Breaking News

Followers

42.2k

Live👁️Reading this Article

न डॉक्टर न ही काउंसलर, बाउंसर कर रहे नशा मुक्ति केंद्र में इलाज।


न डॉक्टर न ही काउंसलर, बाउंसर कर रहे नशा मुक्ति केंद्र में इलाज।

Ghaziabad News
साहिबाबाद। ट्रांस हिंडन क्षेत्र में अधिकांश नशा मुक्ति केंद्र मानकों को ताख पर रख कर संचालित हो रहे हैं। आरोप है कि नशा मुक्ति केंद्र में न डाॅक्टर न ही काउंसलर बाउंसरों के सहारे चल रहे हैं। जहां दाखिल मरीजों के साथ मारपीट कर नशा छुडाया जाता है। समाज के लोगों ने अवैध रूप से संचालित नशा मुक्ति केंद्रों को बंद कराने की मांग की है।

देखिए वीडियो 👇




जाने क्या हैं मानक।

नशा मुक्ति केंद्र चलाने के लिए भारत सरकार के सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्रालय से मान्यता होनी चाहिए। राज्य सरकार में मध निषेध विभाग के माध्यम से रजिस्ट्रेशन कराना चाहिए। स्वास्थ्य विभाग, जिलाधिकारी को सूचना देना चाहिए। तभी नशा मुक्ति केंद्र को सही माना जाता है।

नहीं है काउंसलर।

नशा मुक्ति केंद्र में मरीजों के रहने के लिए साफ कमरे, उनका चेकअप करने के लिए डाक्टर, नशे की तल उनके मन से निकालने के लिए काउंसलर और डाॅक्टर के साथ वार्डबाय होना चाहिए। लेकिन नशा मुक्ति केंद्रों में अव्यवस्थाओं का अंबार है। एक ही कमरे में कई रोगियों को रखा जाता है। नशा छुड़ाने के लिए उन्हें फर्श पर लिटाया जाता है। लंबे समय तक कमरे में बंद करके रखते हैं। रोगी के विरोध करने पर केंद्र में रखे गए बाउंसर उनकी पिटाई करते हैं। उन्हें तरह-तरह की यातनाएं देते हैं।

नशा छुड़ाने को नशे का सहारा।

सूत्रों की माने तो नशा मुक्ति केंद्र संचालक लोगों का नशा छुड़वाने के लिए उन्हें खाने में नशीली गोलियां देते हैं। जिनके खाने से रोगी का अधिक समय सोने में गुजरता है। नशा मुक्ति केंद्र संचालक इधर उधर घूमने वालों से नशीली गोलियां खरीदते हैं।


राम लोटन राजवंशी, क्षेत्रीय मध निषेध एवं समाजोत्थान अधिकारी, मध निषेध विभाग, मेरठ मंडल मेरठ ने बताया कि जिले में तीन से चार नशा मुक्ति केंद्रों को छोड़कर अन्य गलत मानकों से संचालित हो रहे हैं। समय-समय पर इन्हें नोटिस भेजा जाता है। लेकिन यह एक स्थान को छोड़कर दूसरे स्थान पर नाम बदल कर केंद्र खोल लेते हैं।

विज्ञापन

1 / 5
Caption Text
2 / 5
Caption Two
3 / 5
Caption Three
4 / 5
Caption Four
5 / 5
Caption Four

close