गौतमबुध नगर के रेलवे लाइन पार दादरी ब्लॉक के गांवों में विकास और रोजगार हेतु उद्योग स्थापित करने पर फोकस करे प्राधिकरण
इंडस्ट्रियल टाउनशिप घोषित गांवों के बेरोजगारों को स्थानीय उद्योगों में दिलाया जाए रोजगार-कर्मवीर नागर प्रमुख
गांवों में श्रमिकों को रोजगार मुहैया कराने का फैसला सरकार का स्वागत योग्य कदम !
अपने घरों को वापस लौटे श्रमिक और बेरोजगारों को गांवों में रोजगार के साधन मुहैया कराने के लिए गांवों में एलएमसी और अन्य किसी भी सरकारी महकमे की खाली पड़ी भूमि पर रोजगार के साधन मुहैया कराने का उत्तर प्रदेश सरकार का निर्णय स्वागत योग्य है ! गांवों में खाली पड़ी सरकारी भूमि पर छोटे-छोटे कुटीर उद्योग स्थापित करके गांवों के बेरोजगारों को रोजगार देने के इस फैसले से जहां एक तरफ बेरोजगारों को रोजगार के साधन उपलब्ध हो सकेंगे वहीं दूसरी तरफ सरकारी भूमि पर होने वाले अवैध कब्जों पर पाबंदी लग सकेगी ! जिला प्रशासन और प्राधिकरण अधिकारियों को प्रदेश के अन्य जिलों से भिन्न जनपद गौतमबुद्ध नगर की भौगोलिक स्थिति को ध्यान में रखते हुए कारगर कदम उठाने होंगे ! जहां एक तरफ नोएडा, ग्रेटर नोएडा और यमुना एक्सप्रेसवे जैसे तीन औद्योगिक प्राधिकरण क्षेत्रों में स्थापित उद्योगों में इंडस्ट्रियल टाउनशिप स्थित गांवों के बेरोजगार युवाओं और जरूरतमंदों को रोजगार दिलाना सुनिश्चित करना होगा तो वही दूसरी तरफ स्थानीय प्रशासन को गौतमबुध नगर के चार विकास खंडों की मात्र 88 ग्राम पंचायतों के लोगों को रोजगार उपलब्ध कराने की दिशा में कारगर कदम उठाने होंगे !
अगर जनपद गौतमबुद्ध नगर में ग्राम पंचायतों के आधार पर देहात क्षेत्र का आकलन करें तो विकास खंड बिसरख में मात्र 6 ग्राम पंचायतें, विकास खंड दादरी में 44 ग्राम पंचायतें, विकासखंड दनकौर में 11 ग्राम पंचायतें और जेवर में 13 ग्राम पंचायतें शेष बची हैं ! लगभग 287 गांवों को इंडस्ट्रियल टाउनशिप घोषित किए जाने के कारण इन गांवों में ग्राम पंचायतों का गठन नहीं किया गया है ! ग्राम पंचायतों की संख्या के इन आंकड़ों से स्पष्ट है कि विकास खंड- दादरी क्षेत्र जनपद गौतमबुद्ध नगर का सबसे बड़ा ग्रामीण क्षेत्र है ! रेलवे लाइन के एक तरफ औद्योगिक प्राधिकरण द्वारा विकसित कालोनियां और चमचमाती गगनचुंबी इमारतें और दूसरी तरफ विकास और रोजगार की बाट जोह रहे दादरी विकास खंड क्षेत्र के गांवों की बदहाली को देखकर लोगों को विश्वास नहीं होता कि यह क्षेत्र जनपद गौतमबुद्धनगर के अंतर्गत आता होगा ! रेलवे लाइनपार क्षेत्र के अति पिछड़ेपन को दूर करने के लिए जिला प्रशासन और प्राधिकरण अधिकारियों को मिलकर रूपरेखा तैयार करने की सख्त आवश्यकता है ताकि इस क्षेत्र को विकसित करके और उद्योग धंधे स्थापित करके पिछड़ेपन को दूर किया जा सके ! और इन गांवों के गरीब, मजदूर और जरूरतमंदों को रोजगार के अवसर मुहैया कराए जा सकें !
वैश्विक महामारी के कारण आर्थिक संकट से उत्पन्न हुई स्थिति के कारण स्थानीय प्रशासन को नोएडा, ग्रेटर नोएडा और यमुना एक्सप्रेस वे औद्योगिक विकास प्राधिकरण क्षेत्र स्थित औद्योगिक इकाइयों में स्थानीय बेरोजगारों को अधिकाधिक रोजगार के अवसर प्राप्त कराने की दिशा में भी एक विशेष पहल करने की सख्त आवश्यकता है! जैसा कि आमतौर पर देखा गया है कि स्थानीय बेरोजगारों को औद्योगिक इकाइयों में स्थानीय होने के कारण रोजगार से वंचित होने का दंश झेलना पड़ता है !
जहां एक तरफ जनपद गौतमबुद्ध नगर के किसानों की जमीनों का तीनों प्राधिकरण अधिग्रहण कर चुके हैं वही दूसरी तरफ किसानों के बेरोजगार बच्चों को उनकी जमीनों पर स्थापित उद्योगों में स्थानीय होने के कारण रोजगार से वंचित किया जाना बहुत बड़ा अन्याय और प्राधिकरणों के गठन हेतु उल्लिखित बाइलॉज की शर्तों का खुला उल्लंघन है ! गौतमबुध नगर स्थित औद्योगिक इकाइयों में किसानों के बेरोजगार बच्चों को स्थानीय होने का लाभ मिलने की बजाय स्थानीय होना अभिशप्त हो गया है ! जिस कारण जरूरतमंद युवा बेरोजगारों को रोजगार की तलाश में देश के विभिन्न शहरों में जाकर रोजगार करने के लिए मजबूर होना पड़ रहा है! अब जबकि हालात बिल्कुल विपरीत है प्रवासी मजदूर पलायन कर चुके हैं इसलिए वर्तमान संकट की घड़ी में स्थानीय बेरोजगारों को यहां के उद्योगों में रोजगार दिलाने के लिए प्राधिकरण एवं स्थानीय प्रशासन को विशेष कारगर कदम उठाने चाहिए!
इसके अतिरिक्त तीनों औद्योगिक प्राधिकरण क्षेत्रों के इंडस्ट्रियल टाउनशिप घोषित क्षेत्र से बाहर के गांवों में भी एलएमसी भूमि पर प्रदेश सरकार के आदेशों के अनुपालन में स्थानीय प्रशासन को कुटीर और छोटे उद्योग लगाकर बेरोजगार लोगों को रोजगार के अवसर देने की दिशा में तेजी से कारगर कदम उठाने चाहिए ! जनपद गौतमबुद्धनगर में रेलवे लाइन पार स्थित 44 ग्राम पंचायतों के सबसे बड़े विकास खंड- दादरी के देहात क्षेत्र में विकास और रोजगार मुहैया कराने हेतु उद्योग स्थापित कराने की दिशा में विशेष प्राथमिकता पर काम करना चाहिए ताकि इन गांवों के बेरोजगारों को रोजगार के साधन उपलब्ध हो सके और वैश्विक महामारी के दौरान आर्थिक संकट से उबर सके !
