लोनी में भाजपा की वंदना नागर बनी ब्लाक प्रमुख
- वंदना को 39 व रेणू को 33 वोट मिले।
- दो वोट निरस्त हुईं।
24x7 Ghaziabad News
लोनी। लोनी ब्लाक में प्रमुख का चुनाव शांतिपूर्ण ढंग से संपन्न हो गया। सभी 74 बीडीसी सदस्यों ने वोट डाले। जिनमें से 39 वोट भाजपा समर्थित वंदना नागर को मिले तथा 33 वोट रेणू कसाना के पक्ष में डाले गए। जबकि दो वोट निरस्त हुए। वंदना की शानदार जीत की खुशी में गनौली गांव में दीपावली मनाई जा रही है। भारी संख्या में क्षेत्रवासी विधायक नंदकिशोर गुर्जर को जीत की बधाई देने पहुँच रहे हैं।
लोनी में ब्लाक प्रमुख पद के लिए शनिवार सुबह 11 बजे मतदान शुरु हुआ। दोपहर 12 बजे तक मतदान की गति धीमी रही। इस समय तक मात्र 16 बीडीसी सदस्यों ने मत डाले, लेकिन उसके बाद एक एक कर सभी बीडीसी सदस्य मतदान करने खंड विकास कार्यालय पहुंचने लगे। दोपहर 1.40 बजे तक क्षेत्र के सभी 74 बीडीसी सदस्यों के वोट डालने के साथ ही मतदान संपन्न हो गया।
एडीएम ई ऋतु सुहास व एसडीएम शुभांगी शुक्ला के नेतृत्व में तीन बजे मतगणना का कार्य शुरु हुआ और करीब आधा घंटे में ही मतों की गिनती का कार्य पूर्ण कर लिया गया। जिसमें भाजपा समर्थित वंदना नागर को 39 व रेणू कसाना को 33 वोट मिले। जबकि दो वोट निरस्त हो गए। निरस्त होने वाले मतों पर मतदाताओं ने कुछ लिख दिया था।
चॉक चौबंद रही सुरक्षा व्यवस्था
शनिवार सुबह नौ बजे से ही खंड विकास कार्यालय पर भारी पुलिस बल तैनात कर दिया गया था। खंड विकास कार्यालय के सामने लोनी गाजियाबाद रोड को एक तरफ से रोक दिया गया। मतदाताओं के अलावा किसी को अंदर नही जाने नही दिया गया। भाजपा प्रत्याशी वंदना नागर के पति कोमल गुर्जर कुछ देर के लिए अंदर चले गए, लेकिन उनके प्रतिद्वंद्वी रेणू कसाना के पति मनीष कसाना के विरोध करने पर उन्हे बाहर भेज दिया गया।
डीएम एसएसपी निरीक्षण करने पहुंचे
एसएसपी/डीआईजी अमित कुमार पाठक सुबह करीब 11.30 बजे लोनी ब्लाक स्थित मतदान केन्द्र का निरीक्षण करने पहुंचे और कुछ देर बाद वापस लौट गए। जबकि करीब 12 बजे डीएम राकेश कुमार सिंह मतदान केन्द्र पर पहुंचे और अधीनस्थों को निष्पक्ष चुनाव संपन्न कराने के निर्देश देकर करीब एक बजे वापस लौट गए।
विधायक की प्रतिष्ठा का सवाल बन गया था चुनाव
भाजपा समर्थित वंदना नागर स्थानीय विधायक नंदकिशोर गुर्जर के चचेरे भाई कोमल गुर्जर की पत्नी हैं। वंदना की जीत नंदकिशोर गुर्जर के लिए प्रतिष्ठा का सवाल बन गई थी। उनकी पार्टी के ही कुछ छुटभैये यह नही चाहते थे कि वंदना चुनाव जीते। सूत्रों की माने तो स्थानीय भाजपा नेताओं के रिश्तेदार बीडीसी सदस्यों ने भी वंदना नागर को वोट नही दिया है। क्षेत्रवासी तो यहां तक कह रहे थे कि विधायक नंदकिशोर गुर्जर एक तरफ और अधिकांश स्थानीय भाजपाई उनके विरोध में दूसरी ओर लामबंद हो गए थे। जिसके चलते नंदकिशोर गुर्जर के लिए भारी प्रतिष्ठा का सवाल था।
पार्टी को दिया जीत का श्रेय
विधायक नंदकिशोर गुर्जर का कहना है कि उनकी जीत मोदी योगी के आर्शीवाद का परिणाम है। सभी भाजपा नेताओं ने वंदना की जीत के लिए जी जान से मेहनत की है। उन्होने पार्टी कार्यकर्ताओं को ही जीत का श्रेय दिया है।



