बिना मानक चल रहे नशा मुक्ति केंद्र | होते रहे है अपराध
- नशा मुक्ति केंद्रों में होते रहे है अपराध, लगातार आ रही शिकायतें
Ghaziabad News
साहिबाबाद।। नशा मुक्ति केंद्र में भर्ती किए गए रोगी का जीवन कितना सुरक्षित है, यह कोई नहीं जानता। नशा छुड़वाने के लिए मोटी फीस वसूलने वाले नशा मुक्ति केंद्र रोगियों के जीवन की जिम्मेदारी नहीं लेते। रोगी को भर्ती करते समय केंद्र संचालक उसके जीवन की जिम्मेदारी परिवार पर डालते हुए हस्ताक्षर कराते हैं। जिसके बाद रोगी के स्वजन कोई कुछ नहीं कर पाते। बिना मानकों के चल रहे नशा मुक्ति केंद्र लोगों की जान से खिलवाड़ कर रहे हैं। अक्सर होते रहे है अपराध। भोपुरा में संचालित नशा मुक्ति केंद्र से दो सप्ताह पूर्व लापता युवक का सुराग नहीं लग सका है।
18 जुलाई को सदर बाजार दिल्ली निवासी भारत भूषण को भोपुरा स्थित एक नशा मुक्ति केंद्र में भर्ती कराया गया था। जब परिवार के सदस्य 23 जुलाई को उनसे मिलने पहुंचे था तो नशा मुक्ति केंद्र संचालक ने उनके लापता होने की बात बताई थी। स्वजन ने टीला मोड़ थाने में उनकी गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज कराकर सकुशल बरामदगी की मांग की है।
नशा छुड़ाने के नाम पर होती है मोटी वसूली।
ट्रांस हिडन क्षेत्र में जगह-जगह खुले नशा मुक्ति केंद्र रोगियों का नशा छुड़ाने के लिए पांच से सात हजार रुपये प्रतिमाह तक वसूलते हैं। यदि रोगी के स्वजन उसे अलग कमरा, बेहतर खाना, दूध और अन्य पौष्टिक आहार दिलाना चाहते हैं तो उसके लिए अतिरिक्त रुपये जमा कराए जाते हैं। लोगों की मानें तो रोगियों को अलग-अलग सुविधा देने के नाम पर उनके स्वजन से 15 हजार रुपये प्रति माह तक वसूले जाते हैं।
नहीं है जीवन की जिम्मेदारी।
जानकारी के अनुसार रोगी को नशा मुक्ति केंद्र में भर्ती कराने के दौरान वहां के स्टाफ द्वारा एक फार्म भरवाया जाता है। जिसमें लिखा होता है कि यदि रोगी इलाज के दौरान स्वयं को नुकसान पहुंचाता है। आत्महत्या की कोशिश करता है या आत्महत्या कर लेता है तो उसका जिम्मेदारी संस्था नहीं होगी।
खालिद अंजुम, एसडीएम सदर ने बताया कि नशा मुक्ति केंद्र से एक युवक के लापता होने की जानकारी मिली है। नशा मुक्ति केंद्रों की पुलिस और प्रशासन की टीम जांच करेगी। यदि नशा मुक्ति केंद्र बिना मानकों पर चलते पाए जाते हैं तो सभी को बंद कराया जाएगा। साथ ही अगर लोगों को नुकसान पहुंचाने वाले नियम हैं तो कार्रवाई की जाएगी।
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