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10 करोड़ से अधिक की ठगी करने वाले दो अभियुक्त गिरफ्तार | एक ने लोनी में ले रखी थी शरण।


10 करोड़ से अधिक की ठगी करने वाले दो अभियुक्त गिरफ्तार | एक ने लोनी में ले रखी थी शरण।

Ghaziabad News
प्रमोद गर्ग
साइबर सेल व कविनगर पुलिस ने संयुक्त कार्रवाई करते हुए लोन दिलाने और पालिसी मेच्योरिटी के नाम पर लोगों से ठगी करने वाले गिरोह का पर्दाफाश किया है। पुलिस ने गिरोह के दो सदस्यों को गिरफ्तार किया है। इनके पास से 12 मोबाइल फोन, चेकबुक, आधार कार्ड, पैन कार्ड और अन्य दस्तावेज बरामद हुए हैं। आरोपित पिछले कई सालों से महाराजपुर के पैसेफिक माल में ठगी का काल सेंटर चला रहे थे। इनके एक खाते में 60 लाख रुपये मिले हैं। आरोपित पूर्व में 100 से अधिक लोगों से 10 करोड़ रुपये से अधिक की ठगी कर चुके हैं। इनका अन्य साथी अभी फरार है। पुलिस उनकी तलाश में जुटी है। जांच में पता चला है कि आरोपित बीए पास हैं और नौकरी नहीं लगने पर ठगी का यह धंधा शुरू किया था।

साइबर सेल के नोडल अधिकारी एवं सीओ इंदिरापुरम अभय कुमार मिश्र ने बताया कि कविनगर थानाक्षेत्र निवासी एक व्यक्ति ने लोन दिलाने के नाम पर अपने साथ हुई ठगी की शिकायत की थी। जिसके आधार पर साइबर सेल की टीम ने आरोपितों की जांच की और उन्हें पकड़ लिया। 
पकड़े गए आरोपित में बक्सर, बिहार निवासी राघो उर्फ राघव और सिभावली हापुड़ निवासी शिवकुमार हैं। जिसने लोनी बॉर्डर की लक्ष्मी गार्डन कॉलोनी में ले रखी थी शरण। 

उन्होंने बताया कि पूछताछ में आरोपितों ने अपने अन्य साथियों के नाम बताए हैं। जिनके आधार पर उन्हें भी पकड़ने का प्रयास कर रही है। पुलिस का कहना है कि आरोपित पैसेफिक माल में ठगी का काल सेंटर चला रहे थे। सीओ ने बताया कि आरोपित लोगों को मोबाइल फोन से काल कर खुद को एसएसजी मैनेजमेंट और आरएस सर्विसेज का अधिकारी बताते थे। 

आरोपित लोगों को करोड़ों रुपये का लोन दिलाने और पालिसी मेच्योरिटी की रकम फटाफट दिलाने का झांसा देकर खातों में रकम ट्रांसफर करा लेते थे। राघो उर्फ राघव गिरोह के लिए फर्जी आइडी पर सिम खरीदने और फर्जी पते पर बैंक खाते खुलवाने का काम करता था। जबकि शिवकुमार फर्जी काल सेंटर का संचालन करने के साथ साथ फर्जी बैंक खातों के एटीएम और नेटबैंकिग का लाग-इन अपने पास रखता था। खातों से पैसा निकालने और पैसा अन्य खातों में ट्रांसफर करने का काम भी शिवकुमार का ही था। पुलिस के मुताबिक नौकरी न लगने पर आरोपितों ने ठगी का धंधा शुरू किया था।
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