जनपद गाजियाबाद के पांडव नगर स्थित फ्री होल्ड औद्योगिक क्षेत्र की दो सौ फैक्ट्रियों पर ध्वस्तीकरण की तलवार लटकी हुई है। तीन दशक पुरानी इन फैक्ट्रियों को गाजियाबाद विकास प्राधिकरण (GDA) ने ध्वस्तीकरण का नोटिस देकर फैक्ट्री मालिकों की चिंता बढ़ा दी है।
औद्योगिक संगठनों ने नोटिस मिलने के बाद इसका विरोध करना शुरू कर दिया है। औद्योगिक संगठनों के पदाधिकारियों ने उद्योग बंधु की बैठक में पांडव नगर के उद्यमियों का मुद्दा उठाया। गाजियाबाद औद्योगिक फेडरेशन के पदाधिकारियों ने जिलाधिकारी को बताया कि यहां करीब ढाई से तीन दशक से सूक्ष्म और लघु इकाइयां हैं। इंजीनियरिंग, मशीनरी के कलपुर्जे के साथ बेकरी और स्क्रैप के गोदाम हैं।
सरकारी उपेक्षाओं के शिकार इस फ्री होल्ड क्षेत्र में सरकारी मूलभूत सुविधाएं ना के बराबर हैं। जीडीए यहां के उद्योगों को अवैध कारोबार बताकर ध्वस्तीकरण की कार्रवाई के लिए नोटिस जारी कर रहा है। उद्योगपतियों ने कहा कि यहां के उद्योगों को उजाड़ा न जाए, बल्कि जीडीए से नियमितीकरण कराया जाए। अध्यक्ष अरुण शर्मा ने बताया कि जिलाधिकारी के आदेश पर जीडीए में चार मार्च को इस मुद्दे पर बैठक है। सभी संचालित इकाइयों के नियमितीकरण करने का मुद्दा रखा जाएगा।
नोटिस जारी होने से चिंता बढ़ी
औद्योगिक संगठन के अध्यक्ष आर.एस. नागर ने बताया कि कई वर्षों से यहां के उद्यमी सरकारी उपेक्षा के शिकार हैं और बुलंदशहर रोड औद्योगिक क्षेत्र एसोसिएशन से संबद्ध हैं। उन्होंने बताया कि पिछले माह जीडीए से यहां के उद्यमियों को ध्वस्तीकरण का नोटिस भेजा गया है। करीब 15 उद्यमियों को नोटिस भेजा गया है। इससे उद्यमियों की चिंता बढ़ गई है।
UPSIDC ने भी टेकओवर किया था
औद्योगिक संगठन का कहना है कि यहां करीब तीन दशक पुरानी कंपनियां संचालित हैं। छोटे-मध्यम उद्यमियों ने गड्ढों में भराव कर कई फैक्ट्रियां लगाई थीं। वर्ष 1990 के दश में यूपीएसआईडीसी ने इस औद्योगिक क्षेत्र को टेकओवर भी किया था। कई जगहों पर भराव करके सर्विस रोड बनाई गई थी। इसके बाद यूपीएसआईडीसी ने क्षेत्र को छोड़ दिया था।
चल रहे है कई उद्योग
इस औद्योगिक क्षेत्र में एमएसएमई की करीब 200 औद्योगिक इकाइयां हैं। इसमें लौह मशीनरी, कलपुर्जे, कूलर, बेकरी और निर्यातक क्षेत्र की कई कंपनियां हैं। एसोसिएशन का कहना है कि यहां के कारोबारी करीब दो दशक से नगर निगम में हाउस टैक्स जमा करा रहे हैं। जीडीए से भी यहां की सभी इकाइयों के नियमितीकरण के लिए प्रयासरत है।
