करोड़ों की ठगी करने वाले पांच गिरफ्तार फर्जी फर्म के नाम पर लेते थे पीओएस मशीन
गाजियाबाद। प्रमोद गर्ग
स्वैप करने वाली पीओएस मशीन में खामी बता करोड़ों का खेल करने वाले गिरोह का खुलासा करते हुए नगर कोतवाली पुलिस ने पांच आरोपियों को गिरफ्तार किया है। आरोपितों से पूछताछ में पता चला है कि वह फर्जी फर्म बनाकर फर्जी प्रोफाइल पर क्रेडिट कार्ड लेकर ठगी को अंजाम देते थे। पूर्व में वह कई कंपनियों से करोड़ों की ठगी कर चुके हैं। गिरोह के कई सदस्य अभी फरार हैं, पुलिस उन्हें तलाश रही है।
पुलिस अधीक्षक शहर निपुण अग्रवाल ने बताया कि गिरोह के सरगना मोमीन व पूर्व बैंककर्मी अमजद समेत पांच लोगों को गिरफ्तार किया है। मोमीन ने फर्जी फर्म खोलकर बैंक से पीओएस मशीन ले ली। वहीं, अमजद ने फर्जी प्रोफाइल के क्रेडिट कार्ड बनवाकर उन्हें मशीन पर स्वैप कराया। इस तरह पीओएस मशीन सप्लाई करने वाली एक कंपनी को 33 लाख की चपत लगाई। आरोपियों की अन्य फर्मेें भी ट्रेस हुई हैं, जिससे अंदेशा है कि आरोपियों ने करोड़ों का खेल किया है।
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उन्होंने बताया कि दादरी की नई बस्ती निवासी मोमीन खान, इस्लामनगर निवासी अमजद अल्वी और फिरोज, पंचवटी कॉलोनी निवासी राहुल कुमार और विजयनगर निवासी रवि कुमार को गिरफ्तार किया गया है। मोमीन ने तुराबनगर में एमके इंटरप्राइजेज के नाम से एक फर्म खोली और बैंक में आवेदन कर पीओएस मशीन ले ली। अमजद पूर्व में एक बैंक में क्रेडिट कार्ड बनवाने का काम करता था। उसने मोमीन के साथ मिलकर फर्जी प्रोफाइल के क्रेडिट कार्ड बैंक से बनवा लिए। जिनकी लिमिट डेढ़ से 5 लाख तक होती थी। उन्हें पीओएस मशीन से स्वैप कर रकम अपने खाते में ट्रांसफर कर लेते थे।
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पैसे निकालकर बैंकों में देते थे झूठे शपथ-पत्र
पुलिस अधीक्षक शहर ने बताया कि क्रेडिट कार्ड स्वैप से मिलने वाली रकम निकालने में राहुल, रवि और फिरोज मदद करते थे। रकम निकालने के बाद मोमीन बैंक में फर्जी शपथ-पत्र दे देता था कि उसे भुगतान प्राप्त नहीं हुआ है। इसके बाद बैंक द्वारा पीओएस मुहैया कराने वाली कंपनी से भुगतान वसूला गया। एसपी सिटी का कहना है कि गिरोह में शामिल राकेश नाम का व्यक्ति अभी फरार है। वह भी एक बैंक के क्रेडिट कार्ड बनवाता था। आरोपियों की एक और फर्म ट्रेस हुई है। गड़बड़झाले में बैंककर्मियों की संलिप्तता की भी संभावना है।
दिल्ली के पश्चिम विहार निवासी आदित्य राजपाल पीओएस मशीन मुहैया कराने वाली मुंबई की ट्रांजेक्ट सर्विस प्राइवेट लिमिटेड कंपनी के अधिकृत प्रतिनिधि हैं। उनके मुताबिक मोमीन खान के आवेदन पर कंपनी ने उसे पीओएस मशीन उपलब्ध करा दी। 14 जनवरी से 9 मार्च तक मोमीन ने 46 ट्रांजेक्शन केजरिये 32.93 लाख रुपये का भुगतान क्रेडिट व डेबिट कार्ड से कराया। एकाएक 12 मार्च को विभिन्न बैंकों ने कंपनी से 46 में 39 ट्रांजेक्शन के भुगतान की रकम वापस मांगी। उसमें बताया गया कि मोमीन व अन्य लोगों ने भुगतान न मिलने के संबंध में शपथ-पत्र दिया है। इसके चलते उनकी कंपनी को यह भुगतान करना पड़ा। बाद में पता चला कि मोमीन व अन्य लोगों के खातों में पैसा जाता रहा और वह पैसे गबन करने के लिए झूठे शपथ-पत्र देते रहे। पुलिस ने मोमीन समेत 18 लोगों के खिलाफ केस दर्ज किया था।