मनीष कसाना के पक्ष में आए बीडीसी की बड़ी संख्या से लोनी ब्लाक प्रमुख बनना तय।
विधायक नंदकिशोर गुर्जर की भाई भतीजावाद की राजनीति को बीडीसी देंगे मुंहतोड़ जवाब।
24x7 गाजियाबाद न्यूज़
लोनी में एक बार फिर बढ़ने लगा तापमान ब्लॉक प्रमुख को लेकर कशमकश की स्थिति। जल्द ही जनपद गाजियाबाद के सभी ब्लाकों में ब्लाक प्रमुख के चुनाव होने हैं। अगर ब्लॉक प्रमुख की बात करें, तो गाजियाबाद जनपद में इस समय सबसे ज्यादा खींचातानी लोनी ब्लॉक के अध्यक्ष पद को लेकर हो रही है ऐसे में लोनी विधायक ने कल सोशल मीडिया पर अपना बहुमत दिखाया है। वहीं जिला पंचायत सदस्य प्रदीप कसाना ने विज्ञप्ति जारी कर कहा परिवारवाद और झूठ की राजनीति करने वालों को एक बार फिर सबक सिखाने के लिए लोनी ब्लॉक से चुने गए बीडीसी भी एकजुट हो गए हैं।
जिला पंचायत सदस्य वार्ड नंबर 12 प्रदीप कसाना पति परमिता कसाना ने सोमवार को एक विज्ञप्ति जारी कर कहा कि लोनी में भाई भतीजावाद की राजनीति करने वालों को जनता ने जिला पंचायत चुनाव में पहले ही हाशिए पर पहुंचा दिया है। ब्लॉक प्रमुख चुनाव में भी लोनी ब्लॉक से चुने गए बीडीसी भी भाई भतीजावाद और झूठ की राजनीति करने वालों को एक बार फिर सबक सिखाने के लिए लामबंद हो गए हैं। वैसे भी भाई भतीजावाद की राजनीति को बढ़ावा देने वाले स्थानीय विधायक नंदकिशोर गुर्जर का ग्रामीण क्षेत्रों में कोई अस्तित्व नहीं है। इसीलिए स्थानीय विधायक नंदकिशोर को हर मामले में आमतौर पर प्रतिक्रिया न देने वाले पूर्व विधायक मदन भैया का नाम लेना पड़ता है ताकि इन जैसी परेशान आत्मा एकत्रित हो सके। यह स्थानीय विधायक नंदकिशोर गुर्जर के दिल और दिमाग में बेठे पूर्व विधायक मदन भैया के राजनैतिक खौफ को दर्शाता है, क्योंकि इतिहास गवाह है कि पिछले दो दशक में लोनी ब्लाक प्रमुख पद पर लगातार 4 ब्लॉक प्रमुख पूर्व विधायक मदन भैया ने अपने प्रयासों से लोगों में आपसी सहमति बनाकर निर्विरोध निर्वाचित कराने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। इसलिए विरोधी तत्व पूर्व विधायक मदन भैया की चुप्पी से ही परेशान रहते हैं।
उन्होंने कहा कि सच्चाई तो यह है कि स्थानीय विधायक नंदकिशोर गुर्जर द्वारा कल कोविड की सरकारी गाइडलाइंस का उल्लंघन करते हुए अपने गांव गनोली स्थित निवास पर बैठक बुलाकर 44 कागज गिनने की नौटंकी करना भी मनीष कसाना की भाजपा से टिकट की दावेदारी से परेशानी का सबब है।
आगे उन्होंने कहा लोनी ब्लाक प्रमुख पद की सारी परिस्थितियां पूरी तरह मनीष कसाना की पक्ष में आ चुकी है। ऐसे भी कुछ लोग मनीष कसाना के संपर्क में हैं जो स्थानीय विधायक के यहां मीटिंग में उपस्थित थे। इन लोगों में से एक ने बताया कि अगर नंदकिशोर गुर्जर में चुनाव लड़ने की हवा नहीं भरी जाएगी तो इसका गुब्बारा कैसे फूटेगा। इसको सबक सिखाने का यही एक तरीका है। इनमें से एक के परिजनों ने बताया कि "भैया इस विधायक ने झूठ की राजनीति की है तो हमें भी झूठे व्यक्ति का इलाज करने दो अगर वोटों का आंकड़ा कम आंक कर यह पहले ही चुनाव मैदान से पलायन कर जाएगा तो मन को तसल्ली नहीं होगी। हम इसके बनावटी गुरुर और घमंड को चकनाचूर करना चाहते हैं।"
उन्होंने कहा कि डंके की चोट मेरी भविष्यवाणी है कि लोनी के आपसी भाईचारे को खत्म करने वाला स्थानीय विधायक नंदकिशोर गुर्जर पंचायत चुनावों की प्रक्रिया पूर्ण होने के बाद अन्य दल में शामिल होने की तलाश जारी कर देगा। इसकी पुरानी फितरत भी है।
विधानसभा में भाजपा की किरकिरी कराने वाला नंदकिशोर गुर्जर विधानसभा घटनाक्रम के समय भी अन्य दलों के संपर्क में पहुंच गया था । जैसा कि सब जानते हैं नंदकिशोर गुर्जर बीजेपी में आने से पहले भी अन्य दलों में रह चुका। ऐसा व्यक्ति भाजपा का वफादार सिपाही हो ही नहीं सकता। नंदकिशोर गुर्जर ने ही मेरे जैसे भाजपा के सच्चे सिपाही का टिकट कटवाया था। मेरी जीत ने भाजपा नेतृत्व में ऊपर तक संदेश दे दिया है कि नंदकिशोर गुर्जर निजी स्वार्थ में भाजपा का नुकसान कर सकता है। सूत्रों से प्राप्त जानकारी के अनुसार जिला पंचायत अध्यक्ष के चुनाव में भी नंदकिशोर गुर्जर विधायक की भूमिका संदिग्ध नजर आ रही है। इसीलिए बताया जा रहा है कि ब्लाक प्रमुख प्रत्याशी का चयन करने में भाजपा सोच समझकर कदम उठाने वाली है। जिससे स्थानीय विधायक नंदकिशोर गुर्जर की नींद उड़ गई है इसीलिए उसे आनन-फानन में मीटिंग बुलाकर 44 पन्ने गिनाने की वीडियो जारी करनी पड़ी । क्योंकि लोनी ब्लाक प्रमुख पद के सबसे मजबूत माने जाने वाले मनीष कसाना के पास चुनाव जीतने के आंकड़े से भी बहुत अधिक बीडीसी का समर्थन आज भी हैं। इसी वजह से भाजपा की नीतियों के विरुद्ध भाई भतीजा वाद की राजनीति करने वाला स्थानीय विधायक नंदकिशोर गुर्जर बेचैन है।