लोनी एसडीएम और तहसीलदार मिलकर अवैध फैक्ट्रियों से कर रहे है उगाही, जनता को छोटे-छोटे कार्यों के लिए परेशान कर किया जा रहा प्रदेश सरकार सरकार को बदनाम- (प्रदेश अध्यक्ष)पं सचिन शर्मा
लोनी के एसडीएम खालिद अंजुम और तहसीलदार प्रकाश सिंह के गठजोड़ के कारण लोनी का बेड़ा गर्क होता जा रहा है। क्षेत्र की जनता के सेहत को नुकसान पहुंचाने वाली फैक्टरियों को पहले जनता और सामाजिक संगठन, जनप्रतिनिधि के दबाव में बन्द किया जाता है उसके बाद उसे पुनः संचालित करने के लिए पैसा लिया जाता है जिसमें लोनी एसडीएम स्वंय शामिल है। फैक्टरियों का बन्द होकर पुनः खुलना बताता है कि दाल में कुछ काला है।
अब ये मामला आम जनमानस में चर्चा का विषय बना हुआ है तो तहसीलदार एसडीएम के लिए और एसडीएम तहसीलदार को दोषी ठहराते है। जबकि फैक्टरी मालिकों से बात हुए तो उनका कहना है कि दोनों की मिलीभगत है हम सभी फैक्टरी वाले पैसा दे रहे है। अब यह फेक्ट्री वाले सही कह रहे है या एसडीएम यह तो जांच का विषय है लेकिन दाल में कुछ काला अवश्य है।
हम लगातार अवैध फैक्ट्री, प्रदूषण, भूमाफिया, भूजल माफिया, अवैध OYO होटल, स्कूलों के अवैध अतिक्रमण, बिजली विभाग का भ्रष्टाचार, पूर्व नगरपालिका चैयरमेन द्वारा किये गए भ्रष्टाचार आदि पर लगातार ज्ञापन दे रहे है लेकिन उनपर किसी भी प्रकार की कोई कार्रवाई नहीं की जा रही है। स्थिति जस की तस है और लोगों में सरकार और स्थानीय प्रशासन के प्रति गुस्सा सांतवे आसमान पर है। देखा जाए तो इसमें तहसीलदार का भी कोई दोष नहीं है क्योंकि एसडीएम लोनी का मालिक है और बिना उनके संज्ञान में आये कोई भी गलत कार्य लोनी में नहीं हो सकता है।
फैक्ट्री मालिकों ने भेंट के दौरान लोनी में एसडीएम के संरक्षण में चल रहे संगठित लूट का खुलासा करते हुए कहा कि लॉकडाउन में जब सभी कार्य ठप पड़े है। इस कारण समय से तहसीलदार और एसडीएम को पैसा नहीं पहुंचता तो हमारे कनेक्शन काट दिए जाते है, सील लगा दी जाती है। इसके बाद मजबूरन हमें पैसा देना पड़ता है उसके बाद ही कनेक्शन जोड़ा जाता है। इनका ध्यान उगाही पर है।
लॉकडाउन में भी एसडीएम लोनी जनता के उम्मीदों पर खरे नहीं उतरे है। अन्यथा कौन सा कारण है कि लोनी में पुनः भूमाफिया-भूजल माफिया और अपराधी पनप रहे है जिन्हें प्रशांत तिवारी जैसे एसडीएम ने मजबूत इच्छाशक्ति और सरकार की मंशा के अनुरूप रगड़ दिया था। लोग प्रशांत तिवारी के अतिरिक्त सतेंद्र वीर सिंह के कार्यकाल को याद करते है जो आम जनमानस के लिए सहज उपलब्ध रहते थे।
जनता आज भी लॉकडाउन के कारण उबर नहीं पाई है। ऐसे में उनके छोटे-छोटे कार्यों के लिए उन्हें लटकाया जाता है, बिना पैसा दिए उनका कोई कार्य नहीं किया जा रहा है। एसडीएम और तहसीलदार सीधे मुंह आमजनता से बात तक नहीं करते मिलना तो दूर की बात है। अधिकारियों के इस व्यवहार के कारण लोनी की जनता में प्रदेश सरकार के खिलाफ आक्रोश और नकारात्मक राय बनती जा रही है। एसडीएम लोनी के बारे में आम जनता में आम राय बनती जा रही है कि जनता के कार्यों को करने की बजाय उसे लॉक डाउन का बहाना बनाकर लटकाए रहते है, कार्य में देरी की जाती है। इससे सरकार और मुख्यमंत्री के प्रति लोगों में आक्रोश पनप रहा है।
हम माननीय मुख्यमंत्री जी से मांग करते है कि प्रशांत तिवारी, सतेंद्र वीर सिंह जैसे ईमानदार और जुझारू एसडीएम को पुनः लोनी में लाया जाए जिससे सभी क्षेत्रों में कार्यरत माफियाओं में पुनः कानून का भय स्थापित हो सकें। माननीय मुख्यमंत्री जी से अनुरोध है उपरोक्त गंभीर विषयों पर ध्यान देते हुए उचित जांच करवाएं। वरना मजबूरन लोनी की जनता के हित में हमें आंदोलन करने पर मजबूर होना पड़ेगा।
