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गाजियाबाद | 2 चौकी प्रभारी समेत पांच पुलिसकर्मी लाइन हाजिर

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गाजियाबाद के आरडीसी स्थित रेस्टोरेंट्स संचालक का आरोप है कि पुलिस ने मई में 32 हजार का खाना लिया। पैसे मांगने पर न सिर्फ जेल भेजने की धमकी दी बल्कि रेस्टोरेंट के बाहर एक पुलिसकर्मी तैनात कर दिया, जिसने रेस्टोरेंट नहीं खुलने दिया। पीड़ित रेस्टोरेंट संचालक ने डीएम से शिकायत की, जिसके बाद मामला एसएसपी के पास पहुंचा। एसएसपी ने कचहरी चौकी इंचार्ज अंगद सिंह और आरडीसी चौकी इंचार्ज मुकेश कुमार समेत पांच पुलिसकर्मियों को लाइन हाजिर कर दिया।
प्राप्त जानकारी के अनुसार जनपद में कविनगर के आरडीसी स्थित एक नॉनवेज रेस्टोरेंट के संचालक ने शनिवार को डीएम राकेश सिंह से शिकायत की थी उसका कहना है कि कोरोना कर्फ्यू के दौरान रेस्टोरेंट्स को ऑनलाइन डिलीवरी की छूट मिली हुई है, लेकिन पुलिस उनका रेस्टोरेंट नहीं खुलने दे रही है। साथ फ्री रेस्टोरेंट संचालक ने पुलिस पर मुफ्तखोरी का आरोप लगाया। 

पीड़ित की शिकायत के बाद डीएम ने एसएसपी को जानकारी देकर कार्रवाई के निर्देश दिए। एसएसपी ने एसपी सिटी को जांच सौंपी तो पुलिस का कारनामा सामने आ गया। पता चला कि मई में कचहरी पुलिस चौकी और आरडीसी पुलिस चौकी ने 32 हजार का खाना रेस्टोरेंट से लिया था। पेमेंट मांगने पर पुलिस ने प्रताड़ित करना शुरू कर दिया।
रेस्टोरेंट का बिल मई का बताया गया है। उस दौरान आरडीसी चौकी इंचार्ज मुकेश कुमार और उनका बेटा कोरोना होने के कारण अस्पताल में भर्ती थे। जिसके चलते आरडीसी चौकी का प्रभार कचहरी चौकी इंचार्ज अंगद सिंह के पास था। रेस्टोरेंट पर सभी बिल हेड कांस्टेबल धर्मेंद्र के नाम पर थे। एसएसपी ने उससे पूछताछ की तो उसने दोनों चौकी इंचार्ज व अन्य पुलिसकर्मियों का नाम लिया, जिसके बाद सभी पर गाज गिरी है।

वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक अमित पाठक ने कहा रेस्टोरेंट्स संचालक ने खाने का भुगतान न करने और प्रतिष्ठान खोलने में पक्षपात करने का आरोप लगाया है। आरडीसी चौकी इंचार्ज मुकेश कुमार, कचहरी चौकी इंचार्ज अंगद सिंह के अलावा हेड कांस्टेबल धर्मेंद्र और महेश शर्मा तथा सिपाही मुनव्वर को लाइन हाजिर किया गया है। साथ ही विभागीय जांच के आदेश दे दिए गए हैं।
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