BSNL मुख्यालय में व्याप्त भ्रष्टाचार की जांच हेतु पूर्व विधायक मदन भैया ने फिर लिखा पत्र प्रधानमंत्री महोदय को।
पूर्व विधायक मदन भैया ने अपने पत्र में लिखा कि आपको सादर अवगत कराना चाहूंगा कि उपरोक्त विषय के संबंध में मैंने 24 अप्रैल 2020 को भी आपको एक पत्र प्रेषित किया था उसी तारतम्य में मैं आपको दूसरा पत्र प्रेषित कर रहा हूं।
मैं आपको पुनः अवगत कराना चाहूंगा कि बीएसएनएल कि दिल्ली स्थित मुख्यालय में कुछ अधिकारियों का एक सिंडीकेट बीएसएनएल की बदहाली के बावजूद भी हर संभव इस प्रयास में रहता है कि उनकी जेब गर्म होती रहे भले ही बीएसएनएल गर्त में चला जाए। अगर ऐसे अधिकारियों की तरफ ध्यान दिया जाए तो इस खेल में सबसे महत्वपूर्ण भूमिका बीएसएनएल कॉर्पोरेट ऑफिस में जीएम फाइनेंस के पद पर तैनात श्री सुरजीत मंडल एवं जीएम के पद पर तैनात श्री पूर्णचंद्र भट्ट नामक अधिकारी इस खेल के सबसे माहिर खिलाड़ी हैं।
इन अधिकारियों ने पिछले दिनों सीएमडी के रिटायरमेंट के वक्त बीएसएनएल के तमाम डेवलपमेंट कार्यों को संचालित करने हेतु फंड्स को रोककर कारपोरेट ऑफिस के बड़े-बड़े वेंडर्स को लगभग 2000 करोड रुपए का भुगतान कर दिया जिसमें भ्रष्टाचार की बू आ रही है। चर्चाएं तो यहां तक भी हैं कि भुगतान की गई राशि में 20% कमीशन की बंदरबांट की गई जिसकी वजह से बीएसएनएल का भविष्य दांव पर लगा दिया गया । और अंततः आप की अगुवाई में बीएसएनएल का रिवाइवल करने हेतु बीएसएनएल कर्मियों के लिए वीआरएस प्लान लाना पड़ा। बीएसएनएल के पूर्व सीएमडी श्री अनुपम श्रीवास्तव की एवं श्रीमती सुजाता रे डायरेक्टर की सेवानिवृत्ति से लगभग 1 महीने पूर्व की अवधि के अंदर कॉरपोरेट ऑफिस के वेंडर्स को लगभग 2000 करोड़ रुपए के किए गए भुगतान की जांच कराने पर इन अधिकारियों के भ्रष्टाचार और बीएसएनएल के गर्त में जाने की तस्वीर बिल्कुल स्पष्ट हो जाएगी। अगर कॉर्पोरेट ऑफिस के भ्रष्टाचार की वजह से2000 करोड रुपए का बल्क में वेंडर्स को भुगतान नहीं किया गया होता तो बीएसएनएल की ऐसी दुर्दशा नहीं हुई होती। निजी स्वार्थों में एक कंपनी को बर्बाद करने वाले इन अधिकारियों की जांच कराई जानी चाहिए।
माननीय प्रधानमंत्री महोदय जी आपके द्वारा हर संभव प्रयास किए गए हैं कि सरकारी महकमों से सेवानिवृत्त हुए लोगों को पेंशन अथवा सेवानिवृत्ति के बाद अन्य किसी भी प्रकार के भुगतान में कोई देरी न होने पाए । इसके लिए आपने संबंधित विभाग पर कड़ी निगरानी रखने के विशेष इंतजाम किए हैं । इसी का नतीजा है कि बीएसएनएल और एमटीएनएल के 31 जनवरी 2020 को वीआरएस के तहत सेवानिवृत्त अधिकारियों को फरवरी माह 2020 के अंतिम दिन पेंशन का भुगतान हो सका। जोकि एक बहुत बड़ा काम है । अन्यथा तो रिटायर होने के बाद सेवानिवृत्त हुए लोग कई कई महीनों तक पेंशन और सेवानिवृत्ति के बाद के बेनिफिट्स को प्राप्त करने के लिए विभागों के चक्कर लगाते रहते थे। इस सराहनीय कार्य के लिए मैं आपको तहे दिल से धन्यवाद देता हूं।
लेकिन साथ ही साथ विशेष सूत्रों से प्राप्त जानकारी को भी सादर आपके साथ साझा कराना चाहूंगा कि आपके सराहनीय प्रयासों के बावजूद भी बीएसएनएल मुख्यालय में अकाउंट विंग में तैनात कुछ उच्च अधिकारियों का एक सिंडिकेट जिनमें प्रमुख रूप से श्री सुरजीत मंडल जीएम फाइनेंस एवं भ्रष्टाचार के मामले में सबसे बदनाम अधिकारी और जी एम फाइनेंस, बैंकिंग एवं बजटजैसे महत्वपूर्ण पद पर तैनात श्री पूर्णचंद्र भट्ट नामक अधिकारी अभी भी सुधरने का नाम नहीं ले रहा हैं।
प्राप्त जानकारी के अनुसार यह निजी कंपनी एवं प्राइवेट वेंडर्स के करोड़ों रुपए के किसी भी भुगतान की प्रक्रिया यथाशीघ्र पूरी करने के लिए खासा कमीशन बतौर सुविधा शुल्क वसूलते हैं ।
इनका भ्रष्टाचार निजी वेंडर्स के भुगतान में स्वार्थ सिद्धि तक ही सीमित नहीं है बल्कि यहां तक भी सूचनाएं प्राप्त हुई है कि यह बीएसएनएल के विभिन्न टेलीकॉम सर्कल्स को फंड्स का आवंटन भी निजी स्वार्थ सिद्धि के आधार पर करते हैं। विश्वस्त सूत्रों से पता चला है कि जिन टेलीकॉम सर्कल्स के मुखिया इन्हें प्रलोभन दे देते हैं उन सर्किल के प्राइवेट वेंडर्स के भुगतान हेतु अच्छा खासा फंड्स आवंटन करने में यह देर नहीं लगाते हैं ।
बीएसएनएल मुख्यालय में जीएम फाइनेंस बैंकिंग एवं बजट के पद पर तैनात श्री पूर्ण चंद भट्ट भ्रष्टाचारी खेल के बहुत बड़े खिलाड़ी हैं कॉरपोरेट ऑफिस में तैनाती से पूर्व यह अधिकारी यूपी वेस्ट टेलीकॉम सर्किल में जीएम फाइनेंस के पद पर तैनात रहा है वहां पर भी वहां पर इसकी भ्रष्टाचार की चर्चे आज भी होते हैं। बताया जाता है कि यूपी वेस्ट टेलीकॉम सर्किल में जीएम फाइनेंस के पद पर तैनाती के भक्त श्री पीसी भट्ट ने अकाउंट विंग के अधिकारियों के तबादले पोस्टिंग का एक अच्छा खासा उद्योग धंधा चलाया था। बताया जाता है कि इस अधिकारी के वक्त प्रत्येक जिले में लेखाधिकारी रोकड़ के पद पर पोस्टिंग के लिए मोटे सुविधा शुल्क का आदान प्रदान होता था।
श्री सुरजीत मंडल नामक जीएम फाइनेंस एवं इनके एक निकट सहयोगी कहे जाने वाले श्री पूर्ण चंद्र भट्ट आदि इसकी सिंडीकेट के अधिकारियों के भ्रष्टाचार की सीमा यहीं तक सीमित नहीं है । अब इन्होंने वीआरएस के तहत सेवानिवृत्त हुए अधिकारियों एवं कर्मचारियों को भी अपनी भ्रष्टाचारी भूख का शिकार बनाने के लिए बहुत बड़ा षड्यंत्र तैयार किया है।
प्राप्त जानकारी से आपको सादर अवगत कराना चाहूंगा कि इस षड्यंत्र के तहत बीएसएनएल में वीआरएस की शर्तों में उल्लिखित बिंदु संख्या 7 की क्लॉज (!!) को पूरी तरह से अनदेखी करते हुए सेवानिवृत्त हुए अधिकारियों एवं कर्मचारियों के अर्जित अवकाश का भुगतान इन्होंने नहीं किया। स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति योजना की शर्तों के बिंदु संख्या 7 की क्लॉज (!!) में किए गए प्रावधान के अनुसार उन समस्त सेवानिवृत्त अधिकारियों एवं कर्मचारियों को पेंशन, ईपीएफ, जीपीएफ और अर्जित अवकाश की धनराशि का भुगतान किया जाना शर्तों एवं नियमों के अंतर्गत आता है जिनके विरुद्ध विभाग अथवा विभाग से बाहर कोई कोर्ट केस अथवा चार्जशीट लंबित है। बशर्ते की कोर्ट केस अथवा विचाराधीन विभागीय मामले किसी घपले, घोटाले, गबन इत्यादि से संबंधित न हो यानी कि जिन मामलों में केस का निर्णय आने पर किसी भी रूप में धन रिकवरी की कोई संभावना नहीं हो ऐसे मामलों में सेवानिवृत्त लोगों को ईपीएफ, जीपीएफ, पेंशन और अर्जित अवकाश की धनराशि भुगतान किए जाने का नियमानुसार प्रावधान है ।
प्राप्त जानकारी के अनुसार आपको सादर अवगत कराना चाहूंगा कि बीएसएनएल मुख्यालय नई दिल्ली में जीएम फाइनेंस के पद पर तैनात श्री सुरजीत मंडल एवं जीएम फाइनेंस बैंकिंग एवं बजट के पद पर तैनात श्री पूर्णचंद्र भट्ट एवं अकाउंट विंग में तैनात इनके अन्य भ्रष्टाचारी सिंडिकेट में शामिल अधिकारियों की खराब नियत के कारण सेवानिवृत्त लोगों को इसलिए भुगतान नहीं किया गया क्योंकि भुगतान से वंचित सेवानिवृत्त अधिकारियों एवं कर्मचारियों को यह भ्रष्ट सिंडीकेट व्यक्तिगत तौर पर बुलाने के लिए बाध्य करने की युक्ति में लगे हुए हैं । ताकि सेवानिवृत्त कर्मी इस भ्रष्टाचारी सिंडीकेट के अन्य अधिकारियों से निजी तौर पर संपर्क करके इनको सुविधा शुल्क दे दे कर अपनी धनराशि अवमुक्त कराने के लिए विवश हो सकें । अगर देश में कोरोना संकट की वजह से आवागमन अवरुद्ध नहीं हुआ होता तो अब तक लोगों को निजी तौर पर बुला बुला कर यह करोड़ों रुपए की धनराशि भ्रष्टाचारी तरीके से वसूल चुके होते ।
जानकारी में तो यहां तक भी आया कि सेवानिवृत्त हुए अधिकारियों एवं कर्मचारियों की ऐसी धनराशि लगभग 30 करोड रूपए बनती है। जिसे श्री सुरजीत मंडल महाप्रबंधक वित्त एवं श्री पूरन चंद भट्ट और इसका सिंडिकेट बैंक में पेंडिंग रखकर बैंक से निजी स्वार्थ लेने के लिए बैंक को भी ओबलाइज कर रहे हैं । यह लोग "आम के आम और गुठलियों के दाम" वाली कहावत को चरितार्थ करते हुए बड़े ही षडयंत्र पूर्ण तरीके से दो तरह का निजी स्वार्थ लेने के लिए सेवानिवृत्त लोगों के अर्जित अवकाश की धनराशि को साजिशन भुगतान नहीं कर रहे थे। लेकिन जब मैंने इस संबंध में दिनांक 24 अप्रैल 2020 को पत्र लिखा तब जाकर वीआरएस ऑप्टी कर्मियों के अर्जित अवकाश की धनराशि एवं बिना वजह रोके गए अन्य बेनिफिट्स का भुगतान करने का आदेश दिनांक 6 मई 2020 को कोर्ट ऑफिस के पत्र संख्या F.No:BSNLCO-EB-1/11(20)/5/2020-ESTAB पारित किया गया है। यह जांच का गंभीर विषय है कि अगर वीआरएस कर्मियों को वीआरएस की शर्तों में उल्लिखित नियमानुसार अर्जित अवकाश की धनराशि एवं अन्य बेनिफिट्स दिए जाने रूल के अंतर्गत आते थे तब वीआरएस ऑप्ट सेवानिवृत्त कर्मियों का इस तरह के भुगतान में 3 महीने का विलंब क्यों किया गया जोकि जांच का गंभीर विषय है। जिन अधिकारियों की गलत नियत की वजह से मजबूरी में सेवानिवृत्ति लेने वाले कर्मियों के इस तरह के भुगतान रोके गए उनके विरुद्ध जांच कराकर कार्रवाई की जानी चाहिए। जानकारी में यह भी आया है कि आदेश किए जाने के बावजूद अभी भी मई माह के वेतन भुगतान यह जाने तक सेवानिवृत्त कर्मियों के भुगतान को भी पेंडिंग कर दिया गया है क्योंकि बीएसएनल में आजकल सैलरी समय पर नहीं मिल रही है इसलिए सैलरी भुगतान तक जरूरतमंद सेवानिवृत्त कर्मियों की अर्जित अवकाश की धनराशि एवं अन्य बेनिफिट्स का भुगतान न किया जाना उचित नहीं है यह सब इसी भ्रष्टाचारी सिंडीकेट का कारनामा है ताकि महीने 2 महीने इस राशि को बैंक में रखकर ब्याज प्राप्त किया जा सके। इन कर्मचारियों को देर से किए गए भुगतान की धनराशि पर बैंक दर से इंटरेस्ट भी दिया जाना चाहिए।
जांच के बिंदु--
अतः आपसे सानुरोध प्रार्थना है कि बीएसएनएल वीआरएस की टर्म्स कंडीशन के बिंदु संख्या 7 के क्लॉज (!!) के दायरे में आने वाले सेवानिवृत्त कर्मचारियों एवं अधिकारियों के अर्जित अवकाश की धनराशि को तत्काल भुगतान कराने हेतु आदेश पारित करने का कष्ट करें। इस भुगतान हेतु कार्यरत कर्मचारियों की मई माह की सैलरी तक विलंब किया जाना सेवानिवृत्त कर्मचारियों का मानसिक व आर्थिक उत्पीड़न किए जाने के समान है।
द्वितीय अर्जित अवकाश की धनराशि सेवानिवृत्त कर्मियों को नियमानुसार भुगतान न किए जाने की सीबीआई/सीवीओ बीएसएनल/सीवीसी जैसी जांच एजेंसियों से जांच कराई जाए । अनुपम श्रीवास्तव सीएमडी बीएसएनएल और सुजाता रे डायरेक्टर नामक अधिकारियों के रिटायरमेंट के वक्त वेंडर्स को कॉर्पोरेट ऑफिस से आनन-फानन में दो हजार करोड़ रुपए के भुगतान किए जाने की भी गंभीर जांच कराई जानी चाहिए जिससे डेवलपमेंट एवं मेंटेनेंस हेतु देश के विभिन्न सर्किल स्कोर किए जाने वाले भुगतान रोक देने के कारण बीएसएनल के समस्त कार्य ठप हो गए थे जिस वजह से यह कंपनी अभी तक भी नहीं उभर पाई है। यह मामला उच्च स्तरीय जांच का है। तृतीय श्री सुरजीत मंडल जीएम फाइनेंस एवं श्री पूर्णचंद्र भट्ट एवं इसकी सिंडीकेट में शामिल अकाउंट विंग के अन्य उल्लिखित प्रभावशाली अधिकारियों की संपत्ति की जांच कराई जाए। जिन्होंने इस महकमे में रहकर अकूत संपत्ति इकट्ठी की हुई है। जांच के दौरान ऐसे अधिकारियों को दिल्ली से दूरस्थ प्रभावहीन पदों पर स्थानांतरित किया जाए ताकि जांच को प्रभावित न कर सके। जिन्होंने अपने भ्रष्टाचारी कारनामों से बीएसएनएल जैसी कंपनी को रसातल में ले जाने का काम किया है। जबकि माननीय जी आपके नेतृत्व में श्री रविशंकर प्रसाद संचार मंत्री भारत सरकार द्वारा बीएसएनएल के रिवाइवल हेतु उठाए गए कदमों के बाद भी इस तरह के अधिकारी बीएसएन एल को डुबोने पर उतारू हैं ।




