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दिल्ली में शराब का टोटा | गाजियाबाद में रोज खरीद रहे हैं मनपसंद शराब का कोटा



Ghaziabad News
देश की राजधानी दिल्ली में 17 नवंबर से नई आबकारी नीति लागू होने जा रही है। ऐसे में दिल्ली के शराब के ठेकों पर महंगी और लोगों की पसंदीदा ब्रांड की शराब खत्म हो चली है। इससे दिल्ली के लोग गाजियाबाद से रोज शराब खरीद रहे हैं। मौके को भुनाते हुए आबकारी विभाग ने यूपी बार्डर की सभी दुकानों का शराब का मासिक कोटा बढ़ा दिया है। रिपोर्ट में पता चला है कि जिले के बार्डर की शराब की दुकानों की बिक्री में 50 फीसद की वृद्धि हो गई है। महज 12 दिन में ही कई दुकानों का कोटा खत्म होने पर दोबारा स्टाक मंगवाया गया है। 

लोनी, साहिबाबाद, इंदिरापुरम, भोपुरा और विजयनगर क्षेत्र की दुकानों पर महंगी शराब की बिक्री बढ़ गई है। पता चला है कि दिल्ली की दुकानों पर स्काच की बोतलें खत्म होने से लोग जिले की ओर लोग रुख कर रहे हैं। 

लोनी और इंदिरापुरम में अधिक बिक्री। 

पिछले 12 दिन में लोनी की 61 शराब की दुकानों पर गत वर्ष के सापेक्ष अब तक 68.39 फीसद शराब की अधिक बिक्री दर्ज हुई है। इंदिरापुरम क्षेत्र में 60 फीसद, विजयनगर, खोड़ा में 54 फीसद और साहिबाबाद क्षेत्र में 40 फीसद अधिक बिक्री दर्ज की गई है।

गाजियाबाद में रोज खरीद रहे हैं मनपसंद शराब का कोटा।

दिल्ली सरकार ने खुली बोली के माध्यम से शराब की करीब साढ़े 800 दुकानों को निजी लोगों को आवंटित कर दिया है। करीब 600 सरकारी दुकानें चल रही हैं, लेकिन 17 नवंबर को सभी बंद हो जाएंगी और प्राइवेट लोग दुकानों को संचालित करेंगे। ऐसे में धीरे-धीरे शराब का पुराना कोटा अधिकांश दुकानों पर खत्म हो चला है। मनपसंद ब्रांड की शराब विगत 15 दिन से लोगों को नहीं मिल रही है। ऐसे में गाजियाबाद की दुकानों पर खरीद बढ़ गई है।

राकेश कुमार सिंह, जिला आबकारी अधिकारी ने बताया कि पिछले वर्ष अक्टूबर में शराब की बिक्री से 82.44 करोड़ और इस वर्ष अक्टूबर में 114.70 करोड़ की आय हुई है। अप्रैल से अक्टूबर तक पिछले वर्ष 518 करोड़ और इस साल कुल 781 करोड़ की आय हो चुकी है। नवंबर में पिछले साल 76 करोड़ और इस साल में शराब की बिक्री से 12 नवंबर तक 45 करोड़ की आय हुई है। जिले में शराब की 508 दुकान हैं।


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