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किसान विरोधी कानूनों को लागू हुए 1 साल होने पर मनाया संपूर्ण क्रांति दिवस, कृषि कानूनों के पुतले का किया दहन


  • किसान विरोधी कानूनों को लागू हुए एक साल होने पर पूरे देश में मनाया गया संपूर्ण क्रांति दिवस कृषि कानूनों का पुतला का भी दहन किया गया
  • भारतीय किसान यूनियन अंबावता द्वारा  वृक्षारोपण करके पर्यावरण दिवस मनाया गया।


24x7 गाजियाबाद न्यूज
आज दिनांक 5 जून शनिवार को विश्व भर में पर्यावरण दिवस के रूप में मनाया जाता है लेकिन इस वर्ष से 5 जून को संपूर्ण क्रांति दिवस के रूप में भी मनाया जाएगा क्योंकि इस दिन पर्यावरण प्रेमी किसानों के लिए केंद्र सरकार ने ऐसे कानून बनाए जिससे किसानों के हित का कोई लेना देना नहीं है वह कानून केवल पूंजीपतियों के हित को ध्यान में रखकर बनाए गए हैं। आज भारतवर्ष के किसानों की दशा किसी से छिपी नहीं है किसान बहुत मुश्किल से अपनी आजीविका चला रहा है और वह खेती छोड़ कर शहरों के लिए पलायन पर मजबूर हो रहा है।

पिछले 7 महीने से पूरे देश का किसान किसान विरोधी तीनों कानूनों के खिलाफ आंदोलन चला रहा है किंतु वर्तमान केंद्र सरकार किसी भी प्रकार से किसानों का हित नहीं होने दे रही। वह चाहती है कि किसान की दशा में कोई सुधार ना होने पाए, इसी के विरोध स्वरूप संयुक्त किसान मोर्चा के आह्वान पर भारतीय किसान यूनियन अंबावता की राष्ट्रीय अध्यक्ष चौधरी ऋषि पाल अंबावता के निर्देश पर संगठन के पदाधिकारियों ने हर जिले स्तर पर कृषि कानूनों कानूनों के विरोध में कानूनों का पुतला जलाया और कानूनों की प्रतिलिपि जलाकर विरोध प्रदर्शन किया और थाना लोनी बॉर्डर s.h.o  के द्वारा महामहिम राष्ट्रपति के नाम ज्ञापन प्रेषित किया।
इसी संदर्भ में संगम विहार लोनी गाजियाबाद में प्रदेश अध्यक्ष पं.सचिन शर्मा के नेतृत्व में आए हुए अनेक किसान भाइयों के साथ मिलकर पैदल मार्च किया और कृषि कानूनों को वापस लेने के लिए नारे लगाए व कानून की प्रतिलिपि जलाकर अपना विरोध प्रदर्शित किया। और महामहिम राष्ट्रपति जी के नाम तीनों किसान विरोधी कानूनों के वापस लेने के संदर्भ में द्वारा थाना लोनी बॉर्डर स्पेक्टर को राष्ट्रपति के नाम ज्ञापन  दिया
पर्यावरण दिवस के उपलक्ष मैं थाना  लोनी बॉर्डर  के स्पेक्टर  साहब  के साथ मिलकर एक पेड़ भी लगाया।

जिला स्तर तहसील स्तर व ब्लॉक स्तर पर भारतीय किसान यूनियन अंबावता के अनेक पदाधिकारियों ने कानूनों की प्रतिलिपि विरोध स्वरूप जलाई और विश्व पर्यावरण दिवस को मनाते हुए पेड़ रोपण का कार्य किया!
 किसान सबसे अधिक पर्यावरण प्रेमी जाति है किसान का प्रयास पेड़ लगा कर निरंतर पर्यावरण को खुशहाल बनाने का रहता है। लेकिन आजादी के बाद केंद्र में सत्तासीन सरकारों का रवैया किसानों के प्रति बहुत ही दुर्भाग्यपूर्ण रहा है।

इस अवसर पर प्रदेश अध्यक्ष पं. सचिन शर्मा ने कहा कि आज भारतीय किसान यूनियन अंबावता संगठन पूरे देश में संपूर्ण क्रांति दिवस के रूप में मना रहा है और हमारा यह विरोध प्रदर्शन तब तक जारी रहेगा जब तक कि वर्तमान सरकार हमारी जायज मांगों को नहीं मान लेती।

इस अवसर पर प्रदेश प्रवक्ता ठाकुर मुकेश सोलंकी ने कहा कि जिस प्रकार पूरा विश्व आज पर्यावरण दिवस मना रहा है किंतु पर्यावरण को सबसे अधिक प्रेम करने वाले किसान को अपने हक की लड़ाई पिछले 7 महीनों से लड़नी पड़ रही है उसे यह लगता है की वर्तमान सरकार किसानों की दशा के प्रति संवेदनशील नहीं है। जिस प्रकार पिछले 2 वर्ष से कोरोना महामारी की वजह से देश की अर्थव्यवस्था नकारात्मक स्तर पर पहुंच चुकी है

गाजियाबाद के जिला अध्यक्ष अमित कसाना ने कहा ऐसे समय में किसान की कमर तोड़ मेहनत और परिश्रम से भारतीय अर्थव्यवस्था को संबल प्रदान किया है और उसको सकारात्मक स्तर पर बनाए रखा है लेकिन किसान का दुर्भाग्य ऐसा है कि वह देश की अर्थव्यवस्था को तो सुधार रहा है लेकिन अपनी आर्थिक स्थिति में पिछले 70 सालों से कोई सुधार नहीं कर पा रहा इसके पीछे सरकारों की किसान विरोधी नीतियों को ही जिम्मेदार ठहराया जा सकता है लगातार हमारा संघर्ष जारी रहेगा और जब तक 3 काले कानून सरकार वापस नहीं लेगी जब तक हमारा विरोध प्रदर्शन चलता रहेगा 

इस अवसर पर प्रदर्शन में अनेक किसान भाइयों ने भाग लिया जिसमें प्रमुख रुप से राष्ट्रीय महासचिव पं. प्रवीण शर्मा नीटू  जिला अध्यक्ष गाजियाबाद अमित कसाना मास्टर राजकुमार गौड़ जितेंद्र कसाना चौधरी रविंदर सिंह शिवकुमार  शर्मा दिनेश रोहिल्ला सौरभ जैन विजयपाल कसाना सोनू शर्मा  प्रवीण शर्मा प्रदीप कुमार शकील मलिक गोपाल प्रसाद गणेश रोहित चौधरी हरेंद्र मलिक जोगिंदर दहिया विश्वनाथ जग्गा   वीर सिंह  आदि की उपस्थिति प्रशंसनीय रही
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