खेत में सो रहे हिस्ट्रीशीटर की गला दबाकर हत्या
Ghaziabad News
मोदीनगर।। भोजपुर थाना क्षेत्र के कस्बा फरीदनगर में अपहरण कर हिस्ट्रीशीटर मेहराजुद्दीन की हत्या कर दी गई। उनका शव शनिवार सुबह खेत से थोड़ी ही दूरी पर पड़ा मिला। उनके हाथ-पैर गमछे से बंधे थे। सूचना पर पहुंची पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया। स्वजन के अनुसार, मेहराजुद्दीन से गांव के ही युवक ने 20 दिन पहले चार लाख रुपये छीने थे। इसके बाद उनके बीच विवाद हुआ। उन्हें शक है कि युवक ने अपने साथियों के साथ मिलकर मेहराजुद्दीन की हत्या कराई है। मामले में मृतक के भाई सिराजुद्दीन की तहरीर पर पांच लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज हुआ है।
जनपद के कस्बा फरीदनगर निवासी मेहराजुद्दीन उर्फ मुन्ना हिस्ट्रीशीटर था। वह मोदीनगर में एक युवक की हत्या के मामले में 10 साल पहले जेल गया था। वहां से करीब चार साल पहले ही वह जमानत पर छूटा था। अब ऐसे में रंजिश में हत्या की बात भी सामने आ रही है। हालांकि अभी पुलिस रंजिश में हत्या की बात से इन्कार कर रही है। बताया गया कि कस्बे के पास ही उसका खेत हैं। रात के समय पशु फसल को नुकसान न पहुंचाएं, इसलिए मेहराजुद्दीन अपने नौकर राजू के साथ खेत पर ही सोते थे। घर में उनके भाई सिराजुद्दीन व भाभी नज्जो रहते हैं। शुक्रवार शाम मेहराजुद्दीन खेत पर सोने गया था। इस बीच रात करीब 12 बजे राजू घर आया व सिराजुद्दीन को बताया कि खेत में बदमाश आए हैं। वे मेहराजुद्दीन को बंधक बनाकर पीट रहे हैं। किसी तरह वहां से वह अपनी जान बचाकर निकला है। तुरंत सिराजुद्दीन ने पुलिस को सूचना दी। वे पुलिस टीम के साथ खेत पर पहुंचे, लेकिन वहां मेहराजुद्दीन नहीं था। पुलिस टीम ने रातभर कांबिग की, लेकिन कोई सुराग नहीं लगा।
मेहराजुद्दीन का शव शनिवार सुबह खेत के पास ही पड़ा मिला। उनके गले पर निशान बने थे। सूचना पर पहुंची पुलिस व फारेंसिक टीम ने जरूरी साक्ष्य जुटाए। सिराजुद्दीन ने बताया कि मेहराजुद्दीन 20 दिन पहले बैंक से चार लाख रुपये निकालकर लाया था। गांव के कुछ दबंगों ने रास्ते में ही वे रुपये उससे छीन लिए थे। तभी से आरोपितों व उनके परिवार के बीच विवाद चल रहा है। संभवत: उन्होंने ही मेहराजुद्दीन की हत्या की है। मामले में थाना प्रभारी प्रभात दीक्षित का कहना है कि प्रथम²ष्टया रस्सी या कपड़े से गला दबाकर हत्या करने की बात सामने आ रही है। हत्या का कारण अभी अस्पष्ट है। दो टीम छानबीन में जुटी है। मामले में सिराजुद्दीन की तहरीर पर अमीरुद्दीन, मुदिया, गफ्फार, रहीस व बासिद के खिलाफ केस दर्ज कर उनकी तलाश जारी है। काश! पुलिस ने तब की होती कार्रवाई : 20 दिन पहले जब आरोपितों ने मेहराजुद्दीन ने रुपये छीने थे, तो उन्होंने भोजपुर थाने में तहरीर दी थी। वहीं पुलिस मामले में कार्रवाई की बजाय उसे छिपाने में जुटी रही। आरोपितों को भी नहीं पकड़ा गया। सिराजुद्दीन का कहना है कि यदि पुलिस तभी कार्रवाई करती तो शायद यह वारदात नहीं होती। उन्होंने बताया कि मेहराजुद्दीन ने कुछ समय पहले 80 लाख रुपये में जमीन बेची थी। सारी रकम बैंक में जमा कर दी थी। उसी रकम में से वह चार लाख रुपये निकालकर लाया था।
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