
लोनी।। कोरोना संक्रमण को मात देने के लिए अब गांवों में पुख्ता तरीके से इंतजाम हो रहे हैं। संक्रमण की रोकथाम और अपनों की जान बचाने के लिए अब ग्रामीण सामूहिक रूप से कोरोना प्रोटोकॉल का पालन कराने में लगे हैं। इन्हीं प्रयासों से गांवों में नियमित रूप से सैनिटाइजेशन हो रहा है। गांवों के अंदर अलग से आईसोलेशन वार्ड बनाए गए हैं, जहां संदिग्ध मरीज को तत्काल आईसोलेट कर दिया जाता है, ताकि संक्रमण दूसरे में न फैले। बुखार से संदिग्ध मरीजों की तत्काल जांच कराई जा रही है और सिर्फ जरूरी काम से ही लोग अपने घरों से निकल रहे हैं। इसी का नतीजा है कि करीब 60 से अधिक गांव कोरोना मुक्त हैं। क्योंकि इन गांवों में सामूहिक प्रयास काफी सफल हुए हैं।
आईसोलेशन और योग से दी मात।
जनपद के लोनी ब्लॉक अंतर्गत जावली गांव में करीब 16 हजार की आबादी है। ग्रामवासियों ने महामारी का मात देने के लिए एक अनूठी मिसाल पेश की है। ग्रामीणों ने स्वयं को आईसोलेट किया। जिसमें भी संक्रमण के लक्षण मिले उसके इलाज पर जोर दिया। साथ ही बाहरी व्यक्तियों के प्रवेश पर रोक लगाई। गांव के सामुदायिक अंबेडकर भवन में 10 बेड का आइसोलेशन सेंटर भी खोला, जहाँ संदिग्ध व कोरोना संक्रमित मरीजों को गांव में अलग से इलाज हो सके। जहां नियमित रूप से मरीजों की जांच होती है। इसका का नतीजा रहा है कि जावली कोरोना मुक्त हो गया। आज गांव के हर घर में लोग योगा करते हैं और बिना मास्क के घर से बाहर नहीं निकले। नियमित रूप से लाउडस्पीकर पर कोरोना से बचाव की सलाह भी दी जाती है।
जिंदगी बचाने में जुटा गांव
ब्लॉक का ही टीला शाहबाजपुर भी उन गांवों में शामिल है जिसमें सामूहिक प्रयासों के चलते कोरोना को हराया गया। लगभग सात हजार की आबादी वाले गांव में सभी ग्रामीणों ने लॉकडाउन के पहले स्थिति बिगड़ती देख मिलकर तय किया कि दुकानों पर सोशल डिस्टेंसिंग का पालन हो, जिन लोगों में कोरोना जैसे लक्षण हैं, उनमें घरों के अंदर ही खाने-पीने के सामने की आपूर्ति की जाए, जिससे की संक्रमण के लक्षण बाकी लोगों तक न फैले। इसके साथ ही नियमित रूप से सैनिटाइजेशन, फॉगिंग करने के साथ बाहर से आने वाले लोगों पर प्रतिबंध लगा दिया। पूरे गांव ने साथ में यह भी तय किया कि अगर कोई व्यक्ति घर से बाहर निकलता है, तो वो मास्क पहनकर ही निकलेगा। सामूहिक रूप से खड़े होने पर भी प्रतिबंध लगा दिया गया, जिसके बेहतर नतीजे भी देखने को मिली। कुछ ही दिनों में पूरा गांव कोरोना मुक्त हो गया और आज भी कोरोना से जुड़ी पूरी गाइडलाइन का पालन कर रहा है।