अबतक 2 भाइयों की हो चुकी है हत्या, तीसरे भाई को भी मार सकते है आरोपित
सुरेंद्र बैंसला की फोटो |
24x7 ग़ाज़ियाबाद न्यूज़
जनपद में लोनी थाना क्षेत्र के सिरोली गांव में संपत्ति के विवाद को लेकर पिछले साल 22 दिसंबर से शुरू हुआ खूनी खेल एक बार फिर रक्त रंजित हो उठा। पांच महीने पहले चाचा जैनेंद्र बैंसला उर्फ जॉनी की एलानिया हत्या करने वाले सौतेले भतीजे पवन ने दूसरे चाचा सुरेंद्र बैंसला (52) की भी शुक्रवार को गोलियों से भूनकर हत्या कर दी। जैनेंद्र की हत्या के बाद से ही पवन फरार चल रहा था। घटना को दिनदहाड़े चिरौडी गांव में अंजाम दिया गया, जहां सुरेंद्र सिंह अपने भाई संजय के साथ दवा लेने गए हुए थे। घटना से गुस्साए परिजन और ग्रामीणों ने हत्यारों की गिरफ्तारी की मांग को लेकर शव सड़क पर रखकर तीन घंटे जाम लगा दिया। भाजपा विधायक नंदकिशोर गुर्जर और एसपी ग्रामीण डॉ. ईरज राजा के आश्वासन पर ग्रामीणों ने जाम खोला। परिजनों ने पवन और उसके गौतमबुद्धनगर निवासी साथी सोनू को नामजद कर केस दर्ज कराया है।
लोनी के सिरोली गांव निवासी सुरेंद्र बैंसला खेतीबाड़ी और ब्याज पर पैसे देने का काम करते थे। शुक्रवार को वह अपने भाई संजय के साथ बाइक पर चिरौड़ी गांव स्थित मार्केट में दवा लेने गए थे। सुबह करीब 11 बजे मार्केट में पहुंचते ही पीछे से आए बाइक सवार दो बदमाशों ने उन पर गोलियां बरसा दीं। सिर और कमर में गोली लगने से सुरेंद्र की मौके पर ही मौत हो गई, जबकि संजय ने भागकर अपनी जान बचाई। वारदात को अंजाम देकर हत्यारोपी फरार हो गए। सूचना पर पुलिस मौके पर पहुंच गई। पुलिस शव को पोस्टमार्टम के लिए भेजने की तैयारी कर रही थी कि सुरेंद्र बैंसला के परिजन और दर्जनों ग्रामीण पहुंच गए। वह आरोपियों की गिरफ्तारी के बाद ही शव पोस्टमार्टम के लिए भेजे जाने की जिद पर अड़ गए। लोनी विधायक नंदकिशोर गुर्जर भी मौके पर पहुंच गए। उन्होंने व पुलिस ने लोगों को समझाने की कोशिश की लेकिन उन्होंने किसी की एक न सुनी। इस दौरान पुलिस और ग्रामीणों की नोकझोंक भी हुई। कुछ देर बाद एसपी देहात डॉ. ईरज राजा मौके पर पहुंचे, जिन्होंने आरोपियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई का आश्वासन दिया। करीब तीन घंटे बाद ग्रामीण सड़क से हटे, जिसके बाद पुलिस ने शव पोस्टमार्टम के लिए भेजा।
टेंपो से शव भेजने पर भड़के ग्रामीण।
थाना पुलिस ने शव को ले जाने के लिए एक टेंपो बुलाया, जिस पर ग्रामीण भड़क गए। उन्होंने एंबुलेंस में शव ले जाने की बात कही। माहौल गर्म होता देख पुलिस ने आननफानन एंबुलेंस बुलाई और उसमें शव को पोस्टमार्टम के लिए भेजा। घटना के संबंध में परिजनों ने सुरेंद्र सिंह के सौतेले भतीजे पवन, उसके साथी सोनू समेत अज्ञात के खिलाफ तहरीर दी। लोनी एसएचओ ओपी सिंह ने बताया कि तहरीर के आधार पर हत्या का केस दर्ज कर लिया गया है। हत्यारोपियों की तलाश में दबिश दी जा रही है।
मृतक जैनेंद्र बैंसला की फ़ाइल फोटो |
छोटे भाई जैनेंद्र बैसला की हत्या में गवाह थे सुरेंद्र।
22 दिसंबर को सिरोली गांव में कार और बाइक सवार बदमाश जैनेंद्र के घर आए थे। उन्होंने जैनेंद्र को आवाज लगाई। जैनेंद्र के आने पर घर के गेट पर खड़े बदमाशों ने उन पर गोलियां से भूनकर हत्या कर दी थी, जिसमें उनकी मौके पर ही मौत हो गई थी। परिजनों ने घटना में जैनेंद्र के सौतेले भतीजे पवन और उसके साथियों पर हत्या का केस दर्ज कराया था। पुलिस ने 8 लोगों को गिरफ्तार कर जेल भेजा था, लेकिन मुख्य आरोपी पवन पुलिस पकड़ से फरार चल रहा था।
तीनों चाचा की हत्या का एलान पहले ही कर चुका था।
भतीजे पवन और उसके चाचा के परिवार में प्रापर्टी का झगड़ा चल रहा था। झगड़े के बाद पवन ने प्रापर्टी नहीं मिलने पर तीनों चाचा जैनेंद्र, सुरेंद्र और संजय को मौत के घाट उतारने का एलान किया था। 22 दिसंबर को चाचा जैनेंद्र की हत्या कर दी। परिजनों का कहना है कि जैनेंद्र की हत्या में उनके भाई सुरेंद्र गवाह है और मुकदमे की पैरवी भी कर रहे थे। इसी के चलते पवन ने शुक्रवार को उन्हें मौत के घाट उतार दिया। परिजनों का कहना है कि पवन ने जो एलान किया था, दूसरी हत्या कर वह उसे पूरा करने में कामयाब रहा।
प्रॉपर्टी में हिस्सा मांगने का था विवाद।
परिजनों के मुताबिक जैनेंद्र और सुरेंद्र के पिता किशनलाल ने दो शादी की थीं। पहली पत्नी रामकली से दो बच्चे संतराम और संतरा थे। दूसरी पत्नी वेदवती से सुरेंद्र, संजय और जैनेंद्र हुए। किशनलाल की पहली पत्नी की मौत होने पर उनके भाई रतनू ने संतराम और संतरा को गोद ले लिया था। संतराम के दो बेटे पवन और मोहित हैं। करीब 20 साल पहले संतराम ने मरने से पहले ही लोनी के सिरोली गांव की प्रॉपर्टी बेच दी थी। पवन और मोहित नोएडा में एक रिश्तेदार के यहां रहने लगे थे। सिरोली गांव में सुरेंद्र, संजय और जैनेंद्र रह रहे थे। मृतक के परिजनों का आरोप है कि पवन संजय, सुरेंद्र और जैनेंद्र की प्रॉपर्टी से भी हिस्सा मांग रहा था।
घर में था पहरा, बाहर दिया घटना को अंजाम।
जैनेंद्र बैंसला की हत्या के बाद पुलिस ने लगातार उनके घर पर पहरा बढ़ा दिया था। दो पुलिसकर्मी लगातार घर की सुरक्षा में रहते थे। घर में सुरक्षा का पहरा को देखते हुए बदमाशों ने घर के बाहर वारदात को अंजाम देने का प्लान बनाया। शुक्रवार सुबह बदमाश रास्ते में घात लगाए बेठे थे। वह सुरेंद्र के बाहर आने का इंतजार कर रहे थे। घर से बाहर आते ही बदमाशों ने कुछ ही दूरी पर जाकर घटना को अंजाम दिया।
परिवार सुरक्षा मांग रहा था।
परिवार के लोगों ने बताया कि जैनेंद्र की एलानिया हत्या के बाद परिजनों को कहीं न कहीं अन्य परिजनों की हत्या का शक था। पवन के फरार होने के चलते उन्होंने परिवार की सुरक्षा के लिए सुरक्षाकर्मियों की मांग की थी। इसके लिए उन्होंने पुलिस को पत्र भी लिखा था। पुलिस ने घर पर सुरक्षा दे दी, लेकिन घर से बाहर सुरक्षा नहीं मिली। इसके अलावा भी परिजनों ने पवन की गिरफ्तारी के लिए स्थानीय जनप्रतिनिधि से लेकर पुलिस के आलाधिकारियों से गिरफ्तारी की मांग की थी। लेकिन उन्हें आश्वासन के अलावा कुछ नहीं मिला।