आईएएस अधिकारी रानी नागर प्रकरण में समस्त पिछड़ी जातियां और गुर्जर समाज हुआ लामबंद ।
रानी नागर की शिकायत पर तत्काल कार्रवाई करें हरियाणा सरकार ।
- मदन भैया पूर्व विधायक
हरियाणा कैडर की आईएएस अधिकारी रानी नागर द्वारा वरिष्ठ अधिकारी के उत्पीड़न से तंग आकर इस्तीफे की घोषणा से उत्तर प्रदेश, हरियाणा, दिल्ली, हिमाचल प्रदेश, जम्मू एवं कश्मीर, मध्य प्रदेश, राजस्थान, पंजाब, उत्तरांचल सरीखे प्रदेशों की समस्त पिछड़ी जातियां और विशेष तौर पर गुर्जर समाज में भारी रोष व्याप्त है। इस प्रकरण में जिस तरह विभिन्न प्रदेशों की पिछड़ी जातियां और गुर्जर समाज के आम आवाम ने एवं विभिन्न राजनीतिक दलों के नेताओं ने अपनी तीखी प्रतिक्रिया जाहिर करते हुए एक महिला के साथ हो रहे अन्याय के विरुद्ध आवाज बुलंद की है मैं सभी का हृदय से धन्यवाद करता हूं । इस प्रकरण में सत्तापक्ष से जुड़े गुर्जर समाज के नेताओं ने भी तत्परता से कार्रवाई करते हुए उत्पीड़ित आईएएस अधिकारी के प्रति अपनी संजीदगी को तो व्यक्त किया है लेकिन प्रकरण में सत्ता पक्ष के किसी नेता अथवा सरकार का कोई अधिकृत बयान अभी तक न आने से लोगों में भ्रम की स्थिति बनी हुई है। माननीय प्रधानमंत्री को पत्र लिखे जाने के बाद हरियाणा की प्रमुख सचिव श्रीमती किशनी आनंद के एक संदेश वाहक द्वारा इतनी सूचना मुझे जरूर प्राप्त हुई है कि रानी नागर को सुरक्षा मुहैया करा दी गई है । हालांकि यह कोई विशेष बात नहीं है क्योंकि रानी नागर पिछड़ी जाति से तालुकात रखती है और हरियाणा सरकार उन पिछड़ी जातियों की बैसाखी के सहारे ही चल रही है । सत्तापक्ष से जुड़े नेताओं को इस प्रकरण को हल्के में नहीं लेना चाहिए क्योंकि यह अत्यंत गंभीर प्रकरण है। जो एक महिला अधिकारी की बहादुरी की वजह से सरकारी चारदीवारी से बाहर आ सका। यह इस बात की पोल खोलता है कि सरकारी महकमों में भी सर्वोच्च पदों पर काम करने वाली महिला अधिकारी तक महफूज नहीं है । हालांकि सरकार द्वारा ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए प्रत्येक सरकारी कार्यालय में समितियां बनी हुई हैं। लेकिन कभी-कभी उच्चाधिकारियों के दबाव में मामले नहीं खुल पाते हैं । इसलिए सरकार को इस दिशा में और अधिक सख्त कदम उठाने चाहिए। ताकि ऐसी घटनाएं घटित ना हो सके। कुछ लोगों को तरह तरह के भ्रामक प्रचार के लिए जुटाने से अभी हरियाणा सरकार की मंशा साफ नजर नहीं आ रही है। इसलिए सत्ता पक्ष के विशेष तौर पर गुर्जर नेताओं को इस प्रकरण में सरकार से यह सुनिश्चित कराया जाना नितांत आवश्यक है कि प्रकरण के पटाक्षेप के बाद रानी नागर के विरुद्ध किसी प्रकार की अनुशासनात्मक कार्यवाही न होने पाए । क्योंकि वरिष्ठ अधिकारियों के कॉकस के बीच में फंसे होने और सरकार से संरक्षण प्राप्त अधिकारियों के विरुद्ध जान का खतरा मोल लेकर आईएएस अधिकारी रानी नागर द्वारा इस प्रकरण को उजागर किया गया है । मेरा देश के माननीय प्रधानमंत्री जी से और इस प्रकरण में भूमिका निभा रहे सत्ता पक्ष के नेताओं से अनुरोध है कि उत्पीड़ित आईएएस अधिकारी रानी नागर की शिकायत पर तत्काल उच्च स्तरीय जांच एजेंसी से जांच कराई जानी चाहिए और जांच में दिए गए बयानों की वीडियोग्राफी कराई जानी चाहिए ताकि रिपोर्ट को दबाया जाना संभव न सके । इस संगीन और अति संवेदनशील प्रकरण पर हरियाणा सरकार को तत्काल अपना बयान भी जारी करना चाहिए ताकि विभिन्न प्रदेशों की लामबंद हो रही पिछड़ी जातियां भी सरकार की कार्यवाही से अवगत हो सकें ।
