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18 ग्राम पंचायतों को दादरी ब्लॉक में यथावत रखने का सरकार का फैसला स्वागत योग्य
ब्लॉक बिसरख और दनकौर का अस्तित्व बनाए रखने के लिए भी चुनाव कराने हेतु जनप्रतिनिधि को उठानी चाहिए थी आवाज

                कर्मवीर नागर प्रमुख

18 ग्राम पंचायतों को दादरी ब्लॉक में यथावत रखने का सरकार का फैसला स्वागत योग्य-कर्मवीर नगर प्रमुख


            विगत दिनों उत्तर प्रदेश शासन  द्वारा दादरी ब्लॉक की 18 ग्राम पंचायतों को बिसरख ब्लॉक में सम्मिलित करने एवं दनकौर ब्लॉक को समाप्त किए जाने का  निर्णय लिया गया था ! दादरी ब्लाक की 18 ग्राम पंचायतों को बिसरख ब्लॉक में सम्मिलित किए जाने का निर्णय भौगोलिक दृष्टि से तर्कसंगत और उचित नहीं था ! बिसरख ब्लॉक में समायोजित करने हेतु दादरी ब्लॉक के 18 ग्राम पंचायत वासियों के विरोध स्वरूप स्थानीय विधायक और भाजपा नेता सत्येंद्र सिसोदिया द्वारा मामले को तत्काल माननीय मुख्यमंत्री के संज्ञान में लाकर निस्तारित कराया जाना स्वागत योग्य कदम है ! क्योंकि दादरी ब्लॉक की बिसरख ब्लॉक में सम्मिलित की गई सभी अट्ठारह ग्राम पंचायतों की बिसरख स्थित ब्लॉक मुख्यालय से दूरी लगभग 15 -20 किलोमीटर पड़ती है जबकि दादरी स्थित ब्लॉक मुख्यालय इन सभी ग्राम पंचायतों के निकट है !

     स्थानीय विधायक को दादरी ब्लॉक की पंचायतों की सहूलियत के लिए तत्परता से उठाए गए स्वागत योग्य कदम की भांति बिसरख ब्लॉक का अस्तित्व बनाए रखने के लिए पंचायत चुनाव कराने का मुद्दा भी माननीय मुख्यमंत्री के सामने उठाना चाहिए था ! इस मौके पर स्थानीय जनप्रतिनिधि के द्वारा माननीय मुख्यमंत्री के समक्ष पंचायत चुनाव बहाली का मुद्दा न उठाए जाने से उन 287 गांवों की समस्त जनता में उदासी छा गई है जो लंबे अरसे से चुनाव बहाली के लिए आवाज उठा रहे है !

        लेकिन दादरी ब्लॉक के गांवों को वापिस कराने की तत्परता से जनता की नजरों में एक बात तो जरूर स्पष्ट हो गई है कि अगर स्थानीय जनप्रतिनिधि पंचायत चुनाव बहाली के लिए रुचि लेकर आवाज उठाएं तो पंचायत राज व्यवस्था बहाल होना कोई असंभव काम नहीं है!    

          जनपद गौतमबुद्धनगर में लगभग 287 गांवों को इंडस्ट्रियल टाउनशिप घोषित कर दिए जाने के बाद इन गांवों के वासियों को तमाम परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है! लेकिन इनकी पीड़ा सुनने वाला कोई नहीं है ! दादरी ब्लाक के गांवों के लोगों की भांति स्थानीय जनप्रतिनिधियों को पंचायत चुनाव बहाली के लिए जनता की आवाज प्रदेश के मुख्यमंत्री तक पहुंचानी चाहिए अन्यथा आने वाले समय में यह मुद्दा जन आंदोलन का रूप धारण करेगा !

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