सवा करोड़ की ठगी | 60-80 हज़ार प्रति माह देते थे कमाई का झांसा।
गाजियाबाद।। मोबाइल कंपनी के टावर लगवाने, आनलाइन गेम व सट्टे के नाम पर लोगों से ठगी करने वाले गिरोह के दो ठगों को जिले की साइबर सेल ने गिरफ्तार किया है। गिरोह के चार ठग अभी फरार हैं। आरोपितों के पास से चार मोबाइल फोन, एक टैब, चेकबुक, पासबुक व कार बरामद हुई है। आरोपित मोबाइल फोन पर लिक भेजकर लोगों को निशाना बनाते थे। पूर्व में गिरोह 500 से अधिक लोगों से सवा करोड़ रुपये की ठगी कर चुका है। इनके बैंक खातों में पुलिस को 95 लाख रुपये मिले हैं।
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बृहस्पतिवार को एक प्रेसवार्ता में साइबर सेल के नोडल अधिकारी एवं सीओ इंदिरापुरम अभय कुमार मिश्र ने बताया कि पकड़े गए आरोपित दिल्ली भजनपुरा निवासी नितिन गुप्ता व हाथरस निवासी अनुराग चौधरी हैं। पुलिस ने मुखबिर की सूचना पर दोनों को विजयनगर से गिरफ्तार किया है। ग्रेजुएट नितिन गुप्ता गिरोह का सरगना है, जबकि अनुराग अभी बीए प्रथम वर्ष का छात्र है।
पुलिस को दिल्ली और गाजियाबाद के बैंकों में नितिन के नाम से चार खाते मिले हैं, जिसमें से एक 95 लाख रुपये मिले हैं। इन खातों को सीज करा दिया गया है। एक खाता नितिन की सहयोगी मोनिका के नाम से मिला है। पुलिस नितिन के अन्य सहयोगियों को भी तलाश रही है।
60 से 80 हजार रुपये प्रतिमाह कमाने का देते थे लालच।
पुलिस क्षेत्राधिकारी अभय कुमार मिश्र ने बताय कि आरोपित टावर लगवाने के नाम पर लोगों को प्रतिमाह 60 से 80 हजार रुपये कमाने का लालच देते थे। वह एक सीरीज के नंबर चिह्नित करते थे और उस सीरीज के करीब 10 हजार नंबरों पर एक साथ मैसेज भेजते थे। टावर लगवाने के लिए जब लोग इनके नंबरों पर संपर्क करते थे तो आरोपित जियो कंपनी के फर्जी अधिकारी बनकर उनकी जगह का निरीक्षण करने पहुंच जाते थे। यहां वह टावर लगाने के नियमों के हिसाब से जगह में कमी निकालकर पैसे की मांग करते थे और लाखों रुपये अपने खातों में ट्रांसफर करा लेते थे।
पिछले आठ माह से कर रहे थे ठगी।
साइबर सेल प्रभारी सुमित कुमार ने बताया कि आरोपितों से पूछताछ में पता चला है कि वह पिछले आठ माह से ठगी का यह धंधा चला रहे थे। ठगी के लिए वह पहले वाट्सएप पर एक ब्राडकास्ट लिस्ट बनाते थे और बड़ी संख्या में लोगों को एक साथ मैसेज भेजते थे। इनमें ब्राडकास्ट बुकी हब, पंटर ब्राडकास्ट, पैनल सर्विस ग्रुप शामिल हैं। इसके अलावा आरोपितों के मोबाइल फोन में वर्ल्ड 777 बेट और टीमी-एज पैनल सर्विस नाम से लिक मिले हैं। इन लिक को लोगों के वाट्सएप नंबर पर भेजकर आरोपित आनलाइन गेम और सट्टे के नाम पर उन्हें ठगते थे। गेम और सट्टे के नाम पर लोगों को उनकी रकम कई गुना करने का लालच दिया जाता था।
होटल में बना रखा था दफ्तर।
पूछताछ में पता चला है कि गिरोह के सरगना नितिन गुप्ता ने विजयनगर के एक होटल के कमरे में अपना ठगी का दफ्तर बनाया हुआ था। वह पिछले करीब पांच माह से इस होटल में रह रहा था। इस कमरे में उसके साथ आदित्य नाम का साथी भी रह रहा था। नितिन ने पुलिस को बताया कि आदित्य ने ही उसे ठगी का यह आइडिया दिया था। पुलिस आदित्य का भी पता लगाने में जुटी है।
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