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पुलिस ने क्यों बंद कर रखे हैं 25 दिनों से ये दो मुर्गे


पुलिस ने क्यों बंद कर रखे हैं 25 दिनों से ये दो मुर्गे

आप सोचेंगे कि भला मुर्गों ने कौन सा जुर्म कर दिया, जो उन्हें जेल में डाल दिया। उन्होंने किसकी भैंस खोल ली, किसको लाठी मार दी, जो पुलिस ने हवालात में डाल दिया? आप और भी हैरान हो जाएंगे जब आपको पता चलेगा कि 10 जनवरी से ये मुर्गे सलाखों के पीछे हैं। यानी 25 दिन से ज़्यादा होने को आए हैं। दरअसल मुर्गे तो निर्दोष हैं, जुर्म तो मालिकों का था। मगर मजेदार बात ये है कि इनके मालिक अब जमानत पर बाहर हैं और मुर्गे जेल में। जी हाँ तेलंगाना पुलिस ने दो मुर्गों को हवालात में डाल रखा है। 


तेलंगाना राज्य में एक जिला है खम्म्म। यही के मिदिगोंडा पुलिस स्टेशन में ये दोनों मुर्गे बंद हैं। मामला मुर्गों की लड़ाई का था, सुबूत के तौर पर इन मुर्गों को पुलिस पकड़ लाई थी। जब से ये सलाखों के पीछे ही हैं। बानापुरम गांव में मुर्गों को लड़ाया जा रहा था। पुलिस को खबर मिली तो पुलिस मौके पर पहुंच गई  10 लोगों को गिरफ्तार कर लिया। इनमें वो दो लोग भी थे जिन्होंने मजमा जोड़ा था। पुलिस ने लोगों को पकड़ा, बाइकें बरामद कीं और मुर्गे भी पकड़ लिए।


सभी को पुलिस थाने ले आई, हवालात में रखा, लेकिन हवालात की सलाखें इनको ज्यादा देर कैद ना रख सकीं। सभी लोगो को जमानत मिल गई। सब अपने-अपने घर भी चले गए और बच गए तो बेचारे मुर्गे। इन मुर्गों को किसी ने अपना ही नहीं बताया। अपना बताते तो यह भी मानना पड़ता कि लड़ा भी वही रहे थे। लिहाजा मुर्गों को वहीं छोड़ दिया गया। हालांकि पुलिस कह रही है कि दोनों मुर्गे सुबूत हैं और जरूरत पड़ने पर उनको अदालत में पेश किया जाएगा। 


अधिकारियों ने बताया कि दोनों मुर्गों की नीलामी की जाएगी। जो ऊंची बोली लगाएगा वो मुर्गों को ले जाएगा। आगे कुछ भी हो, फिलहाल तो इलाके में मुर्गों के ‘जेल’ में होने की कहानी लोगों में ‘मौज’ का सबब बनी हुई है।



आपको यहाँ बता दे कि संक्रांति के त्योहार के मौके पर तेलेंगाना में तीन दिनों तक मुर्गों की लड़ाई कराई जाती है। इस बार भी कराई गई। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक 100 करोड़ से अधिक का सट्टा लगाया गया। इस लड़ाई में मुर्गों के पैर में छोटे चाकू बांध दिए जाते हैं। दोनों मुर्गों में से कोई एक मुर्गा या तो मर जाता है या फिर रिंग से बाहर निकल जाता है। जीते हुए मुर्गे के मालिक को पैसे मिल जाते हैं। उन लोगों को भी बढ़ कर पैसे मिलते हैं जिन्होंने इस मुर्गे पर पैसे लगाए थे। हारे हुए मुर्गे पर पैसे लगाने वालों को पैसे देने पड़ते हैं।

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