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बैंक के पास व्यक्ति से असले के बल पर लूट लाखों रुपए, 3 गिरफ्तार

24x7 गाजियाबाद न्यूज़

RDC में HDFC बैंक के सामने एक मार्च को निजी कंपनी के कर्मचारी से 10 लाख रुपये लूटने की साजिश कंपनी के ही चालक ने रची थी। पुलिस ने ड्राइवर व उसके दो साथियों को सोमवार रात गिरफ्तार कर लूटे गए छह लाख रुपये, वारदात में प्रयुक्त दो बाइक, तमंचा, पिस्टल व कारतूस बरामद किए हैं।

बैंक के पास व्यक्ति से असले के बल पर लूट लाखों रुपए, 3 गिरफ्तार

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ज्ञात हो कि 1 मार्च को बुलंदशहर रोड औद्योगिक क्षेत्र स्थित कंपनी के कर्मचारी नितिन शर्मा RDC स्थित HDFC बैंक की शाखा में 10 लाख रुपये जमा कराने आए थे। कार से निकलते ही सफेद स्कूटी सवार दो बदमाशों ने हथियार के बल पर उनसे रुपये से भरा बैग लूट लिया था। घटना के तुरंत बाद नितिन ने रकम की जानकारी होने से इन्कार कर दिया था।

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ड्राइवर साजिश रच चला गया था लखनऊ

निपुण अग्रवाल एसपी सिटी प्रथम ने बताया कि गिरफ्तार आरोपित कविनगर निवासी नफीस खान, मोहित रावत और छपरौला निवासी बोबी कुशवाहा हैं। रजापुर निवासी सूरज उर्फ शुभम व अलीगढ़ निवासी सनी को पुलिस तलाश कर रही है। एसपी सिटी ने बताया कि नफीस इसी कंपनी में चालक है। बोबी एक साल पहले तक यहां कार्यरत रहा। 28 फरवरी को वह नितिन के साथ अलीगढ़ में कंपनी के क्लाइंट से 10 लाख रुपये लेकर आया था। सोमवार को नितिन दूसरे चालक के साथ पैसे जमा कराने गए, जबकि नफीस मालिक को लेकर लखनऊ चला गया। मगर इससे पहले वह लूट की पूरी साजिश रच चुका था।


स्कूटी के साथ एक और बाइक लाए थे

अवनीश कुमार क्षेत्राधिकारी द्वितीय ने बताया कि नफीस पांच साल से इस कंपनी में कार्यरत है। इसलिए उसे नितिन के रूट, समय और कार तक की पूरी जानकारी थी। एक मार्च को मोहित व सूरज स्कूटी से और बोबी व सनी पीछे पल्सर बाइक से आए। नितिन के कार से निकलते ही मोहित व सूरज उनके पास आए और कनपटी पर तमंचा व पिस्टल लगाकर रुपयों से भरा बैग लूट ले गए।


कुछ दिन पहले भी नितिन से हुई थी लूट

पुलिस के मुताबिक आठ फरवरी को भी नितिन से लूट हुई थी, लेकिन बैग खाली था। यदि इस मामले में पुलिस को सूचना मिलती तो 10 लाख रुपये की लूट को रोका जा सकता था। आठ फरवरी को हुई वारदात भी नफीस के कहने पर हुई थी, लेकिन तब नफीस की सूचना गलत निकल गई थी।


CDR से हुआ पर्दाफाश

लूट के बाद कंपनी मालिक ने बताया कि रुपयों की जानकारी सिर्फ तीन लोगों को थी। पुलिस अधिकारियों की माने तो शुरुआत में मालिक रकम के बारे में नहीं बताना चाहते थे। मगर सख्ती करने पर बताया कि यह रकम नफीस लाया था। इसके बाद पुलिस ने नफीस की सीडीआर निकलवाकर छानबीन की तो हकीकत सामने आ गई।



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