गाजियाबाद में येलो फंगस से हुई पहली मौत
सौजन्य से www.amarujala.com |
24x7 गाजियाबाद न्यूज़
दिल्ली से सटे गाजियाबाद में यलो फंगस से संक्रमित मरीज की शुक्रवार सुबह इलाज के दौरान मौत हो गई। परिजनों का आरोप है कि इलाज में प्रयोग होने वाले इंजेक्शन के लिए पिछले एक सप्ताह से प्रयास किया जा रहा था, लेकिन इंजेक्शन उपलब्ध नहीं हो सका। जिले में इसके अलावा ब्लैक फंगस के भी पांच नए मामले सामने आए हैं, जबकि एक यलो फंगस संक्रमित भी मिला है।
गाजियाबाद के संजयनगर जी-ब्लॉक निवासी व्यक्ति की पिछले कई दिनों से तबीयत खराब चल रही थी। यलो फंगस की पुष्टि होने के बाद आरडीसी राजनगर स्थित हर्ष अस्पताल में उनका इलाज चल रहा था। शुक्रवार सुबह उनका इलाज के दौरान निधन हो गया। उनके पुत्र ने बताया कि उनके पिता को फेंफड़ों में दिक्कत के चलते सांस लेने में भी परेशानी हो रही थी। उनका ऑक्सीजन स्तर भी भी गिर गया था।
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जिसके बाद उन्होंने गोविंदपुरम में एक डॉक्टर के परामर्श के बाद आरटी-पीसीआर और सीवीसी जांच कराई गई। जांच में उनको कोरोना की पुष्टि नहीं हुई। इसके बाद कोविड का ही उनका इलाज डॉक्टर ने किया और कुछ दिन बाद उनकी हालत में सुधार होने पर अस्पताल से छुट्टी मिल गई। अभिषेक ने बताया कि करीब 15 दिन पहले उनके पिता की नाक से खून निकलना और आंखों में सूजन बढ़ गई। ज्यादा परेशानी होनी पर वह पिता को डॉक्टर के पास लेकर गए।
डॉक्टर ने ब्लैक फंगस के लक्षण बताए और राजनगर स्थित हर्ष अस्पताल जाने की सलाह दी। 23 मई को उन्होंने अपने पिता को राजनगर स्थित अस्पताल में भर्ती करा दिया, जहां डॉ. बीपी त्यागी ने म्यूकर माइकोसिस (ब्लैक फंगस) और म्यूकर सेप्टिकस (यलो फंगस) दोनों की पुष्टि की। शुरुआत के एक दिन तो उनको उपचार के लिए एंफोरेटेरेसिन के इंजेक्शन मिल गए, लेकिन इसके बाद अस्पताल ने परिजनों को ही इंजेक्शन लाने को बोल दिया।
मृतक के परिजनों का कहना है कि लाख प्रयास के बाद भी इंजेक्शन नहीं मिले। इस मामले में ACMO डॉ. सुनील त्यागी ने बताया कि शुक्रवार को यलो फंगस से व्यक्ति की मौत की सूचना मिली है। इस बारे में अस्पताल से डिटेल मांगी गई है।