Truecaller का गलत प्रयोग कर करते थे लाखो की ठगी। चढ़े पुलिस के हत्थे
ग़ाज़ियाबाद का एक गैंग जिसके द्वारा बड़े रसूखदार और कार एजेंसियों के मालिकों के नाम से बैंक मैनेजरोंं को कॉल कर मोटी रकम ठगने का काम किया जाता था। जिसके 09 सदस्यों को गाज़ियाबाद पुलिस अधीक्षक नगर की सर्विलांस टीम व थाना कोतवाली नगर पुलिस की संयुक्त टीम ने गिरफ्तार कर लिया है। इनके कब्जे से 22 अदद सिम कार्ड , 24 अदद मोबाइल फोन, 45 अदद एटीएम कार्ड, 06 अदद चैक बुक , 05 अदद आधार कार्ड की छायाप्रति व 440500 रुपये व सीजशुदा वर्ना कार नं0 HR51AS6678 व कार बैलोनो नं0 UP14ED6897 बरामद हुई है।
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कैसे करते थे truecaller से जालसाजी:
यह फर्जी आधार कार्ड पैन कार्ड और फोटो में मिक्ससिंग कर फर्जी आईडी कार्ड बना लेते थे। उन फर्जी आईकार्डों पर फर्जी सिम निकलवा दें थे और उन नंबरों को अकाउंट में भी अपडेट करवाते थे, जिससे कि इनके बारे में किसी को कोई जानकारी ना हो सके अकाउंट नंबर ओं का इंतजाम होने के बाद यह कॉलिंग करने के लिए फर्जी आईकार्ड पर फर्जी सिम खरीदते थे। साथ ही एक नया मोबाइल फोन भी खरीदते थे। यह लोग यह पता लगाते थे कि चार पहिया वाहन (कार) का शोरूम का खाता किस बैंक में है तथा शोरूम का मैनेजर कौन है। इसके बाद यह लोग उस मैनेजर के नाम से अपने नंबर को ट्रू कॉलर पर सेव कर लेते थे और शोरूम मैनेजर का फोटो भी लगा लेते थे। इसके बाद शोरूम मैनेजर बन कर उस बैंक मैनेजर को विश्वास में लेने के लिए कुछ दिनों तक बात करते थे, जब बैंक मैनेजर इनके विश्वास में आ जाता था, तो यह फर्जी शोरूम मालिक बने अभियुक्त, बैंक मैनेजर को फ़ोन द्वारा कैश की जरूरत होना बताते थे और RTGS के लिए ईमेल कर रहा हूँ बोलते थे। बैंक मैनेजर इनके झांसे में आने के बाद रुपये ट्रांसफर कर देता था।
जिस खाते में पैसे ट्रांसफर होते थे तो इस खाते से अन्य खातों में विशाल शर्मा उर्फ काचु paytm के माध्यम से पैसे ट्रांसफर कर लेता था। इसमें अभियुक्त पुनीत कुमार उर्फ डम्पी एकाउंट उपलब्ध करवाते था। अभियुक्त विनय यादव उर्फ बब्लू कालिंग और डाटा कलेक्शन का काम करता था, मनी ट्रांसफर का काम विशाल शर्मा उर्फ काचु करता था। एकाउंट की उपलब्धता पुनीत उर्फ डम्पी करता था जोकि मुन्ना, पवन मांझी, बृजमोहन, कपिल, चेतन, अफसर अली, आदि के माध्यम से एकाउंट ओर एटीएम से पैसे निकलने में साथ देते थे। बैंक से पैसे निकालने के बाद प्रयोग में लिया फ़ोन और सिम तोड़ दिया जाता था।
