यूपी की गाजियाबाद पुलिस ने गहनों की दुकानों में चोरी करने वाले एक अंतर्राज्यीय चोर गिरोह का खुलासा किया है। इस गिरोह के सदस्य हवाई जहाज से देश के विभिन्न हिस्सों में जाकर वारदात करते थे और चोरी का माल मेरठ और नेपाल में ले जाकर बेचा करते थे। इस गिरोह की सरगना एक महिला है। पुलिस ने फिलहाल गिरोह की सरगना समेत चार आरोपियों को गिरफ्तार किया है। वहीं बाकी आरोपियों की पहचान होने के साथ ही दबिश तेज कर दी गई है।
डॉ. ईरज राजा पुलिस अधीक्षक (ग्रामीण) और ज्ञानेंद्र कुमार सिंह पुलिस अधीक्षक नगर (द्वितीय) ने संयुक्त प्रेस कॉन्फ्रेंस में इस गिरोह की करतूतों का खुलासा किया। एसपी देहात ने बताया कि गिरोह की जानकारी नौ फरवरी को मोदीनगर में और 26 फरवरी को साहिबाबाद स्थित आभूषण कारोबारियों की दुकानों में हुई चोरी से हुई। पुलिस ने जब दोनों दुकानों के सीसीटीवी देखे तो पता चला कि एक ही गिरोह ने दोनों वारदातों को अंजाम दिया है। सीसीटीवी कैमरे में इनकी गाड़ी भी चिन्हित हो गई। इसके बाद पुलिस ने इलेक्ट्रॉनिक और मैन्युअल सर्विलॉन्स का इस्तेमाल करते हुए चारों आरोपियों को धर दबोचा। इनकी पहचान पसौंडा के रहने वाले इंतजार, सिधरावली बागपत के रहने वाले जाहिद, खतौली मुजफ्फरनगर के रहने वाले समीर और मुजफ्फर नगर की ही रहने वाली एक महिला के रूप में हुई है। यह महिला समीर की भाभी है और फिलहाल लिसाड़ी गेट मेरठ में रह रही थी। इस गिरोह में शामिल महिला के पति समेत एक दर्जन से अधिक सदस्य अभी फरार है। इनमें मेरठ के कुछ आभूषण कारोबारी भी शामिल हैं।
मुंबई से जा चुके हैं जेल
ज्ञानेंद्र कुमार सिंह पुलिस अधीक्षक नगर (द्वितीय) ने बताया कि आरोपी करीब पांच साल पहले मुंबई में जेल जा चुके हैं। इसके अलावा इनके द्वारा हरियाणा के यमुनानगर, पंजाब के जालंधर, यूपी के मेरठ, गाजियाबाद, बागपत, मुजफ्फरनगर, कर्नाटका के बेंगलुरु, तेलंगाना के आधा दर्जन से अधिक जिलों के अलावा राजस्थान के कई जिलों में चोरी की वारदात किए जाने की पुष्टि हुई है।
हवाई जहाज से जाकर करते थे चोरी
डॉ ईरज राजा पुलिस अधीक्षक देहात ने बताया कि गिरोह की मुखिया के इशारे पर उसका पति तनवीर हवाई जहाज से बड़े-बड़े शहरों में जाता था और वारदात के लिए लोकल टीम बनाता था। फिर उसी टीम की मदद से वह अपना टारगेट चुनकर विधिवत रेकी करता था। वारदात करने के बाद आरोपी वहीं आसपास में ही कहीं छिप जाते थे। इसके बाद गिरोह की मुखिया हवाई जहाज या राजधानी एक्सप्रेस से वहां पहुंचती थी और चोरी का सारा माल समेट कर वापस आ जाती थी। वहीं गिरोह के बाकी सदस्य अलग-अलग अलग हाई स्पीड ट्रेनों से अपने अपने ठिकाने पर चले जाते थे।
माल बिकने के बाद होता था बंटवारा
पूछताछ के दौरान आरोपियों ने बताया कि चोरी का माल काफी हद तक मेरठ के तीन चार आभूषण कारोबारियों के पास बिक जाता था। कई बार वह नेपाल भी ले जाकर माल बेचते थे। माल बिकने के बाद जो भी धनराशि हाथ में आती थी उसमें से 25 फीसदी हिस्सा गिरोह के बाकी सदस्यों को दिया जाता था। वहीं बाकी रकम मुखिया अपने पास रख लेती थी।
फर्जी नंबर प्लेट लगाकर करते थे गाड़ी का इस्तेमाल
स्थानीय पुलिस ने बताया कि प्रत्येक वारदात में आरोपियों की संख्या उतनी ही होती थी, जितने एक गाड़ी में बैठ सकें। आरोपी वारदात के लिए अपनी गाड़ी का इस्तेमाल करते थे, लेकिन वारदात पर निकलने से पहले उसकी नंबर प्लेट बदल देते थे। मोदीनगर और साहिबाबाद की वारदात में इस्तेमाल हुई गाड़ी भी पुलिस ने बरामद कर ली है। यह गाड़ी पकड़े गए आरोपियों में से एक की है।
