यूपी के नोएडा की फेज-3 थाना पुलिस ने लोन दिलाने के नाम पर ठगी करने वाले एक ठग को बुधवार को गिरफ्तार किया है। इस ठग ने तीन दिन पहले ही पुलिस कर्मियों पर सात लाख रुपये की रंगदारी मांगने का मामला दर्ज कराया था। इस केस में नोएडा पुलिस की प्रतिष्ठा पर भी आंच आई थी। अब आरोपी माजू चौहान उर्फ वरूण चौहान उर्फ देवेश चौहान की गिरफ्तारी के बाद मामले का दूसरा पक्ष भी सामने आया है।
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आरोपी माजू मेरठ जिले का रहने वाला है जो फर्जी फाइनेंस कंपनी चलाकर लोन दिलाने के बहाने लोगों से ठगी कर रहा था। इसने अब तक बीस से ज्यादा लोगों से ठगी की है। आरोपी माजू फर्जीवाड़े के मामले में पहले भी जेल जा चुका है। पुलिस ने उसके साथ काम करने वाले 11 अन्य आरोपियों को भी नामजद किया है। उनकी तलाश में छापेमारी की जा रही है। जल्दी ही उन्हें दबोच लिया जाएगा।
क्या है पूरा मामला
नोएडा के सेक्टर-65 में फर्जी फाइनेंस कंपनी है माजू की। गत 14 फरवरी को कंपनी ने जानकारी दी थी। उसमें कहा गया था कि कंपनी के कर्मचारियों का अपहरण करके रंगदारी मांगी जा रही थी। मामले में दो लाख रुपये की रंगदारी भी देने का दावा किया गया था। पुलिस ने तत्काल छानबीन शुरू की थी। जिसमें पता चला कि लखनऊ से संचालित होने वाले नोएडा के साइबर थाने में तैनात सब इंस्पेक्टर चेतन प्रकाश और 6 कॉन्स्टेबल ने कर्मचारियों को उठाया था। उन्हें छोड़ने की एवज में पैसा मांगा जा रहा था।
तत्काल पुलिस ने कार्रवाई की थी। सोनू और नितिन चौधरी नाम के दो लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है। इनमें सोनू ओयो होटल का मैनेजर है और नितिन चौधरी कॉन्स्टेबल है। सब इंस्पेक्टर चेतन प्रकाश और चार अन्य कॉन्स्टेबल अभी फरार हैं। गौतमबुद्ध नगर पुलिस कमिश्नर आलोक सिंह ने आरोपी एसआई सहित सभी छह पुलिसकर्मी को निलंबित कर दिया है। इसके आलावा कमिश्नर ने पूरे मामले की जांच करने के सख्त आदेश दिए है।
