शादी के लिए जबरन धर्म परिवर्तन कराने की पहली FIR दर्ज, गिरफ्तारी के आदेश
यह भी पढ़े:-धर्म परिवर्तन के लिए 60 दिन पहले करनी होगी घोषणा, जानिए क्या है प्रावधान
'लव जिहाद' (Love Jihad) के खिलाफ कानून के तहत शादी के लिए धोखाधड़ी कर धर्मांतरण किए जाने को अपराध घोषित किया गया है। यूपी की राज्यपाल आनंदीबेन ने शनिवार को ही कैबिनेट के इस प्रस्ताव को दी मंजूरी।
यह भी पढ़े:-यूपी गेट पर किसानों का कब्जा, राहगीर परेशान
बरेली. उत्तर प्रदेश में योगी सरकार (Yogi Government) की कैबिनेट द्वारा पिछले दिनों 'लव जिहाद' (Love Jihad) के खिलाफ कानून पास किया गया। प्रदेश की राज्यपाल आनंदी बेन ने उत्तर प्रदेश विधि विरुद्ध धर्म संपरिवर्तन प्रतिषेध अध्यादेश, 2020 (UP Illegal Conversion Ordinance) के प्रस्ताव को मंजूरी भी दे दी है। इसके तुरंत बाद ही बरेली (Bareilly) के देवरनियां थाने में शनिवार देर शाम विवाह के लिए जबरन धर्म परिवर्तन कराने की FIR दर्ज की गई है। पुलिस ने मुकदमा दर्ज करते हुए आरोपी के गिरफ्तारी के निर्देश दिए हैं।
बताया गया कि देवरनिया के एक गांव निवासी व्यक्ति ने रिपोर्ट लिखाई है कि उनकी बेटी से पढ़ाई के दौरान गांव के ही निवासी उवैस अहमद ने दोस्ती कर ली। अब वह बेटी पर धर्म परिवर्तन कर शादी करने का दबाव बना रहा है। उन्होंने कई बार उवैस को समझाने की कोशिश की पर वह नहीं माना। प्रभारी एसएसपी डॉ. संसार सिंह ने बताया कि यूपी सरकार ने उप्र विधि विरुद्ध धर्म संपरिवर्तन प्रतिषेध अधिनियम लागू किया है। शनिवार रात देवरनिया थाने में इसी कानून के तहत उवैस के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है।
आपको बता दें कि शनिवार को ही जबरन धर्मांतरण को लेकर यूपी सरकार द्वारा बनाए गए कानून को राज्यपाल ने मंजूरी दी है। इसके तहत जबरन धर्म परिवर्तन कराने पर 15 से 50 हजार रुपए तक जुर्माना का प्रावधान है। वहीं शादी के नाम पर धर्म परिवर्तन अवैध घोषित कर दिया गया है। अगर कोई भी ग्रुप धर्म परिवर्तन कराता है तो उसे 3 से 10 साल की सजा होगी।
50 हज़ार रुपये तक का जुर्माना, दस साल सजा