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पीएम ने पूछा बंगाल और केरल में क्यों नही करते आंदोलन, जानिए अपने संबोधन में क्या 10 बाते बड़ी कही।

पीएम ने पूछा बंगाल और केरल में क्यों नही करते आंदोलन, जानिए अपने संबोधन में क्या 10 बाते बड़ी कही।


प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि (पीएम-किसान) के तहत देश के नौ करोड़ किसानों के खाते में 18 हजार करोड़ की सम्मान निधि हस्तांतरित की। इस दौरान उन्होंने छह राज्यों के किसानों के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए बातचीत की। अरुणाचल प्रदेश के किसान गगन पेरिंग से बातचीत के दौरान प्रधानमंत्री ने पूछा कि प्राइवेट कंपनी ने सिर्फ आपकी फसल खरीदी या जमीन भी ले ली? इसके जवाब में उन्होंने कहा, 'उत्पाद को ले जाने का एग्रीमेंट हुआ है, जमीन का नहीं। जमीन तो सुरक्षित है।' किसानों के साथ संवाद के बाद प्रधानमंत्री ने देशवासियों को भी संबोधित किया। उन्होंने विपक्ष पर जमकर हमला बोला और कृषि सुधारों के फायदे गिनवाएं।

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  1. पूरे देश के किसानों को किसान सम्मान निधि योजना का लाभ मिला रहा है, सभी विचारधारा की सरकारें इसे जुड़ी हैं, लेकिन पश्चिम बंगाल सरकार वहां के 70 लाख के किसानों को इसका फायदा नहीं पहुंचने दे रही है। बंगाल की सरकार अपने राजनीतिक कारणों से राज्य के किसानों को पैसा नहीं दे रही है। 
  2. जो दल बंगाल में किसानों की हालत पर कुछ नहीं बोलते, वे दिल्ली के नागरिकों को परेशान करने पर लगे हैं। देश की अर्थनीति को बर्बाद करने में लगे हैं, वह भी किसान के नाम पर। इन दलों को आजकल एपीएमसी- मंडियों की बहुत याद आ रही है। लेकिन ये दल बार-बार भूल जाते हैं कि केरल में एपीएमसी- मंडियां हैं ही नहीं। केरल में ये लोग कभी आंदोलन नहीं करते।
  3. मैं इन दलों से पूछता हूं कि यहां फोटो निकालने के कार्यक्रम करते हो, जरा केरल में आंदोलन करके वहां तो एपीएमसी चालू करवाओ। पंजाब के किसानों को गुमराह करने के लिए आपके पास समय है, केरल में यह व्यवस्था शुरू कराने के लिए आपके पास समय नहीं है। क्यों आप लोग दोगली नीति लेकर चल रहे हो।
  4. हमारी सरकार ने प्रयास किया कि देश के किसान को फसल की उचित कीमत मिले। हमने लंबे समय से लटकी स्वामीनाथन कमेटी की रिपोर्ट के अनुसार, लागत का डेढ़ गुना एमएसपी किसानों को दिया। पहले कुछ ही फसलों पर एमएसपी मिलती थी, हमने उनकी भी संख्या बढ़ाई।
  5. इन कृषि सुधार के जरिए हमने किसानों को बेहतर विकल्प दिए हैं। इन कानूनों के बाद आप जहां चाहें जिसे चाहें अपनी उपज बेच सकते हैं। आपको जहां सही दाम मिले आप वहां पर उपज बेच सकते हैं। 2014 में सरकार बनने के बाद हमारी सरकार ने नई अप्रोच के साथ काम करना शुरू किया। हमने देश के किसान की छोटी छोटी दिक्कतों, कृषि के आधुनिकीकरण और उसे भविष्य की जरूरतों के लिए तैयार करने पर ध्यान दिया।
  6. आज कृषि कानून को लेकर झूठ फैलाए जा रहे हैं। एमएसपी और मंडी पर अफवाह जारी है, कानून लागू हुए कई महीने हो गए हैं लेकिन क्या किसी को कोई नुकसान हुआ है।
  7. किसान आंदोलन में सभी गलत लोग नहीं हैं, कुछ भोले किसानों को भड़काया जा रहा है। पहले एमएसपी पर फसल बेची गई और उसके बाद आंदोलन को हवा दी गई।
  8. देश के किसान को इतने अधिकार मिल रहे हैं तो इसमें गलत क्या है? अगर किसानों को अपनी उपज बेचने का विकल्प ऑनलाइन माध्यम से पूरे साल और कहीं भी मिल रहा है तो इसमें गलत क्या है?
  9. कुछ राजनीतिक दल जिन्हें देश की जनता ने लोकतांत्रिक तरीके से नकार दिया है, वो आज कुछ किसानों को गुमराह कर रहे हैं।
  10. पिछले दिनों अनेक राज्यों, चाहे असम हो, राजस्थान हो, जम्मू-कश्मीर हो, इनमें पंचायतों के चुनाव हुए। इनमें प्रमुखता से ग्रामीण क्षेत्र के लोगों ने, किसानों ने ही भाग लिया। उन्होंने एक प्रकार से किसानों को गुमराह करने वाले सभी दलों को नकार दिया है। सरकार किसान के साथ हर कदम पर खड़ी है।

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