लोनी | मंडोला के समाधिरत किसानो ने वार्ता का प्रस्ताव ठुकराया। महिलाओं ने भी लिया समाधि का निर्णय
Ghaziabad News
प्रमोद गर्ग
लोनी। मंडोला के आंदोलनरत किसानों ने डीएम से वार्ता का प्रस्ताव भी ठुकरा दिया। जबकि चिकित्सकों की टीम अनशन पर बैठे किसानों की जांच करने पहुंची। महिलाओं ने भी समाधि में बैठने का निर्णय लिया है, उनके लिए गडढे खोदने का काम शुरु हो गया है। किसानों का कहना है जब तक उनकी मांगे नही मानी जाती उनका अनशन व समाधि कार्यक्र म स्थगित नही होगा।
मंडोला विहार योजना के लिए अधिग्रहित की गई लोनी के आधा दर्जन गांवों की भूमि के प्रभावित किसान मुआवजा बढाने व अन्य मांगों को लेकर गत करीब पांच वर्षों से आंदोलनरत हैं। कुछ दिन पूर्व किसानों ने मांगे न माने पर जिंदा समाधि लेने की घोषणा की थी। पूर्व निर्धारित कार्यक्रम के तहत 15 सितम्बर से 17 किसान समाधि में बैठे हुए हैं। जिनमें से आठ अनशन पर है।
लोनी सीएचसी के चिकित्सक रोजाना अनशन पर बैठे किसानोें के स्वास्थ्य की जांच कर रहे हैं तथा किसानोें को अनशन समाप्त करने की सलाह दे रहे हैं, लेकिन किसान मानने को तैयार नही है और मांगे ना माने जाने तक अनशन समाप्त करने को तैयार नही हैं।
अनशन पर बैठे नीरज त्यागी का कहना है कि उन्हे दो दिनों से बुखार है वह दवा भी ले रहे हैं, लेकिन अनशन पर बैठे अन्य लोग अभी श्वांस ले रहे हैंं। नीरज त्यागी ने बताया कि शनिवार को तहसीलदार लोनी ने समाधि स्थल पर पहुंचकर किसानों के प्रतिनिधि मंडल को वार्ता के लिए डीएम व एसएसपी से वार्ता के लिए समाधान दिवस में लोनी तहसील आने का प्रस्ताव दिया था। जिसे ठुकरा दिया गया। समाधि पर बैठै किसान किसी भी अधिकारी से वार्ता के लिए किसी दूसरे स्थान पर नही जाऐंगे। जिस अधिकारी को उनसे वार्ता करनी है उन्हे समाधि स्थल पर ही आना होगा। त्यागी का यह भी कहना है कि अब उनका मुख्य मुददा मुआवजा बढाने की मांग ना होकर केन्द्र सरकार के नये कृषि कानून में ससंोधन की मांग है। जब तक सरकार कृषि कानून में संसोधन नही करेगी वह समाधि से नही उठेगे। दूसरी ओर महिलाओं ने भी समाधि में बैठने का निर्णय लिया है। महिलाओं के लिए भी गडढे खोदने का कार्य शुरु हो गया है।