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लोनी निवासी अनिल बैसोया की मृत्यु के बाद भी अस्पताल प्रशासन नही ले रहा है सुध।


24x7 गाजियाबाद न्यूज़
GTB अस्पताल में कार्यरत अस्थाई कर्मचारी अनिल की कोरोना से मौत हो गई। स्वजन का आरोप है कि जब अनिल को कोरोना हुआ था। उन्हें अपने ही अस्पताल में बेड नहीं मिला। उन्हें इलाज के लिए चंडीगढ़ के निजी अस्पताल में दाखिल कराना पड़ा था, जहां 1 हफ्ते पहले उन्होंने दम तोड़ दिया। कर्मचारी के परिवार ने अब मुआवजे की मांग की है। अस्पताल के कोरोना के प्रभारी डॉ एके जैन ने बताया है की हम अपनी तरफ से जो भी संभव होगा, वह करेंगे।

जानकारी के मुताबिक लोनी, गाजियाबाद निवासी अनिल GTB अस्पताल में संविदा पर कार्यरत थे। वह लिफ्ट संचालक से कोरोना काल में वह लगातार ड्यूटी कर रहे थे। 30 अप्रैल को वह संक्रमित हो गए। भाई नीरज ने बताया कि कोरोना संक्रमित होने के बाद अनिल 2 दिन घर में रहे। हालत खराब होने पर वह उन्हें जीटीबी अस्पताल लेकर पहुंचे, लेकिन यहां बेड खाली नहीं था। किसी तरह से चंडीगढ़ के एक निजी अस्पताल में उन्हें भर्ती कराया गया। जहां 10 मई को उनकी मौत हो गई। 
उन्होंने आरोप लगाया है कि अनिल की मौत के बाद ना तो अस्पताल प्रशासन ने और ना ही सरकार ने कोई सुध भी है। अनिल की पत्नी के अलावा दो छोटे बच्चे हैं।
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